कभी नहीं देखा स्कूल का मुंह फिर भी बन गयीं एक सफल एंटरप्रेन्योर। जानिये नवलबेन की सफलता की कहानी

Never seen the face of school yet became a successful entrepreneur. Know the success story of Navalben.

यदि हम मन में कुछ ठान लें, तो उम्र कभी भी हमारे इरादों के आड़े नहीं आ सकती, इसी बात को सही साबित करती है गुजरात के बनासकांठा की रहने वाली 64-वर्षीय नवलबेन दलसंगभाई चौधरी

नवलबेन कभी स्कूल नहीं गयी, जब उनकी शादी हुई तो उनके ससुराल में 15 - 20 पशु थे। लेकिन नवलबेन ने अपनी सूझबूझ से काम किया और आज वे एक सफल वुमनप्रेन्योर हैं।

आज वे दूध बेचकर हर महीने लाखों रुपये कमाती हैं। इसके अलावा अमूल के पूर्व सीईओ आर एस सोढ़ी ने अपने ट्विटर हैंडल पर उन्हें 10 ग्रामीण वुमनप्रेन्योर में पहले नंबर पर बताया है।

नवलबेन की फर्श से अर्श तक पहुँचने की कहानी

कौन हैं नवलबेन?

नाम: नवलबेन दलसंगभाई चौधरी
जन्म: 1959, नागाना गांव, बनासकांठा, गुजरात
पेशा: पशुपालक और दुग्ध उत्पादक
कमाई: लगभग 3.50 लाख रुपए प्रतिमाह
सम्मान: 3 बार बनासकांठा जिले में सर्वश्रेष्ठ पशुपालक पुरस्कार,

2 बार लक्ष्मी पुरस्कार

नवलबेन की उम्र 64 साल है, उन्होंने कभी भी स्कूल का मुंह नहीं देखा था। उनकी शादी बनासकांठा के नागाना गांव में दलसंगभाई चौधरी से हुई।

जब वे अपने ससुराल गयी तो उनके ससुराल में 15 - 20 पशु थे। उन्होंने इन्ही पशुओं से दूध उत्पादन का काम शुरू किया और अपनी लगातार मेहनत के द्वारा करोड़ों की कमाई की।

नवलबेन के 4 बेटे भी हैं, जो शहर में रहकर कमाई कर रहे थे। इन चारों की आमदनी मिलकर भी नवलबेन की कमाई से कम है।

ऐसे हुई शुरुआत

जब लॉकडाउन लगा, तब नवलबेन ने 2019 में अपने घर पर ही डेयरी की शुरुआत की। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 2019 में उन्होंने 87.95 लाख रुपये का दूध बेचा, 2020 में यह रकम बढ़कर 1.10 करोड़ रुपये हो गयी। नवलबेन रोजाना 1 हजार लीटर दूध बेचती हैं जिससे उन्हें 3.50 लाख रुपये महीने की कमाई होती है।

आज क्या है स्थिति?

आज नवलबेन के पास 80 भैंस और 45 गाय हैं, जो नवलबेन की कमाई का मुख्य जरिया हैं। इसके साथ ही इनकी डेयरी में 15 कर्मचारी भी काम करते हैं, जिनका काम पशुओं की देखभाल करना, उन्हें चारा खिलाना और उनका दूध निकालना है। इनकी डेयरी पर पशु चिकित्सक भी आते हैं, जो समय-समय पर पशुओं का परिक्षण करते हैं।

नवलबेन को 3 बार बनासकांठा जिले में सर्वश्रेष्ठ पशुपालक का पुरस्कार और 2 बार लक्ष्मी पुरस्कार भी मिल चुका है। भारत की प्रमुख डेयरी अमूल के पूर्व सीईओ आर एस सोढ़ी ने 2020 में एक ट्वीट कर इन्हें दूध उत्पादन में सबसे ज्यादा कमाई करने का श्रेय दिया था। उनके अनुसार 2020 में नवलबेन ने 2 लाख 21 हजार 595 लीटर दूध अमूल को बेचा था।

64 साल की उम्र में एक सफल वुमनप्रेन्योर बनकर नवलबेन अपने क्षेत्र के कई लोगों को प्रेरित कर रही हैं।

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