हर उद्यमी को सचिन तेंदुलकर से यह 5 बातें ज़रूर सीखनी चाहिए
सचिन तेंदुलकर का नाम भला आज कौन नहीं जानता। बच्चों से ले कर बुजुर्गों तक, हर आयु, वर्ग के लोग सचिन तेंदुलकर के नाम से परिचित हैं। भारत के महानतम बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट को घर-घर तक पहुंचाने का काम किया है। यही कारण है कि उनके रिटायर होने के इतने सालों बाद भी अधिकांश युवा खिलाड़ी उन्हें अपना आदर्श मानते हैं। सचिन तेंदुलकर का बल्ला जितना क्रिकेट के मैदान पर चलता था उतना ही उनके व्यक्तित्व का जादू मैदान के बाहर भी कायम था। सचिन ने अपने करियर में कई उतार-चढ़ाव देखें हैं। आज वो केवल एक क्रिकेटर के रूप में ही नहीं बल्कि एक बिज़नेसमैन के रूप में भी अपनी पहचान बनाने में कामयाब हैं। सचिन जैसे महान खिलाड़ियों के जीवन से हमें उनके खेलों से परे बहुत सी चीज़ें सीखने को मिलती हैं। सचिन का करियर केवल क्रिकेट के पाठों को ही नहीं पढ़ाता, यह एक बिज़नेसमैन को भी आगे बढ़ते रहने की सीख देता है। अगर आप एक उद्यमी है या खुद का बिज़नेस (Business) करने की सोच रहे हैं तो सचिन तेंदुलकर के जीवन से जुड़ी कुछ बातें आपके बहुत काम आ सकती हैं। यह प्रेरक सफर आपको जीवन में बड़ी सफलता दिलाने में मददगार साबित हो सकता है। तो आइए जानते हैं एक उद्यमी के रूप में आप सचिन तेंदुलकर के जीवन से कौन-कौन सी बातें सीख सकते हैं।
1. अपने लक्ष्य पर हमेशा टिके रहें
क्रिकेट के मैदान में वही टिकता है जो सब कुछ भूल कर अपने लक्ष्य पर टिका रहे। जिस तरह अर्जुन ने आंख पर पट्टी बांध कर भी अपने लक्ष्य पर निशाना साधा था ठीक उसी तरह सचिन तेंदुलकर भी अपने लक्ष्य को साधकर उसे हासिल करने में माहिर थे। तभी तो उन्होंने 100 सेंचुरी बनाने जैसे लगभग नामुमकिन से रिकॉर्ड को अपने नाम किया है। सचिन शुरू से ही अपना लक्ष्य जानते थे, उनके जीवन का लक्ष्य एक क्रिकेटर बनना था। यही कारण था कि उन्होंने कभी अपने लक्ष्य से नजर नहीं हटाई। खूब मेहनत कर के अपने लक्ष्य को प्राप्त किया। एक उद्यमी के रूप में आप भी अपने लक्ष्य पर फोकस कर के उसे प्राप्त कर सकते हैं। बस आपके अंदर उसे पाने का जुनून होना चाहिए।
2. विपरीत परिस्थितयों में भी न खोएं हौंसला
एक क्रिकेटर के जीवन में हमेशा एक समय ऐसा आता है जब वो अपने करियर के मुश्किल दौर से गुज़र रहा होता है। सचिन तेंदुलकर ने अपने जीवन में जितनी सफलताएं देखी हैं उतना ही कठिन समय भी देखा है। एक समय ऐसा था कि वो खुद की बनाई उम्मीदों पर ही खरे नहीं उतर पा रहे थे। लेकिन ऐसी परिस्थिति में उन्होंने धैर्य से काम लिया। उन्होंने प्रैक्टिस करना नहीं छोड़ा। वो अपनी क्रिकेट की टेक्निक पर काम करते रहे और विपरीत परिस्थितियों का सामना भी डटकर करते रहे और आखिरकार सफलता ने उनके कदम चूमें। यही नहीं एक समय पाकिस्तान के साथ हुए अपने एक मैच में वकार यूनिस की तेज गति से आई एक गेंद सचिन की नाक पर जा लगी थी, वो भी तब जब भारतीय टीम उस टेस्ट को बचाने की कोशिश कर रही थी। उस समय मैदान छोड़ने की जगह, उन्होंने अपनी चोटिल नाक के साथ साहस भरा प्रदर्शन करते हुए भारत को मैच ड्रा कराने में मदद की। सचिन की तरह एक उद्यमी के जीवन में भी उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। इनसे घबराने की बजाय आपको इनका डटकर सामना करना चाहिए। अगर आप खुद पर भरोसा रखते हैं और विपरीत परिस्थितियों में डगमगाते नहीं है तो यकीन मानिए सफलता आपको ज़रूर मिलेगी।
