क्या आपने कभी मंच पर खड़े होकर लोगों को संबोधित किया है? अगर किया है तो आपको इस बात का अच्छी तरह से अहसास होगा कि मंच पर रहकर लोगों से बात करना बिल्कुल भी आसान काम नहीं है. स्टेज पर जब आप मौजूद होंगे तो घबराहट की वजह से आप अपना वह विषय भी भूल गए होंगे, जिसके बारे में आप बोलने आए हैं. दिल की तेज बढ़ती धड़कने, हाथों का अचानक कांप जाना और अजीब किस्म की बैचेनी ने आपको बार-बार स्टेज से वापसी का दरवाजा भी जरूर दिखाया होगा. अगर आपको भी स्टेज पर इसी तरह का अहसास हुआ है तो आप ऐसे अकेले व्यक्ति नहीं है. पहली बार मंच पर आकर बड़ी संख्या में ऑडियंस को संबोधित करना किसी भी स्पीकर के पसीने छुड़ाने का काम ही करता है. पब्लिक स्पीकिंग एक कला है, जिसे सीख कर आप भी भारत के बेस्ट मोटिवेशनल या पब्लिक स्पीकर्स (Best Motivational Speaker in India) की लिस्ट में अपना नाम दर्ज करा सकते हैं. चलिए आज बात करते हैं कि पब्लिक स्पीकिंग की इस कला को आप किस तरह से सीख सकते हैं और अपनी शानदार स्पीच और गोल्डन वर्ड्स के दम पर बड़ी से बड़ी ऑडियंस की तालियाँ बटोर सकते हैं.

  1. आप क्या कहेंगे और ऑडियंस क्या सुनेगी (First Know What You Want to say to Your Audience)

पब्लिक स्पीकिंग एक कला के साथ ही एक बड़ी जिम्मेदारी भी है क्योंकि ऑडियंस अपना कीमती समय केवल आपको सुनने के लिए खर्च करने के लिए मौजूद होती है. अब स्पीकर के ऊपर ऑडियंस के उस कीमती समय और विश्वास को सही साबित करने का दारोमदार होता है. आपके पास ऑडियंस हैं और ऑडियंस के सामने एक अच्छी स्पीच देना किसी बेहतरीन अवसर से कम नहीं होता है. आपको अपनी स्पीच और शानदार कान्टेंट के माध्यम से उस ऑडियंस को उनके जीवन में बदलाव लाने वाली जानकारी उपलब्ध करानी है.

इसके लिए आपको अपना विषय पहले ही निर्धारित करना होगा. क्या आपके पास कोई अनुभव है, जिसे आप शेयर करना चाहते हैं या फिर कोई विशेष टॉपिक है, जो आपकी ऑडियंस को अच्छी नॉलेज देगा? ध्यान रखना होगा कि जिस भी कॉन्टेंट का चुनाव आप कर रहे हैं, उसमें वैल्यू होनी चाहिए. अगर वैल्यू नहीं है तो उस टॉपिक को छोड़ दें. ऐसे ही विषय का चयन करना चाहिए, जिससे आपकी ऑडियंस कनेक्ट कर पाए.

  1. प्रैक्टिस कराएगी महारथ हासिल (Keep Practicing)

प्रैक्टिस ही व्यक्ति को महान बनाती है. चाहे किसी भी तरह का कार्य क्यों न हो, अगर लगातार किया जाए है तो उसमें सफलता जरूर मिलती है. पब्लिक स्पीकिंग स्किल्स (Public Speaking Skills) को भी लगातार प्रैक्टिस करते रहने से ही हासिल किया जा सकता है. जब आप अपना विषय या टॉपिक जान जाएं कि आपको किस टॉपिक पर बोलना है तो उसकी लगातार प्रैक्टिक करते रहने से आपमें आत्मविश्वास आता है. यहाँ पर आपको रट्टा नहीं लगाना है, प्रैक्टिस का उद्देश्य स्टेज पर जाने से पहले होने वाली घबराहट को दूर करना है. प्रैक्टिस का उद्देश्य अपने विषय पर अच्छी पकड़ बनाना है. आप चाहे तो अपने कुछ दोस्तों का समूह बनाकर उनके साथ भी प्रैक्टिस कर सकते हैं. "पब्लिक स्पीकिंग स्किल्स" पर वीडियो यहाँ देखे :

  1. इमैजिन करें और बोलें बेहिचक (Visualize or Use the Power of Imagination)

कभी आपने सोचा है कि स्टेज पर ज्यादा लोगों को देख कर घबराहट क्यों होती है? दरअसर जब स्टेज पर आप होते हैं तो आप अनजाने लोगों को देख कर एक तरह के नकारात्मक स्वाभाव से खुद को घेर लेते हैं और फिर वही नकारात्मक स्वाभाव आपमें एक किस्म का डर पैदा कर देता है और आपको लोगों को देख कर घबराहट होने लगती है. ऐसी स्थिति में आपको अपनी इमैजिनेशन और विज्यूलाइजेशन का प्रयोग करना चाहिए. आपको एक लंबी सांस लेने के साथ ही मंच पर पहुंच कर ऑडियंस के मनोभाव को समझना चाहिए और आपको देखती उनकी नज़रों के बारे में सोचना चाहिए. स्पीच को शुरू करने से पहले हॉल या रूम के सन्नाटे को विज्यूलाइज़ करना चाहिए. अपने भीतर भरे आत्मविश्वास को महसूस करना चाहिए. आपको इमैजिन करना चाहिए कि आप एक शानदार स्पीच देने जा रहे हैं, जिसका ऑडियंस भरपूर आनंद उठाने वाली है.

  1. तुलना किए जाने से न ड़रें (Don’t be Scare for Judging)

जब स्टेज पर जाकर आप स्पीच देने की तैयारी करते हैं तो आपके जहन में ऑडियंस को लेकर कुछ सवाल चल रहे होते हैं. आपका ध्यान होता है कि लोग आपकी भाषा, आपकी वेशभूषा, विषय पर आपकी समझ, आपकी जानकारी, आपके हाव-भाव को लेकर कुछ कानाफूसी कर रहे होंगे. आप सोचते हैं कि आपने इस बात को कह दिया, तो लोग क्या कहेंगे? क्या सोचेंगे? बस आपको इन्ही सवालों और शंकाओं से खुद को दूर रखना है. आपको सोचना चाहिए कि आपके पास ऑडियंस से घिरा एक ऐसा मंच है, जहाँ पर आपसे कुछ सीखने की चाह लेकर लोग आपको सुनने आए हैं. आपको न तो दूसरों से तुलना होने का डर होना चाहिए और न ही खुद की भी किसी दूसरे व्यक्ति से तुलना करनी चाहिए. आपको अपने क्षेत्र की पूरी जानकारी होनी चाहिए और ऑडियंस को अच्छी तरह इंगेज़ करना आना चाहिए. अगर आप बिज़नेस कोच (Motivational Coach for Entrepreneurs) हैं, तो यहाँ आपका सामना आंत्रप्रेन्योर्स से होगा. इसलिए जरूरी है कि आपके पास बिज़नेस की हर छोटी बड़ी जानकारी होनी चाहिए.

पब्लिक स्पीकिंग एक ऐसा स्किल है, जो आपको विश्वभर में पहचान दिलाने का काम करता है. आपके व्यक्तित्व में निखार लाने का काम करता है, इसलिए पब्लिक स्पीकर को एक अच्छा प्रोफेशन माना जाता है. आप इन टिप्स और तरीको को अपने जीवन में शामिल कर बेहतरीन पब्लिक स्पीकर्स बन सकते हैं.

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