पिछले कुछ सालों से एक नया शब्द काफी ज्यादा सुनने में आ रहा है ‘एंटरप्रेन्योरशिप’। आज के समय में हर कोई अपना बिज़नेस शुरू करना चाहता है। आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम बढ़ाना चाहता है। ऐसे में हर किसी की चाह होती है कि वो कुछ ऐसा काम करे जिसमें उसे सफलता प्राप्त हो। इसलिए अधिकतर लोग अब नौकरी से ज्यादा बिजनेस करने में अपनी रूचि दिखा रहे हैं। आए दिन नए-नए आइडिया स्टार्टअप का रूप ले रहे हैं। इन्हीं नए स्टार्अप को शुरू करने वाले लोगों को एंटरप्रेन्योर और इनके बिज़नेस को एंटरप्रेन्योरशिप कहा जाता है।  एंटरप्रेन्योरशिप में नए विचारों की निरंतर खोज, जिम्मेदारी लेने की इच्छा और इसे शुरू करने से लेकर पूरा होने तक का पूरा प्लान शामिल होता है। सरल शब्दों में एंटरप्रेन्योरशिप का अर्थ है एक शानदार बिजनेस आइडिया के साथ मार्केट में उतरना है। अपनी मेहनत के दम पर उस बिजनेस को बड़ी सफलता दिलाना। लेकिन आज जिस तरह से मार्केट में प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। हर कोई अपना बिज़नेस (Business) शुरू कर रहा है ऐसे में मार्केट में अपनी पहचान बनाए रखना काफी चुनौतिपूर्ण काम हो गया है। लेकिन सिक्के का दूसरा पहलू यह भी है कि इन्हीं चुनौतियों को पार कर के कोई भी व्यक्ति एक सफल एंटरप्रन्योर बनता है। अगर आप भी एक सफल एंटरप्रन्योर बनना चाहते हैं तो आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कौन-कौन सी चुनौतियों को पार कर आप भी एक सफल एंटरप्रेन्योर बन सकते हैं।

1. नए-नए जोखिम आते हैं सामने

एंटरप्रेन्योरशिप की राह में आए दिन नए-नए जोखिम सामने आते रहते हैं। अपना बिज़नेस शुरू करना एक जोखिम भरा काम है। इसे शुरू करना जितना आसान है उतना ही मुश्किल इसे बनाए रखना है। जब आपका स्टार्टअप एक बड़े बिज़नेस में बदल जाएगा, तब आप बहुत अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन आमतौर पर शुरुआती सालों में आपको लंबा इंतजार करना पड़ता है। इस बीच कई बार ऐसी स्थितियां भी उत्पन्न हो जाती है जिससे आपको लग सकता है कि अब इस बिज़नेस को बंद करना पड़ेगा। ऐसी परिस्थिती में हिम्मत न हार कर अपने बिज़नेस पर फोकस कर के ही आप आगे बढ़ सकते हैं। एंटरप्रेन्योरशिप में लगभग सभी अलग-अलग विषय, पृष्ठभूमि, जोखिम के स्तर, पिछले अनुभवों और आय समूहों से आते हैं। इसलिए इसे शुरू करने के लिए आपको सही रिसर्च करने की जरूरत होती है। इसके लिए आप  अपने बाजार के बारे में रिसर्च करें, संभावित ग्राहकों और क्लाइंट से बात करें, एक लक्ष्य को निर्धारित करें, अपने विचार में विश्वास करें, छोटे कदम उठाएं साथ ही दूसरों से सीखें और लगातार काम करते रहें। इसके अलावा आप चाहें तो बिज़नेस ट्रेनर (Business Trainer) की भी मदद ले सकते हैं।  इस तरह आप अपनी राह में आने वाली लगभग सभी चुनौतियों से निपट पाएंगे।

