Motivational Quotes: स्वामी विवेकानंद के इन 4 कोट्स से खुद को रखें मोटिवेटिड

स्वामी विवेकानंद के इन 4 कोट्स से खुद को रखें मोटिवेटिड

हमारे देश में कई ऐसे महापुरूष हुए हैं, जिनके विचार आज भी हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। उनके विचारों से हमें आज भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है। उनके विचार ऐसे हैं कि निराश व्यक्ति भी अगर उसे पढ़े तो उसे अपने जीवन को जीने का एक नया मकसद मिल जाता है। इन्हीं महापुरूषों में से एक हैं स्वामी विवेकानंद, जिनके विचार आज भी लोगों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में जन्में स्वामी विवेकानंद के बचपन का नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था। 'स्वामी विवेकानंद' नाम उनको उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस ने दिया था। विवेकानंद ने अमेरिका के शिकागो में आयोजित विश्व धर्म सम्मलेन में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था जिसे सुनकर हर कोई आचंभित रह गया था। आज हम आपको स्वामी विवेकानंद जी के 5 ऐसे ही कोट्स बताएंगे जिनकी मदद से आप अपने बिज़नेस (Business) में आने वाली परेशानियों का हल पा सकते हैं।

उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये।

स्वामी विवेकानंद जी हमेशा अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कहते हैं। वो कहते हैं कि जब तक आपको आपका लक्ष्य न मिल जाए तब तक हार मत मानो। आपको लगातार अपने लक्ष्य को पाने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए। बिज़नेस में भी अक्सर ऐसा होता है कि आपको निराशा हाथ लगती है। ऐसी स्थिति के लिए स्वामी जी कहते हैं कि अपने लक्ष्य के लिए जागना चाहिए और तब तक नहीं रूकना चाहिए जब तक आपको आपका लक्ष्य मिल न जाए। साथ ही स्वामी जी कहते हैं कि हर व्यक्ति के जीवन में कोई न कोई लक्ष्य जरूर होना चाहिए अगर किसी व्यक्ति के जीवन में कोई लक्ष्य नहीं है तो वह कुछ नहीं कर सकता है। इसलिए लक्ष्य बनाकर लगातार अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते रहना चाहिए।

ब्रह्मांड की सभी शक्तियां हमारे अंदर हैं।

विवेकानंद जी कहते हैं कि जीवन में कोई भी कार्य असंभव नहीं है। हर लक्ष्य को पाने की क्षमता, शक्ति हमारे अंदर ही मौजूद है। कई लोग केवल काम न करने के बहाने बनाते रहते हैं। अपनी किस्मत को दोष देते रहते हैं। ये ठीक उसी तरह है जैसे कोई व्यक्ति भरे उजाले में अपनी आंखों पर हाथ रख बोले कि यहां तो अंधेरा है। विपरीत परिस्थितियां हर व्यक्ति के जीवन में आती हैं लेकिन जो हार मान लेता है और बहाने बनाता है वो जीवन में कुछ नही कर पाता। इसलिए हमें अपनी आंखें खोलनी चाहिए और हर परिस्थिति का सामना  करना चाहिए। स्वामी विवेकानंद जी के अनुभव को एक लेख में समेटना संभव नहीं है इसलिए आप बिज़नेस कोच (Business Coach) डॉ विवेक बिंद्रा के इस वीडियो से स्वामी विवेकानंद जी के जीवन के बारे में जान सकते हैं -



किसी की निंदा ना करें।

स्वामी विवेकानंद जी कहते हैं कि हर व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति की मदद करनी चाहिए। अगर कोई आपसे मदद मांगने आ रहा है और आप उसकी मदद कर सकते हैं तो जरूर करें। लेकिन उसकी मदद न करके उसकी बुराई न करें। अगर आप किसी की मदद नहीं कर सकते तो उन्हें प्रेमपूर्वक मना कर दीजिए लेकिन उनकी बुराई न कीजिये। निंदा करने से आप अपनी छवि ही खराब करेंगे जिसका नुकसान आपको बिज़नेस में भुगतना होगा।

ख़ुद को कमज़ोर समझना सबसे बड़ा पाप है।

स्वामी विवेकानंद जी कहते हैं कि कभी भी खुद को कमजोर नहीं समझना चाहिए। खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है। जो व्यक्ति केवल अपने आपको ही कमजोर मानता है, अपने आपको कोसता है, वो जीवन में कुछ नहीं कर पाता। जीवन में अगर कुछ करना है तो खुद को मजबूत बनाना होगा। जब आप खुद को मजबूत बनाते हैं तो आप जीवन को अलग दिशा में ले जाते हैं। इसलिए खुद को कमजोर समझना बंद करें और सफलता की ओर आगे बढ़ें। खुद को कमजोर समझना छोड़िये और फिर देखिए कैसे आप अपने बिज़नेस को कहां से कहां पहुंचाते हैं।

स्वामी विवेकानंद जी के यह 4 विचार आपको आगे बढ़ने में मदद करेंगे। आप इनकी मदद से अपने बिज़नेस में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। यह विचार जीवन को बेहतर ढंग से समझने में आपकी मदद करेंगे।

लेख के बारे में आप अपनी टिप्पणी को कमेंट सेक्शन में कमेंट करके दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा आप अगर एक व्यापारी हैं और अपने व्यापार में मुश्किल परेशानियों का सामना कर रहे हैं और चाहते हैं कि स्टार्टअप बिज़नेस को आगे बढ़ाने में आपको एक पर्सनल बिज़नेस कोच का अच्छा मार्गदर्शन मिले तो आपको PSC (Problem Solving Courseका चुनाव जरूर करना चाहिए जिससे आप अपने बिज़नेस में एक अच्छी हैंडहोल्डिंग पा सकते हैं और अपने बिज़नेस को चार गुना बढ़ा सकते हैं।

Share Now
Share Now