अजीत डोभाल के इन किस्सों को सुनकर हर नागरिक को होता है उन पर गर्व
भारत में वैसे तो अनेकों महान हस्तियों ने जन्म लिया है, लेकिन कुछ ऐसी शख़्सियत भी हैं, जो देश पर जान न्यौछावर करने को हर वक्त तैयार रहते हैं. भारत में जन्में ऐसे ही रत्नों में से हैं अजीत डोभाल. देश में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की भूमिका निभाने वाले अजीत डोभाल के बारे में वैसे तो आपने काफी कुछ सुना और पढ़ा होगा, लेकिन उनके बारे में कुछ ऐसी भी दिलचस्प और रोमांचक कहानियां हैं, जिन्हें सुन कर आप हैरान हो जाएंगे. देश के प्रति उनकी ऐसी निष्ठा देख कर आप सोच में पड़ जाएंगे और उन पर गर्व करेंगे.
मिजोरम में दिलायी बड़ी जीत
अस्सी के दशक में भारत के अधिकतर राज्यों से जब अलग-अलग देश बनाने की मांग की जा रही थी, तब सबसे ज्यादा चर्चा उत्तर पूर्व में मिजोरम की हो रही थी. मिजोरम में लालडेंगा अपने 7 कमांडरों के साथ मिलकर हिंसा और अशांति फैलाने का काम कर रहा था. इसी अशांति और बेलगाम हिंसा को रोकने का काम अजीत डोभाल को सौंपा गया. अजीत डोभाल ने अपनी कूटनीतियों और रणनीतियों के माध्यम से लालडेंगा के गिरोह में अपने पैर पसारना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे लालडेंगा के 7 कंमाडरों को अपने खेमें में शामिल कर लिया. अब लालडेंगा अकेला पड़ चुका था और उसे मजबूरी के चलते भारत सरकार के साथ शांतिविराम के लिए समझौता करना पड़ा. इस तरह से जहां गोलिया चलने की घटनाएं सामने आ रही थी वहीं अजीत डोभाल की बोली से गोलिया पर भी विराम लगा और शांतिविराम पर समझौता भी हो गया.
अजीत डोभाल के ऐसे ही किस्सो को आप इस वीडियो के माध्यम से भी जान सकते हैं.
अजीत डोभाल से इसलिए ख़ौफ खाता है पाकिस्तान
अजीत डोभाल के एक नहीं बल्कि कई ऐसे किस्से हैं, जिन्हें सुनकर आपको जेम्स बॉण्ड की कहानिया भी फिकी लगने लगेंगी. पड़ोसी देश पाकिस्तान अजीत डोभाल से सबसे ज्यादा ख़ौफ खाता है. उन्होंने लगभग सात साल तक पाकिस्तान में रह कर जासूसी की और ऐसे पुख़्ता सबूत जुटाए, जिनका उपयोग भारत को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से पाकिस्तान करने वाला था. सात सालों तक अजीत डोभाल ने एक भिखारी के रूप में पाकिस्तान में अपना समय बिताया और एक अंडरकवर एजेंट के तौर पर काम किया.
जब अजीत डोभाल को पता चला कि परमाणु परीक्षण करने वाले व्यक्ति के बालों में रेडिएशन से पता लगाया जा सकता है कि वहां पर परीक्षण कि तैयार हो रही है या नहीं. तब उन्होंने भिखारी बन कर एक बार्बर की दुकान के बाहर बैठना शुरू कर दिया. ताकि बार्बर की दुकान पर आने वाले साइंटिस्ट के बालों का सैंपल इकट्ठा कर सके. ये वही साइंटिस्ट थे जो परमाणु बनाने की तैयारी कर रहे थे. अजीत डोभाल के द्वारा जुटाए गए सैंपल की वजह से ही पाकिस्तान को परमाणु परीक्षण में मुँह की खानी पड़ी और उनका यह परीक्षण 15 साल के लिए टल गया.
सात सालों में अजीत डोभाल ने पाकिस्तान की हर छोटी-बड़ी कमजोरी और ताकत को जान लिया था. अजीत डोभाल द्वारा जुटायी गई जानकारी और तथ्यों के आधार पर ही भारत सरकार पाकिस्तान को समय-समय पर जवाब देने में कामयाब रही है. इंडियन आर्मी द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक को इसका सबसे बड़ा उदाहरण माना जाता है. अजीत डोभाल को सर्जिकल स्ट्राइक मास्टर माइंड कहा जाता है. यही वजह है कि पाकिस्तान आज भी अजीत डोभाल का नाम सुन कर ख़ौफ खाता है.
सिक्किम को बनाया भारत का अभिन्न हिस्सा
सिक्किम को भारत का हिस्सा बनाने के लिए जब भारत सरकार ऐडी-चोटी का जोर लगा रही थी, तब अजीत डोभाल की रणनीतियों ने की सिक्किम को भारत में मिलाने के कारनामे को सच कर दिखाया था. सिक्किम के राजा ने एक अमेरीकि लड़की से शादी की, लेकिन वह लड़की सीआईए एजेंट के तौर पर काम कर रही थी. भारत सरकार सिक्किम में अमेरिका द्वारा लिए गए फैसलों से बेहद चिंतित थी. यहां भी अमेरिका के बढ़ते प्रभाव को सिक्किम से उखाड़ फेकने का काम अजीत डोभाल को सौंपा गया. अजीत डोभाल ने वहां के लोकल लोगों के साथ मिलना-जुलना शुरू किया और वहां की रीज़नल पार्टी सिक्किम नेश्नल पार्टी के नेता को अपने साथ ले लिया. इसके बाद जब चुनाव कराया गया तो सिक्किम की जनता ने भारत में शामिल होने के लिए अपना मत दिया और इस तरह से यहां भी अजीत डोभाल की रणनीतियों की वजह से सिक्किम को भारत में मिलाने का काम किया गया.
अजीत डोभाल भारत के ऐसे नागरिक है, जिन्हें शांतिकाल में दिये जाने वाले सबसे बड़े पुरस्कार कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जा चुका है. 1968 बैच के आईपीएस ऑफिसर अजीत डोभाल ने 1972 में इंजेटीजेंस ब्यूरो में शामिल होकर काम करना शुरू कर दिया और उसके बाद अपने काम की बदौलत उनका कद और सम्मान दोनो बढ़ते चले गए.
अजीत डोभाल के यह कुछ ऐसे किस्से हैं, जिन्हें जानकर हर नागरिक हैरान हो जाता है और अजीत डोभाल के साहस और बुद्धि की तारिफ करता है और देश के प्रति उनके लगाव पर गर्व महसूस करता है.