कोरोना महामारी से जीडीपी का हुआ बुरा हाल, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में रिकार्ड 23.9% की आई गिरावट
नई दिल्ली: कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर देशव्यापी लॉकडाउन रहने के कारण देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. इस दौरान सभी आर्थिक गतिविधियों के रुकने से चालू वित्त वर्ष 2020-21 में अप्रैल-जून के दौरान अथर्व्यवस्था 23.9 फीसदी गिरा है. कृषि सेक्टर को छोड़कर विनिर्माण, निर्माण और सेवा समेत सभी क्षेत्रों का प्रदर्शन खराब रहा है.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में स्थिर (2011-12) मूल्य पर जीडीपी का अनुमान 26.90 लाख करोड़ रुपये है, जबकि वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में यह आंकड़ा 35.35 लाख करोड़ रुपये रहा था. इस प्रकार वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 प्रतिशत का संकुचन दिख रहा है जबकि वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी. वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में स्थिर (2011-12) मूल्य पर बुनियादी मूल्य में तिमाही जीवीए 25.53 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जबकि वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में यह आंकड़ा 33.08 लाख करोड़ रुपये रहा था. इस प्रकार इसमें 22.8 प्रतिशत का संकुचन दिखता है.
वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में वर्तमान मूल्य पर जीडीपी का अनुमान 38.08 लाख करोड़ रुपये है जबकि वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में यह आंकड़ा 49.18 लाख करोड़ रुपये रहा था. इस प्रकार वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में जीडीपी में 22.6 प्रतिशत का संकुचन दिख रहा है जबकि वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में 8.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी. वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में वर्तमान मूल्य पर बुनियादी मूल्य में जीवीए 35.66 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जबकि वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में यह आंकड़ा 44.89 लाख करोड़ रुपये रहा था. इस प्रकार इसमें 20.6 प्रतिशत का संकुचन दिखता है. जीडीपी में गिरावट संबंधित अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें
जबकि, वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही से वर्ष 2020-21 के लिए जीडीपी के व्यय घटकों की दरों और प्रतिशत में बदलाव के साथ-साथ स्थिर (2011-12) एवं वर्तमान मूल्यों पर जीडीपी में व्यय और आर्थिक गतिविधि के लिहाज से बुनियादी मूल्य पर जीवीए के साथ-साथ जीडीपी के अनुमान विवरण 1 से 4 में दिए गए हैं. इस बीच कोरोना काल में देश के प्रमुख उद्योगों के विकास की गति धीमी हुई है और उत्पादन 9.6 फीसदी घटा है. आठ कोर उद्योगों के प्रदर्शन के बारे में विस्तृत जानकारी पाने के लिए यहां क्लिक करें
बताया जा रहा है कि देश में 1990 के दशक से तिमाही जीडीपी के आंकड़े जारी हो रहे हैं. इससे पहले जीडीपी में इतनी बड़ी गिरावट कभी नहीं देखी गई थी. कोरोना महामारी का असर सबसे अधिक निर्माण उद्योग पर पड़ा है और यहां 50 प्रतिशत से भी अधिक की गिरावट आई है. हालांकि देशभर एक जून से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद आर्थिक गतिविधियां धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही हैं.