राजकुमारी देवी Inspirational Story: Biological Farming के जरिए किसान चाची ने लिखी सफलता की कहानी
कौन कहता है कि औरतें कमजोर होती है, कौन कहता है कि किसानी केवल पुरुष ही कर सकते हैं। यह सब कही कहाई बातें हैं कि एक औरत कभी पुरुषों का काम नहीं कर सकती। इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण है किसान चाची उर्फ राजकुमारी देवी। बिहार के मुजफ्फरपुर में जन्मी राजकुमारी को आज किसान चाची के नाम से संबोधित किया जाता है। हजारों महिलाओं के लिए वह रोल मॉडल हैं। गांव की आम महिला से किसान चाची बनने तक का यह सफर काफी संघर्ष भरा रहा है। पहले साइकिल चाची फिर किसान चाची बने से लेकर पद्मश्री का सम्मान प्राप्त करने तक सफर राजकुमारी देवी ने कांटो पर चलकर तय किया है।
साधारण सी दिखने वाली इस महिला ने कुछ ऐसा कर दिखाया जिसकी किसी ने कल्पना तक नहीं की थी। 63 वर्षीय राजकुमारी देवी उर्फ 'किसान चाची' बिहार के मुजफ्फरपुर जिला के सरैया प्रखंड के आनंदपुर गांव की रहने वाली है। उनकी पहचान एक मोटिवेटर के रूप होती है। वह गांव में जाकर ना केवल महिलाओं को खेती के बारे में बता रही हैं बल्कि महिलाओं को सशक्तिकरण का पाठ भी पढ़ा रही हैं। उनका जीवन सभी के लिए एक मोटिवेशन (motivation) है।
राजकुमारी देवी एक गरीब परिवार में जन्मी थी। जिसकी वजह से 10वीं तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उनके परिवार ने उनकी शादी करवा दी थी। राजकुमारी देवी के पति भी किसान थे। राजकुमारी देवी की जब शादी हुई थी उस समय सभी लोग केवल गांजा और तम्बाकू की खेती किया करते थे। लेकिन इसके बाद भी परिवार का खर्च चलाना बहुत मुश्किल हो रहा था। जिसकी वजह से घर में झगड़े होते रहते थे। शादी के नौ साल बाद भी राजकुमारी देवी के कोई संतान नहीं थी इसके कारण उन्हें ससुराल और समाज के अत्याचार और ताने झेलने पड़ते थे। राजकुमारी देवी खुद पर और अन्य महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को देख दुखी हो जाती थी। इसलिए उन्होंने समाज की सोच बदलने और महिलाओं की स्थिति सुधारने का निश्चय किया।
राजकुमारी देवी ने सोचा क्यों न नशे की खेती के बजाए दूसरी खेती की जाएं, जिससे लोगों को फायदा भी हो सके। तब उन्होंने समाज के तानों को सुनते हुए फलों और सब्जियों की खेती करनी शुरू कर दी। लेकिन कोई भी उनके फलों को नहीं खरीदता था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और सबसे पहले साइकिल चलानी सीखी और इसके बाद खुद ही इनको बाजार में जाकर बेचने लगीं। लेकिन इसके लिए उन्हें ससुराल वालों का विरोध भी सहना पड़ा। क्योंकि उस समय औरतें बाहर नहीं निकलती थी। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी सफलता की कहानी (success story) लिखने की ओर कदम बड़ा दिया।
किसान चाची अपनी सफलता की कहानी (success story) बताते हुए कहती हैं कि मैं देखती थी कि महिलाएं सिर्फ खेत में मजदूरी करती हैं। उन्हें खेती का ज्ञान नहीं था। फिर भी पुरुषों के कारण खेती करती रहती थीं। जिसे देख मैने कृषि तकनीकी सिखने का निर्णय लिया। साथ ही दूसरी महिलाओं को इसके लिए प्रेरित (motivate) करने का निर्णय लिया।
उनका कहना है कि फलों और सब्जियों की खेती करने के कारण गांववाले मेरा मज़ाक उड़ाते थे। लेकिन राजकुमारी देवी ने अपनी कोशिश जारी रखी। उन्होंने इस काम को और आगे बढ़ाने के लिए पूसा कृषि विश्वविद्यालय पहुंची और खेती तथा फूड प्रोसेसिंग का प्रशिक्षण लिया। वहां उन्हें खेती में उन चीजों को उगाने का आइडिया मिला जो जल्दी उग जाए और पूरा फायदा दे। उन्होंने वापस आकर ओल के अचार-मुरब्बे डिब्बे में भरकर बेचना शुरू कर दिया और आस-पास की औरतों को ट्रेन करना भी शुरू कर दिया।
खेत में पैदा हुए ओल को उन्होंने सीधे बेचने की बजाय उसका अचार और आटा बनाना शुरू किया। बाद में उसे बेचा। अचार से उन्हें आमदनी होने लगी। जिससे आसपास की बाकी महिलाएं भी उनके पास आने लगीं। इसके बाद उन्होंने धीरे-धीरे बाकी महिलाओं को इन तकनीकों को समझाना शुरू किया। लोग राजकुमारी द्वारा बनाए गए अचार को पंसद भी करने लगे । जिसके बाद उन्होंने मेले और बाजारों में जाकर समान बेचना शुरु किया। साथ ही biologicial farming यानि जैविक खेती के फायदे भी बताती थी। जिसके बाद उनकी तकनीक को धीरे धीरे दूसरे गांव के लोग भी अपनाने लगे। धीरे-धीरे कर लोग उन्हें किसान चाची के नाम से संबोधित करने लगे और वो किसान चाची बन गईं।
इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। राजकुमारी देवी को सबसे पहले लालू यादव जी ने सरैया मेले में साल 2003 में सम्मानित किया। इसके बाद नीतीश कुमार ने साल 2007 में 'किसान श्री' से सम्मानित किया। यही नहीं राजकुमारी देवी के काम से प्रभावित होकर अमिताभ बच्चन ने केबीसी शो के लिए उन्हें आंमंत्रित किया था। अपने सराहनीय काम के लिए उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया है। राजकुमारी देवी आज भी स्वयं सहायता समूह के जरिए महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही हैं।
राजकुमारी देवी की कहानी सभी के लिए प्रेरणादायक (Inspiration story)हैं, क्योंकि ऐसे समय में उन्होंने देश का नाम रौशन किया जब महिलाएं बाहर निकलने से भी डरती थी, उनकी तरह आप भी यदि अपनी पहचान बनाना चाहते हैं तो आप अपने बिज़नेस में सही सफलता पा सकें। इसके लिए आप हमारी लाईफ टाईम मेंबरशिप कों ज्वॉइन कर सकते हैं। यहां आपको करियर से जुड़ी हर जानकारी दी जाएगी। अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाईट https://www.badabusiness.com/life-time-membership?ref_code=ArticlesLeads पर visit करें।