फिशिंग अटैक से बचने के लिए उद्यमी इन बातों का रखे ध्यान, नहीं तो पड़ेगा पछताना
आज हर बिजनेस को आगे बढ़ने के लिए अपनी ऑनलाइन मौजूदगी दर्ज करना अनिवार्य सा हो गया है. हालांकि आज के इंटरनेट युग में फिशिंग अटैक एक आम बात सी हो गयी है. लेकिन उद्यमियों को इससे हर हाल में बचना बेहद जरुरी है, क्योकि इससे न केवल उद्यमी बल्कि उसके कारोबार को भी बड़ा नुकसान पहुंचाया जा सकता है. बिजनेस को सफल बनाने के लिए उद्यमी फॉलो करें ये 5 सक्सेस टिप्स
साइबर अपराधियों द्वारा बैंक खातों से फिशिंग से जरिये रुपये उड़ाने वाले कई मामले आप ने भी जरुर सुने होंगे. फिशिंग के लिए अपराधी खुद को भरोसेमंद व्यक्ति के रूप में प्रस्तुत कर ई-मेल जैसे इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यमों के ज़रिये उद्यमी के नाम, पासवर्ड, PIN, बैंक खाते व क्रेडिट कार्ड के विवरण को प्राप्त करने का प्रयास करते है. फिशिंग आम तौर पर ई-मेल स्पूफिंग या इंस्टेंट मैसेजिंग द्वारा किया जाता है और यह अक्सर यूजर्स को एक ऐसी फर्जी वेबसाइट पर विवरण दर्ज करने के लिए निर्देशित करता है, जो देखने में असली वेबसाइट की तरह ही होती है.
फिशिंग सोशल इंजीनियरिंग की ऐसी तकनीक का एक उदाहरण है जिसका उपयोग उद्यमियों को ठगने, कारोबार से जुड़ी जानकारियां चुराने आदि के लिए अमूमन किया जाता है. जालसाज ऐसे फ़िशिंग ईमेल भेजते हैं जिससे उद्यमी का ध्यान आकर्षित हो और वह आसानी से चाल में फंस जाएं.
नीचे बताये गए तरीकों से करें फिशिंग अटैक से बचाव-
- ब्राउज़र में URL की जाँच करें.
- संख्याओं के साथ शुरू होने वाली वेबसाइट्स पर अपनी जानकारी दर्ज न करें.
- हमेशा गलत स्पेलिंग वाले URL की जाँच करें.
- इसलिए एड्रेस बार में हमेशा URL को टाइप करें और कॉपी-पेस्ट न करें.
- हमेशा सुरक्षित चैनल पर ऑनलाइन बैंकिंग करें अर्थात सुरक्षित बैंकिंग के लिए पैडलॉक और सुरक्षित चैनल देखकर सुनिश्चित करें.
- हमेशा वेबसाइट की विश्वसनीयता की जांच करें यानी उसमें https और पैडलॉक हो.
- हमेशा वित्तीय या अन्य व्यक्तिगत जानकारी के लिए किसी भी ईमेल अनुरोध को संदेह से देखें, विशेष रूप से तब जब कोई "तत्काल" अनुरोध किया गया हो. जब संदेह हो, तो संदिग्ध ईमेल पर प्रतिक्रिया न दें या संदिग्ध वेबसाइट्स पर जानकारी दर्ज न करे. आपको प्राप्त संचार की वैधता की पुष्टि करने के लिए आप कथित प्रेषक से संपर्क कर सकते हैं.
- कभी भी उन ईमेलों का जवाब न दें जो आपके क्रेडिट कार्ड / डेबिट कार्ड / बैंक की जानकारी जैसे व्यक्तिगत विवरणों के बारे में पूछते हैं.
साइबर अपराधी अक्सर लुभावने ऑफ़र जैसी तकनीक का इस्तेमाल करते हैं. जिससे उद्यमी लिंक पर क्लिक कर खुद ही अपनी संवेदनशील जानकारियों को साझा कर दें. कभी-कभी यह कहते हुए धमकी भरा मेल भेजा जाता है कि यदि आप ई-मेल संदेश का जवाब नहीं देते हैं तो आपका खाता बंद हो जायेगा या आपकी कंपनी से जुड़ा कोई डॉक्यूमेंट अमान्य हो जायेगा. ठग अनेको प्रकार के बड़े नुकसान होने की चेतावनी देते है, लेकिन उद्यमी को सचेत रहकर खुद को बचाना चाहिए.