भगवान राम से सीखें लाइफ मैनेजमेंट के ये 5 गुण
इस समय पूरे भारतवर्ष में नवरात्रों की धूम है। हर प्रदेश में अलग-अलग तरीके से नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। कहीं दुर्गा पूजा का पंडाल सजा है तो कहीं रामलीला के लिए मंच तैयार है जहां दिन हर सूरज ढलते ही राम लीला का मंचन किया जाता है। भगवान राम के जीवन से मनुष्य चाहे तो सीख लेकर अपना जीवन संवार सकता है। राम को यूं ही मर्यादा पुरुषोत्तम नहीं कहा जाता है। अगर रामायण पर नज़र डालें तो राम ने एक आज्ञाकारी पुत्र, बड़ा भाई, पति, राजा, और टीम लीडर के रूप में अपनी भूमिका अदा की है जिनसे सीख लेकर हम अपना जीवन सही तरीके से मैनेज कर सकते हैं। चुंकि इस प्लेटफॉर्म पर हम आपको बिजनेस से जुड़ी जानकारियां देते हैं तो आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि भगवान राम से कौन से गुण सीख कर आप अपनी लाइफ को मैनेज कर सकते हैं।
1. अपनी जिम्मेदारियों को समझें
भगवान राम ने कम उम्र से ही अपनी जिम्मेदारियों को समझा और ज़रूरत पड़ने पर उन जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया। चाहे वो बेटे का फर्ज हो या फिर पति का या कोई भी सामाजिक जिम्मेदारी, मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने सभी जिम्मेदारियों का बखूबी पालन किया। इसी तरह हमें भी जीवन के अलग-अलग पड़ाव पर अलग-अलग रोल निभाने पड़ते हैं। भगवान राम से सीख लेकर हमें अपनी सभी जिम्मेदारियों का सही निर्वाहण करना चाहिए।
2. टीम वर्क में भरोसा रखें
अक्सर लोग ये गलती कर बैठते हैं कि वो सोचते हैं कि कोई भी प्रोजेक्ट या काम वो खुद ही कर लेंगे और इसी में वो फेल हो जाते हैं। अगर रामायण के खंडों को सही से देखें तो पाएंगें कि भगवान राम टीम वर्क पर भरोसा करते थे। वनवास के समय राम जी के साथ उनकी पत्नी सीता और उनके भाई लक्ष्मण ने भी एक टीम के रूप में काम किया। इसी तरह समय के साथ राम जी अपनी टीम का विस्तार करते गये। यहां एक बात ध्यान देने की ये है कि राम जी ने खुद को एक सही लीडर के रुप में स्थापित किया और मौका मिलने पर टीम का नेतृत्व दूसरे हाथों में दिया। भगवान राम ने रणनीति, विश्वास, प्रोत्साहन,श्रेय और दूसरों की बातों को ध्यान से सुना और नतीजा हम सभी जानते हैं कि शत्रुओं की विशाल सेना को हरा दिया। इसी तरह आप भी अपने प्रोजेक्ट को अपने टीम मेंबर्स के बीच बांट कर उसे आसान कर सकते हैं।
3. लाइफ प्लान का खाका तैयार रखें
भगवान राम ने अपने जीवन में हर काम को एक बेहतर योजना के साथ खत्म किया। चाहें वो गुरूकुल जाना हो या फिर ऋषि मुनियों को भयमुक्त कर उनका समर्थन हासिल करना हो, सुग्रीव को राजा बनाना हो या लंका तक पुल निर्माण करना हो। भगवान राम ने हर परिस्थिति के लिए एक विस्तृत योजना बना कर रखी।
4. समस्याओं का समाधान ढूंढे
रामायण में कई ऐसे संदर्भ हैं जहां साफ-साफ उल्लेख किया गया है कि भगवान राम के जीवन में कई बार ऐसे मुश्किल हालात पैदा हुए जब पूरी टीम में निराशा का भाव फैल गया था। लेकिन उन्होंने धैर्य के साथ उन समस्याओं का समाधान ढ़ूंढ़ा और फिर उस पर काम करना शुरू किया। उन्होंने सीता हरण से लेकर लक्ष्मण के मुर्च्छित हो जाने तक कई तरह की समस्याओं का धैर्य के साथ सामना किया। इसी तरह हमें भी समस्याओं से घबराना नहीं चाहिए बल्कि धैर्य के साथ उन समस्याओं का समाधान ढूंढ़ना चाहिए।
5. टीम में सबको समान भाव से देखें
कोई भी व्यक्ति सफलता तभी हासिल करता है जब उसके पास एक अच्छी टीम होती है और एक टीम सफल तभी होती है जब उसे सही मार्गदर्शक मिले। एक कुशल टीम लीडर अपनी टीम के सभी सदस्यों को समान भाव से देखता है। भगवान राम के जीवन में देखें तो वो एक राज परिवार के बेटे थे। लेकिन वो वनवासियों के बीच में वनवासी की तरह सरलता से भी रहे।
जिंदगी में कामयाब इंसान बनना है तो लक्ष्य हासिल करने के लिए बेहतर मैनेजमेंट का होना बेहद ज़रूरी है। इसके लिए रणनीति, विश्वास, प्रोत्साहन, श्रेय, उपलब्धता और पारदर्शिता होना ज़रूरी है और भगवान श्रीराम में यह सभी गुण मौजूद थे। भगवान राम अपना हर काम लगभग मैनेजमेंट के ज़रिये ही करते थे और उस मैनेजमेंट का परिणाम किसी से छुपा हुआ नहीं है। आप भी भगवान राम के जीवन से ये गुण सीखकर अपना जीवन सफल बना सकते हैं।