भारत सरकार देश की तरक्की की राह आसान करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. देश के व्यापारियों और किसानों के बाद अब बीपीओ सेक्टर के लिए एक खास कदम बढ़ाया गया है. दरअसल बीपीओ सेक्टर के लिए सरकार कुछ नियमों को आसान बनाने का काम करने जा रही है.23 जून से सरकार ने ‘वॉयस’ आधारित बीपीओ यानी टेलीफोन के जरिये ग्राहकों को सेवा देने वाले क्षेत्रों के लिये कुछ दिशानिर्देश को सरल बना दिया गया है.
नए नियमों के तहत घरेलू और अंतरराष्ट्रीय इकाइयों के बीच होने वाले अंतर को समाप्त करने और दूसरे सेवा प्रदाताओं (ओएसपी) के बीच इंटरकनेक्टिविटी की अनुमति दी गयी है. ऐसा करने के पीछे का सरकार का उद्देश्य एक पसंदीदा वैश्विक आउटसोर्सिंग केंद्र के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत बनाना है.
मौटे तौर पर नियमों के तहत अब वैश्विक कंपनियों जैसे एयरलाइन को भारत में कॉल सेंटर (वॉयस आधारित केंद्र) के जरिये वैश्विक और घरेलू ग्राहकों को साझा दूरसंचार संसाधनों के जरिये सेवा देने की अनुमति दी जाएगी. इसके पहले की अगर बात कि जाए तो इसके लिये उन्हें अलग-अलग बुनियादी ढांचा तैयार करने की जरूरत पड़ती थी.इसके अलावा एक ही कंपनी, समूह की कंपनी या असंबद्ध कंपनी के किसी भी बीपीओ (बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग) केंद्र को लेकर डेटा इंटरकनेक्टिविटी यानी दो या दो अधिक केंद्रों के नेटवर्किंग पर पाबंदी समाप्त कर दी गयी है. इसके साथ ही बीपीओ परिचालन में संसाधनों के प्रबंधन में लचीलापन की अनुमति दी गयी है.
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अगर मोटे तौर पर बात की जाए तो इन उपायों से बीपीओ के लिये बड़े स्तर पर लागत कम होगी और संसाधनों के बेहतर उपयोग के मामले में उल्लेखनीय रूप से सुधार आएगा. इससे भारत के आईटी सेक्टर युक्त सेवा परिचालनों के लिये अनुकूल और पसंदीदा केंद्र के रूप में स्थापित होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘हमारे बीपीओ उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए, नवंबर 2020 में आसान किए गए ओएसपी दिशानिर्देशों को और भी सरल बनाया गया है, जो व्यापार में अधिक सुगमता और नियामकीय स्पष्टता प्रदान करते हैं. यह अनुपालन बोझ को और कम करेगा और हमारे तकनीकी उद्योग की मदद करेगा.’’
संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने आज ओएसपी दिशानिर्देशों को अत्यधिक सरल बनाया है. यह क्रांतिकारी कदम भारत को बीपीओ के लिए एक पसंदीदा वैश्विक गंतव्य बनाएगा.’’
भारत का आईटी-बीपीओ उद्योग 2019-20 में 37.6 अरब डॉलर (करीब 2.8 लाख करोड़ रुपये) का था. इस क्षेत्र में लाखों युवाओं को रोजगार मिला हुआ है. रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि देश के बीपीओ उद्योग में काफी संभावना है और यह 2025 तक 55.5 अरब डॉलर (3.9 लाख करोड़ रुपये) पहुंच सकता है. इसलिए इस क्षेत्र को अधिक सरल नियमों की दरकार थी, जिसे अब पूरा किया गया है.