2. अकेले करना पड़ता है हर काम

एंटरप्रेन्योरशिप की शुरूआत में किसी भी व्यक्ति को वन मैन आर्मी की तरह काम करना पड़ता है। यानी की उसे अकेले ही सभी कामों को देखना पड़ता है। स्टार्टअप के लिए जगह, आर्थिक ढांचे आदि के आधार पर प्रोडक्ट और ग्राहक समूहों को बेचने के लिए मुख्य बाजार की पहचान अकेले ही करनी पड़ती है। इसके अलावा बिज़नेस के  विचारों को साझा करने के लिए प्रायोजकों, निवेशकों, आपूर्तिकर्ताओं या इच्छुक पार्टियों को ढूँढ़ना, व्यक्तियों और भागीदारों को ढूँढ़ने का काम भी अकेले ही करना पड़ता है। अपने बिज़नेस के लिए सही टीम को ढूंढना,उसे बनाना,अपने प्रतिस्पर्धियों को पहचानना,मार्केट के उतार-चढ़ाव को समझने का काम खुद ही करना पड़ता। यही नहीं नियमित रूप से मीटिंग्स, लेनदेन आदि के लिए यात्रा करना,पूंजी जुटाना, पूंजी को  कैसे और कहां खर्च करना है, इन्वेस्टर को ढूंढना, आयात-निर्यात इत्यादि को देखने के सभी काम को शुरुआत में अकेले ही करना पड़ता हैं। तभी आगे जाकर एक आंत्रप्रन्योर एक सही टीम विकसित कर पाता है। इन कामों को कैसे सही तरह से मैनेज किया जाता है इसके लिए बिज़नेस कोच (Business Coach for Entrepreneurs) आपकी मदद कर सकता है।  इस तरह आगे चल कर एक सफल एंटरप्रेन्योर बन पाता है। एक सफल एंटरप्रन्योर बनने की राह को आसान बनाने के लिए आप डॉ विवेक बिंद्रा जी यह वीडियो देख सकते हैं-

3. लक्ष्य तक पहुंचने की चुनौती

एंटरप्रेन्योरशिप में सबसे बड़ी चुनौती लक्ष्य तक पहुंचने की होती है। हर बिज़नेस का एक लक्ष्य होता है। स्टार्टअप में तो कई छोटे-बड़े लक्ष्य होते हैं जिसे आंत्रप्रेन्योर को पूरा करना ही होता है। अगर आपके पास कोई यूनीक बिजनेस आइडिया, कोई यूनिक स्टार्टअप या फिर किसी भी प्रकार का बिजनेस आईडिया है और आप उस बिजनेस आइडिया को मार्केट में अपनाना चाहते हैं, तो आपको एंटरप्रेन्योरशिप के बारे में सही जानकारी हासिल करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही आपको अपने बनाए हुए लक्ष्य तक पहुंचना होगा। एंटरप्रेन्योरशिप में कोई भी लक्ष्य बनाने से पहले यह सोच-विचार कर ले कि वो आपके बिज़नेस से मेल खाता है या नहीं, आप उसे पूरा कर पाएंगे या नहीं। दरअसल कई बार लोग दूसरों की देखा-देखी में ऐसे लक्ष्य निर्धारित कर लेते हैं जिसे वो पूरा नहीं कर पाते। इसलिए वही लक्ष्य बनाए जिसे करने में आपकी रूचि हो तभी आप अपने इस लक्ष्य को पूरा कर पाएंगे।

किसी भी आंत्रप्रेन्योर के सामने यह 3 मुख्य चुनौतियां आती हीं हैं। इनसे निपटकर ही आप सही मायने में एंटरप्रेन्योरशिप को समझ सकते हैं और इसमें सफलता प्राप्त कर सकते हैं। एक बार आप इन चुनौतियों से पार पा लेते हैं तो सफलता को प्राप्त करना आपके लिए आसान हो जाता है।

लेख के बारे में आप अपनी टिप्पणी को कमेंट सेक्शन में कमेंट करके दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा आप अगर एक व्यापारी हैं और अपने व्यापार में कठिन और मुश्किल परेशानियों का सामना कर रहे हैं और चाहते हैं कि स्टार्टअप बिज़नेस को आगे बढ़ाने में आपको एक पर्सनल बिज़नेस कोच का अच्छा मार्गदर्शन मिले तो आपको PSC (Problem Solving Course) का चुनाव जरूर करना चाहिए जिससे आप अपने बिज़नेस में एक अच्छी हैंडहोल्डिंग पा सकते हैं और अपने बिज़नेस को चार गुना बढ़ा सकते हैं ।