ऐसा माना जाता है कि काम करने और आराम करने की एक उम्र होती है। अक्सर लोगों को लगता है 58-60 साल की उम्र के बाद काम से रिटायर होकर आराम का जीवन जियेंगे। अधिकांश लोग यही करते भी हैं। लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि 85 साल की उम्र में कोई बुजुर्ग स्टार्टअप शुरू करे और उसमें बड़ी सफलता भी हासिल कर ले। एक पल को ऐसा सोचना नामुमकिन लगता है। लेकिन इस बात को प्रमाणित करने का काम किया है गुजरात के दंपति राधा कृष्ण चौधरी और उनकी पत्नी ने।  इन्होंने न केवल इस उम्र में आकर कंपनी की शुरूआत की बल्कि उसे सफल बना कर अपनी कमाई से पहली कार भी खरीदी है। इस दंपति की कहानी  किसी सुंदर काल्पनिक कहानी की तरह लगती है लेकिन हकीकत यह है कि यह कहानी असल जिंदगी की है।  राधा कृष्ण चौधरी जी ने रिटायरमेंट के बाद अपने जीवन में आराम करने की बजाय अपनी पहचान बनाने की ठानी। उन्होंने काफी रिसर्च करने के बाद, बालों के झड़ने और गंजेपन जैसी अनेक समस्याओं के समाधान के लिए मार्केट में एक नया हर्बल ऑयल पेश किया। जिसके चलते आज उन्होंने अपनी मेहनत से सफलता की नई कहानी लिखी है। लेकिन उनका यह सफर इतना भी आसान नहीं था। आइए जानते हैं उनके जीवन की प्रेरक कहानी के बारे में।

  • रिटायरमेंट के दस साल बाद, शुरु किया बिजनेस

आमतौर पर 85 साल की उम्र, ऐसी उम्र मानी जाती है जहां लोग घर और नौकरी की जिम्मेदारी से मुक्त होकर आराम की जिंदगी गुजारना चाहते हैं। लेकिन गुजरात के राधा कृष्ण चौधरी और उनकी पत्नी शकुंतला चौधरी की जोड़ी, उम्र के इस मोड़ पर भी कुछ नया शुरू करने का जज्बा रखती है। यही कारण है कि उन्होंने आराम करने की बजाय काम करने का विकल्प चुना। उन्होंने काफी रिसर्च के बाद पचास जड़ी-बुटियों से तैयार हर्बल ऑयल को तैयार किया। राधा कृष्ण चौधरी ने अविमी हर्बल की शुरुआत करने के सिर्फ 6 महीने के अंदर इसे एक शानदार कंपनी बना दिया है। दुनिया भर के लोग अविमी हर्बल के प्रोडक्ट को पसंद कर रहे हैं और वे इसे मंगाना चाहते हैं।आयुर्वेद की मदद से वह लोगों के बालों की समस्या का समाधान निकाल रहे हैं और लोगों का भरोसा उनके कारोबार पर लगातार बढ़ रहा है।

  • बेटी की समस्या देख मिली स्टार्टअप शुरू करने की प्रेरणा

राधा कृष्ण चौधरी और उनकी पत्नी शकुंतला चौधरी ने रिटायर होने के बाद अपनी बेटी के साथ रहने का फैसला किया। किसी बीमारी की वजह से उनकी बेटी के बाल गिरने लगे। जिसे देखकर उन्हें लगा कि उन्हें कुछ करना चाहिए। उन्होंने अपने कंप्यूटर पर बालों के झड़ने की समस्या पर रिसर्च की। इस दौरान उन्होंने कई शोध पत्रों का भी अध्ययन किया। जिसके बाद उन्होंने घर पर ही जड़ी-बूटियों के जरिए तेल बनाने का निर्णय लिया। काफी शोध करने के बाद बुजुर्ग दंपति ने 50 से ज्यादा जड़ी बूटियों के साथ कोल्ड-प्रेस्ड तकनीक से इस हेयर ऑयल को तैयार किया। जिसके बाद देखते ही देखते उनका यह तेल काफी पसंद किया जाने लगा।

  • ऐसे शुरू किया स्टार्टअप

तेल को मिली सफलता को देख उन्होंने इसे स्टार्टअप के रूप में स्थापित करने का विचार किया। राधा कृष्ण चौधरी  के मन में हेयर केयर कंपनी शुरू करने का ख्याल आया। उनकी पत्नी ने उनका पूरा साथ दिया। करीब 1 साल की रिसर्च करने के बाद उन्हें इस हर्बल ऑयल को बनाने में सफलता मिली जिससे उनकी बेटी के गिरते बालों को रोकने में मदद मिली और उससे उसके बालों का टेक्सचर भी बदल गया। काफी कम समय में उनके पास ज्यादा मात्रा में ऑर्डर आने लगे। बिज़नेस में मिली सफलता को देख उन्होंने पहली बार अपनी कमाई से कार खरीदी।

  •  नाना जी के नाम से हो गए प्रसिद्ध

कुछ ही समय में अपनी मेहनत से सफलता प्राप्त करने वाले राधा कृष्ण चौधरी जी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। लोग उन्हें नानाजी के नाम से संबोधित करने लगे। इंस्टाग्राम पर नाना जी के वीडियो को करीब 2 करोड़ लोग देख चुके हैं। जून 2021 में राधा कृष्ण चौधरी और उनकी पत्नी शकुंतला चौधरी ने आयुर्वेदिक हेयर केयर कंपनी अविमी हर्बल की शुरुआत की जो आज सफलता की नई कहानियां लिख रही है।

85 साल की उम्र में राधा कृष्ण चौधरी और उनकी पत्नी शकुंतला चौधरी ने खुद की पहचान बनाकर और बिज़नेस की शुरूआत करके यह दिखा दिया कि किसी भी काम को शुरु करने की कोई उम्र नहीं होती है। इंसान किसी भी उम्र में सफलता हासिल कर सकता है। आज वो लाखों लोगों को प्रेरित कर रहे हैं। आपको राधा कृष्ण चौधरी जी और उनकी पत्नी की ये कहानी कैसी लगी यह आप नीचे कमेंट कर के बता सकते हैं साथ ही अपने सुझाव भी दर्ज करा सकते हैं।