नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम, दिन रविवार (9 अप्रैल 2023), जहां कोलकाता नाइट राइडर्स को गुजरात टाइटन्स पर जीत के लिए आखिरी पांच गेंदों पर 28 रनों की जरूरत थी। फिर बाएं हाथ के बल्लेबाज ने छक्कों का ऐसा पंच जड़ा कि गुजरात की टीम देखती रह गई। हम बात कर रहे हैं रिंकू सिंह की जिन्होंने इस मुकाबले में आखिरी ओवर में लगातार पांच छ्क्के जड़कर कोलकाता नाइट राइडर्स को तीन विकेट से धमाकेदार जीत दिलाई। वह आखिरी ओवर में पांच छक्के मारकर टीम को जीत दिलाने वाले पहले बल्लेबाज़ बन गए हैं।

जन्म: 12 अक्टूबर 1997, अलीगढ़
पिता का नाम: खेमचंद्र सिंह
माता का नाम: वीणा देवी
टीम (current): कोलकाता नाईट राइडर्स, उत्तर प्रदेश क्रिकेट टीम, शेष भारत क्रिकेट टीम, सेंट्रल जोन क्रिकेट टीम

व्यक्ति के सपने यदि बड़े हों, तो जीवन की हर परेशानी और हर बाधा को पार कर वह अपने जीवन में सफलता ज़रूर प्राप्त कर लेता है। कोलकाता नाईट राइडर्स के स्टार क्रिकेटर रिंकू सिंह का जीवन भी ऐसी ही परेशानियों से भरा रहा, लेकिन उनका सपना बचपन से ही क्रिकेट खेलने का था।

रिंकू एक सामान्य परिवार से आते हैं, उनके पिता गैस सिलेंडर की डिलीवरी करते थे और उनके भाइयों में भी कोई मजदूरी करता है और कोई ऑटो चलाता है। अपनी गरीबी को पार कर आज वे IPL में स्टार क्रिकेटर हैं। जानिये रिंकू सिंह की संघर्ष से सफलता तक की कहानी –

कौन है रिंकू सिंह?

रिंकू सिंह का जन्म 12 अक्टूबर 1997 को अलीगढ़ में हुआ था। रिंकू के पिता का नाम खेमचंद्र सिंह है और वे गैस सिलेंडर की डिलीवरी करते थे, उनकी माता का नाम वीणा देवी है। रिंकू का परिवार बहुत ही गरीब था। रिंकू का मन बचपन से ही पढ़ाई की बजाय क्रिकेट खेलने में ज्यादा रहता था। इसलिए वे जब क्रिकेट खेलते थे, तो उन्हें अपने पिता से मार भी पड़ती थी।

संघर्षों से भरा रहा जीवन

रिंकू के भाइयों में से कोई ऑटो रिक्शा चलाता है और कोई मजदूरी करता है। रिंकू जब नौवीं क्लास में थे, तो वे फैल हो गए थे। उसके बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और घर के खर्च में हाथ बंटाने के लिए एक कोचिंग सेंटर में सफाई का काम करने लगे। लेकिन उनका मन बचपन से ही क्रिकेट खेलने का था और वे जानते थे कि क्रिकेट से ही उनके परिवार के दुःखों का अंत होगा।

ऐसे हुई रिंकू के अच्छे दिनों की शुरुआत

रिंकू की आर्थिक हालत ठीक नहीं होने से वे क्रिकेट ट्रेनिंग नहीं कर पा रहे थे, जिसके चलते 2 बार अंडर-16 ट्रायल में वे बाहर हो गए। ऐसे में अलीगढ़ के मोहम्मद जीशान आगे आये और क्रिकेट खेलने में रिंकू की सहायता की। जीशान ने रिंकू की ट्रेनिंग का पूरा इंतज़ाम किया। इसके बाद रिंकू के शुरुआती दिनों में मसूद अमीन ने उन्हें क्रिकेट कोचिंग दी, मसूद आज भी रिंकू के कोच हैं।

जब अपने पैसों से बनवाया रिंकू ने घर

अपनी कड़ी मेहनत के दम पर रिंकू ने 5 मार्च 2014 को उत्तरप्रदेश के लिए लिस्ट ए क्रिकेट के लिए डेब्यू किया और उसमें 87 गेंदों में 83 रन बनाये। उसी वर्ष 31 मार्च को उन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी खेलते हुए अपना T20 डेब्यू किया। इन मैच में मिले पैसों से रिंकू ने अपना घर बनवाया और परिवार पर चढ़ा हुआ कर्जा भी उतारा।

2018 में हुए IPL में रिंकू को कोलकाता नाईट राइडर्स की तरफ से खेलने का मौका मिला, जिसके लिए KKR ने 80 लाख का भुगतान रिंकू को किया। आज रिंकू IPL के स्टार क्रिकेटर हैं और हर किसी के मुंह पर उन्हीं का नाम है। रिंकू ने यह साबित कर दिया है कि यदि हमारे सपने बड़े हों तो जीवन की कोई बाधा हमारी सफलता के आड़े नहीं आ सकती।