रोहित शर्मा motivational story : टीम इंडिया के हिटमैन के संघर्ष और सफलता (Success) की कहानी

हम सभी को लगता है की सफलता बहुत ही आसानी से मिल जाती है , लेकिन हम यह भूल जाते है कि उसकी पीछे उस इंसान ने कितनी मेहनत की होगी | आग में तपकर ही सोना कुंदन बनता है। कुछ ऐसा ही हुआ है भारतीय क्रिकेट टीम के हिटमैन कहे जाने वाले रोहित शर्मा के साथ। एक गरीब लड़के का हिटमैन बनने तक का सफर इतना आसान नहीं था। कई परेशानियों का सामना कर आज रोहित शर्मा इस मुकाम पर पहुंचे हैं कि देश के साथ विदेशों में भी उनके नाम के चर्चे हैं।

 

रोहित शर्मा का नाम आज भला कौन नहीं जानता है। टीम इंडिया के हिटमैन कहे जाने वाले रोहित शर्मा का जन्म महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ था। उनके पिता गुरुनाथ शर्मा एक ट्रांसपोर्ट फर्म स्टोर हाऊस में केयरटेकर का काम करते थे। लेकिन घर में पैसा न होने की वजह से उनके पिता उन्हें मुंबई उनके चाचा जी के पास छोड़ आए थे। रोहित को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था। लेकिन पैसों की कमी के चलते उनके पास बैट था, ना बॉल। दूसरों से क्रिकेट कीट मांग कर वो मैच खेला करते थे। रोहित टीवी देखकर भी क्रिकेट खेलने का अभ्यास करते थे।

 

उनकी इस लगन और मेहनत को देखकर उनके चाचा ने उन्हें एक सस्ती क्रिकेट अकादमी में प्रवेश दिलवा दिया। जहां रोहित शर्मा ने बहुत ही अच्छा क्रिकेट खेला और सभी को प्रभावित कर सबका दिल जीत लिया। जिसके बाद उनके चाचा ने उन्हें एक नया बैट खरीद कर दिया।

 

रोहित शर्मा अपने संघर्ष के बारे में कहते हैं कि वह इस बैट को बहुत ही सभांल कर रखते थे , ताकि बैट टूट ना जाए।  कभी – कभी तो बैट टूटने के दर से वह गेंद को अपने ऊपर ले लेते थे| रोहित एक गेंदबाज बनना चाहते थे। जिसी वजह से वो आठवें नंबर पर बैंटिग करने आते थे। रोहित बचपन से ही सचिन तेंदुलकर के बहुत बड़े फैन थे। गरीबी और आर्थिक तंगी से जूझते हुए अपने अच्छे प्रदर्शन के कारण रोहित को धीरे-धीरे स्पांसर मिलने लगे। रोहित कहते हैं कि शुरु में वह एक अच्छा गेंदबाज बनना चाहते थे, जिसकी वजह से वह आठवें नंबर पर बैटिंग करने आते थे| रोहित कहते हैं कि कुछ लोगो ने उन्हें बैटिंग करने की सलाह दी। जब उनको पहली बार ओपन करने का मौका मिला तो उन्होंने पहली बार में ही शतक जड़ दिया।

 

रोहित शर्मा को 2005 में देवधर ट्रॉफी में खेलने का मौका मिला। रोहित जब  क्रिकेट के मैदान में उतरते हैं तो ऐसा लगता है बल्ला हवा से बाते करता हो। श्रीलंका के खिलाफ एक दिवसीय मैच में सबसे अधिक 264 रन बनाने का कीर्तिमान भी रोहित ने ही रचा है। रोहित शर्मा को एक ऐसी शख्सियत  के रुप में जाना जाता है, जिन्होंने वनडे क्रिकेट के दौरान एक ही पारी  में 16 छक्के जड़े थे। 2015 में भारत सरकार ने रोहित शर्मा को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया था ।

 

रोहित शर्मा आज भारतीय क्रिकेट टीम के एकदिवसीय मैचों में उपकप्तान भी है। उन्होंने अपने लगन और सघंर्ष की बदौलत आज हिटमैन का तमगा हासिल किया है। जमीन से ऊपर उठ कैसे आसमानों की सैर की जाती है। इसकी मिसाल रोहित ने बखूबी पेश है। रोहित शर्मा की यह कहानी सभी के लिए प्रेरणा(motivation)है।

 

अगर आप भी जिंदगी में कुछ अलग करना चाहतें है, अपनी खुद की एक अलग पहचान बनाना चाहते हैं तो आप हमारी लाईफ टाईम मेंबरशिप कों ज्वॉइन करें। अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाईट https://www.badabusiness.com/life-time-membership?ref_code=ArticlesLeads  पर विजिट करें।

Share Now

Related Articles

IIT, दो बार UPSC क्रैक कर IAS बनने वाली गरिमा अग्रवाल की सफलता की कहानी

एनआर नारायण मूर्ति Success Story: कभी पत्नी से लिए थे पैसे उधार, आज खड़ी कर दी अरबों की कंपनी ‘इंफोसिस’

भोपाल का ये युवा IAS एग्जाम क्रैक कर सिर्फ चार सालों में बना कमिश्नर

दूसरों की गलतियों से सीख रिशिता ने खुद को ऐसा किया तैयार, पहले ही प्रयास में UPSC परीक्षा की पार

छत्तीसगढ़ के राहुल सिंह ने कबाड़ से बना डाली करोड़ों की कंपनी

बिना कोचिंग पहले प्रयास में अनन्या कैसे बनीं IAS अधिकारी

नौकरी ना मिलने पर शुरू की खेती, आज किसानों और स्टूडेंट्स के लिए बन चुके हैं मिसाल

कैसे अनाथालय में रहने वाले शिहाब UPSC निकाल बने स्टूडेंट्स की प्रेरणा

Share Now