भारत के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले महात्मा गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। इन्होंने ऐसे समय में देश का नेतृत्व किया, जब भारतवासियों को एक अच्छे लीडर की ज़रूरत थी। यह वह समय था, जब भारत अंग्रेजों से अपनी आज़ादी के लिए लड़ रहा था और ऐसे वक़्त में गांधीजी ने पूरे देश को दिशा दिखाकर देश को गुलामी की जंजीरों से आज़ाद होने का रास्ता दिखाया। गांधीजी ने आजादी की लड़ाई को जन-जन तक पहुँचाया और सभी के प्रिय भी बन गए।

उस समय कई सारे लीडर थे, लेकिन क्यों सिर्फ महात्मा गांधी ही एक बड़े लीडर के रूप में उभर कर आये? महात्मा गांधी के जीवन को यदि देखा जाए, तो हम समझ सकते हैं कि कैसे एक आम आदमी अच्छा लीडर बनकर लोगों को या किसी ऑर्गेनाइजेशन को राह दिखा सकता है।

आज महात्मा गांधी से सीखिए अच्छे लीडर बनने के गुण-

  1. शुरुआत करना है ज़रूरी:

    यदि आपके पास कोई बिज़नेस आईडिया है और आप उसे शुरू करना चाहते हैं, लेकिन आप एक अच्छी टीम की तलाश कर रहे हैं। ऐसे में अक्सर आप सोचते रह जाते हैं कि जब तक एक अच्छी टीम नहीं होगी, तब तक अपना काम शुरू नहीं कर सकते। जबकि आपको अपने आईडिया पर काम करना शुरू कर देना चाहिए और उसे और अच्छा बनाने का प्रयास करना चाहिए। ऐसे में आप देखेंगे कि धीरे-धीरे आप सफल होते जा रहे हैं और समय के साथ लोग भी आपसे जुड़ते जा रहे हैं। जब गांधी जी ने दांडी यात्रा की थी, तब शुरुआत में  उनके साथ सिर्फ 78 लोग थे। लेकिन जब वे दांडी पहुंचे तब हजारों की संख्या में लोग उनके साथ थे। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने अपने आईडिया पर स्वयं काम शुरू कर दिया और उनकी इच्छाशक्ति को देखकर लोग उनसे जुड़ते चले गए।

  2. लक्ष्य नहीं अपना तरीका बदलना:

    जब व्यक्ति अपने लिए लक्ष्य निर्धारित करता है और कुछ परेशानी आने पर ही वह उसे छोड़ देता है। ऐसे समय में अपना लक्ष्य नहीं, उसे पाने का तरीका बदलना चाहिए। जब हम किसी एक तरीके में फेल हो जाते हैं, तो इससे हम कुछ नया सीख सकते हैं। जब गांधी जी ने देश की स्वतंत्रता का लक्ष्य निर्धारित किया, तब उनके सामने भी कई परेशानियां आयी। लेकिन उन्होंने कभी भी अपने लक्ष्य को नहीं बदला, बल्कि लक्ष्य प्राप्त करने के विभिन्न तरीके जैसे आमरण अनशन, सविनय अवज्ञा आंदोलन आदि आपनाये।

  3. लोगों के सामने उपदेश नहीं, उदाहरण पेश कीजिये:

    जब आप किसी को कोई काम करने के लिए कहते हैं और वे व्यक्ति शायद उस काम को करने से मना कर दे, ऐसे में यह ज़रूरी है कि आप पहले उस काम को खुद करें। गांधी जी किसी भी काम की शुरुआत खुद करते थे, चाहे वो सविनय अवज्ञा आंदोलन करना हो, दांडी यात्रा हो या आमरण अनशन। सत्य और अहिंसा का प्रयोग उन्होंने खुद किया, उसके बाद ही पूरी दुनिया ने उनके कामों को फॉलो किया।

  4. जितना बड़ा लक्ष्य, उतना बड़ा संघर्ष:

    हमें कभी भी जीवन में संघर्षों से घबराना नहीं चाहिए। क्योंकि हमारा लक्ष्य जितना बड़ा होगा, उसके रास्ते में आने वाले संघर्ष उतने ही बड़े होंगे। यदि आपके जीवन में संघर्ष नहीं हैं, तो यकीन मानिये कि आप सही रास्ते पर नहीं हैं। यदि आप जीवन में सफल होना चाहते हैं तो अपने सामने आने वाले संघर्षों को कठिन परिश्रम के द्वारा पार करना होगा, तभी आप जीवन में सफल हो सकते हैं।

  5. लोगों की उपेक्षा और हंसी को झेलकर आपकी जीत होती है:

    जब भी आप कोई नया काम शुरू करते हैं, तो लोग पहले आपकी उपेक्षा करते हैं, आपका मज़ाक उड़ाते हैं और आपकी क्षमताओं को कम आंकते हैं। लेकिन जब आप अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित कर निरंतर परिश्रम करते रहते हैं, तो आपकी जीत निश्चित होती है और वही लोग बाद में आपकी प्रशंसा करने लग जाते हैं। अतः लोगों की उपेक्षाओं और हंसी को नज़रअंदाज कर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते चलिए, सफलता आपके कदमों में होगी।

Mahatma Gandhi

महात्मा गांधी ने अपने सामने आने वाली सभी बाधाओं को पार कर अपने लक्ष्य की प्राप्ति की और देश की आज़ादी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज के समय में यदि आप जीवन में सफल होना चाहते हैं या एक अच्छा लीडर बनना चाहते हैं, तो गांधी जी के ये गुण आपको अवश्य अपनाने चाहिए।


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