ESOP से जुड़ी कुछ बातें जो आपको ज़रूर जाननी चाहिए

ESOP से जुड़ी कुछ बातें जो आपको ज़रूर जाननी चाहिए

आज के समय में ESOP शब्द हर जगह सुनने को मिलता है. गूगल पर भी ESOP की बहुत खोज की जा रही हैं. ESOP एक स्कीम का शॉर्ट फॉर्म है जिसके बारे में IT समेत तमाम सेक्टर्स में काम करने वाले लाखों कर्मचारी जानना चाहते हैं.

ESOP यानि एम्प्लॉइई स्टॉक ऑप्शन प्लान जो कि कर्मचारियों के हित में बनाई गई एक लाभकारी योजना है. इस प्लान के तहत कर्मचारी कंपनी के कुछ शेयर का हकदार बन सकता है. अन्य योजनाओं की तुलना में ईसॉप कर्मचारियों को विशेष लाभ प्रदान करता है. कर्मचारियों को कंपनी के साथ जोड़े रखने के लिए भारत तथा विदेशों में कई कंपनियां इस प्लान का उपयोग कर रही हैं. यह तरीका आईटी कंपनियों में सबसे अधिक प्रचलित है. कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को खासकर, सीनियर स्टाफ को खास प्रक्रिया के तहत अपने शेयर खरीदने का मौका देती हैं. जिससे कर्मचारी इस प्रक्रिया के तहत मिले अधिकार का इस्तेमाल कर कंपनी का शेयर खरीद सकता है.यदि आप भी ईसॉप जैसी सुविधा अपने कर्मचारी को देना चाहते है तो best corporate trainer in india से संपर्क कर सकते हैं.

भारत में सबसे पहले आईटी कंपनी इंफोसिस ने अपने कर्मचारियों को ईसॉप जारी किया था. उसने अपने छोटे-बड़े सभी कर्मचारियों को स्टॉक ऑप्शन दिया था. जिससे बदौलत इंफोसिस के कई छोटे कर्मचारी भी करोड़पति बन चुके हैं. आज के इस लेख में हम आपको ESOP से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताएंगे जिनके जरिए आप भी अपनी कंपनी के ESOP ले सकते हैं.

क्यों दिया जाता है ESOP (Why ESOP is given)

ESOP के तहत मिले अधिकार को स्टॉक ऑप्शंस कहते हैं. इसके तहत स्टाफ कंपनी का शेयर फ्री में या रियायती पर हासिल कर सकता है. स्टार्टअप कंपनियां ईसॉप का ज्यादा इस्तेमाल करती हैं. इसकी वजह यह है कि बिजनेस शुरू करते वक्त उन्हें अपने स्टाफ को ज्यादा सैलरी देने के लिए पैसे नहीं होते हैं. इसलिए वे अपने स्टाफ को कंपनसेशन पैकेज के रूप में स्टॉक ऑप्शंस देती हैं. दूसरा कारण ईसॉप की मदद से कर्मचारियों को कंपनी से जोड़कर रखना भी होता है. ऐसे में कंपनी अपने स्टाफ को ऐसा स्टॉक ऑप्शन देती है, जिसका इस्तेमाल भविष्य में शेयर खरीदने के लिए किया जा सकता है.

भारतीय और विदेश कंपनी के ESOP में क्या है अंतर (What is the difference between ESOP of Indian and foreign company)

ESOP के विषय में भारतीय और विदेशी कंपनियों की अलग-अलग राय है. विदेश में प्रमोटर को बिना कोई शुल्क दिए कर्मचारी शेयर का मालिक बन जाता है. जबकि भारत में, कंपनी की लागत को बढाए बिना कर्मचारियों को बेहरत प्रदर्शन के लिए प्रेरित करने और उन्हें कंपनी के साथ जोडे रखने के लिए ईसॉप योजना का इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि, विदेशों में कई कंपनियां ईसॉप को कॉर्पोरेट वित्त के विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति के रूप में इस्तेमाल करती हैं. इसमें वित्तीय विस्तार, अधिग्रहण, डिविजन और कंपनी को निजी रूप से खरीदने से जुडे कारण शामिल हैं. जबकि भारत में ईसॉप इतना लोकप्रिय नहीं है क्योंकि भारत में ईसॉप का दायरा इतना विस्तृत नहीं है.

कैसे मिलता है ESOP (How to get ESOP)

भारत में कई कंपनियां ESOP  देने में कोताही बरतती हैं. जब तक कंपनी अपने कर्मचारियों को शेयर ऑफर नहीं करती है तब तक वो किसी तरह का शेयर नहीं ले सकते हैं. तमाम कंपनियां जो शेयर ऑफर करती हैं उनके शेयर्स में कम से कम तीन साल का लॉक इन पीरियड होता है, यानि इस दौरान कर्मचारी इन शेयर्स को बेच नहीं सकता और ना ही कंपनी छोड़ कर जा सकता है. ईसॉप को अपनी कंपनी में कैसे लागू करें इसकी पॉलिसी बनाने के लिए आप चाहे तो business motivational coach से जुड़कर अपने कर्मचारियों को भी कंपनी के कुछ शेयर दे सकते है. जिससे कर्मचारियों आपकी कंपनी के साथ लंबे समय जुड़े रह सकेंगे.

ESOP से कंपनी को कैसे मिलता है फायदा (How the company benefits from ESOP)

ESOP  से कंपनी और एम्पलॉयी दोनों को ही फायदा होता है. आम तौर पर ESOP में कंपनी के शेयर की कीमत पहले से निर्धारित होती है. यह शेयर के बाजार मूल्य से काफी कम होती है. इस तरह कम कीमत पर शेयर खरीदकर कर्मचारी कंपनी का शेयरधारक बन जाता है. इससे कंपनी के प्रति उसकी लॉयल्टी बनी रहती है. इसके जरिये कर्मचारी की कंपनी की ग्रोथ में भी हिस्सेदार बन जाती है. यह कंपनी के लिए फायदेमंद है.

ESOP की मदद से आप कंपनी के साथ अपने भविष्य को भी बेहतर बना सकते हैं. ESOP हर तरह से आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है.

लेख के बारे में आप अपनी टिप्पणी को कमेंट सेक्शन में कमेंट करके दर्ज करा सकते हैं. इसके अलावा आप अगर एक व्यापारी हैं और अपने व्यापार में किसी कठिन और मुश्किल परेशानियों का सामना कर रहे हैं. आप चाहते हैं कि स्टार्टअप बिज़नेस को आगे बढ़ाने में आपको एक पर्सनल बिज़नेस कोच का अच्छा मार्गदर्शन मिले तो आपको BCP Bada Business (Business Coaching Program)  का चुनाव जरूर करना चाहिए. जिससे आप अपने बिज़नेस में एक अच्छी हैंडहोल्डिंग पा सकते हैं और अपने बिज़नेस को चार गुना बढ़ा सकते हैं.

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