3. अपने कंफर्ट जोन को छोड़ दें
कहा जाता है कि इंसान को कुएं का मेंढक नहीं बनना चाहिए। हर इंसान का एक कंफर्ट जोन होता है लेकिन जो व्यक्ति इस कंफर्ट जोन में फंसकर रह जाता है वो कभी आगे नहीं बढ़ पाता। सचिन तेंदुलकर ने कभी भी अपना कंफर्ट जोन नहीं बनाया। शुरूआती दौर में वो एक बॉलर बनना चाहते थे, लेकिन उन्होंने अपनी स्किल को पहचाना और फिर हर देश के फास्ट बॉलर के सामने जमकर चौके-छक्के लगाए। यही कारण था कि बड़े से बड़े बॉलर भी सचिन को आउट करने में नाकामयाब होते थे, क्योंकि सचिन तेंदुलकर ने कभी भी अपना कंफर्ट जोन नहीं बनाया। वो नई-नई चीज़ों को सीखते गए, नई चुनौतियों का सामना करते गए और एक महान बल्लेबाज के रूप में उभर कर सामने आए। बिज़नेस की दुनिया में भी कंफर्ट जोन नहीं बनाना चाहिए। अपने कंफर्ट से बाहर निकल कर हर दिन कुछ चनौतीपूर्ण काम करना चाहिए। अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलने के लिए आप चाहें तो बिज़नेस कोचिंग प्रोग्राम (Business Coaching Program) का हिस्सा बन सकते हैं।
4. अपनी ताकत को पहचानें
एक उद्यमी के रूप में अपनी ताकत को पहचानना बहुत ज़रूरी है। सचिन ने बॉलर न बनकर अपने अंदर छिपे बैट्समैन को पहचाना। उन्होंने अपनी स्किल पर खूब काम किया। यही नहीं एक बार तो एक टेस्ट मैच में सचिन शेन वार्न की गेंद पर बहुत जल्दी आउट हो गए थे। इसके बाद उन्होंने कई ऐसी रणनीतियां बनाई जिससे वह शेन वार्न का सामना कर सकें। उन्होंने हर पल अपनी स्किल को और बेहतर बनाने का काम किया है। उन्होंने अपनी कमजोरियों को दूर कर ताकत पर फोकस किया। यही कारण है कि पूरी दुनिया आज सचिन-सचिन कहते थकती नहीं है। एक उद्यमी के रूप में आप भी अपनी सही ताकत को पहचानें और उस पर काम करें।
5. मेंटर की मदद लें और अभ्यास करना न छोड़े
हर किसी के जीवन में एक न एक इंसान ऐसा ज़रूर होता है जो उसे आगे बढ़ने के लिए सही दिशा दिखाता है। क्रिकेट का मैदान हो या बिज़नेस का क्षेत्र हर जगह एक कोच,एक मेंटर की ज़रूरत पड़ती ही है। साथ ही बिना अभ्यास किए आप किसी भी फील्ड में सफल नहीं हो सकते। सचिन तेंदुलकर के जीवन में भी कोच रमाकांत आचरेकर की अहम भूमिका रही। रमाकांत जी ने ही सचिन के अंदर छिपी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें क्रिकेट का कड़ा अभ्यास कराया। सचिन तेंदुलकर के बारे में कहा जाता है कि वो 365 दिन अभ्यास करते थे। सर्दी हो या गर्मी हर मौसम में वो अभ्यास करना नहीं छोड़ते थे। तभी तो सचिन का मुक़ाबला आज भी कोई नहीं कर सकता। एक उद्यमी के रूप में भी आपको अपने पास एक ऐसा मेंटर रखना चाहिए जो समय-समय पर आपको सही दिशा दिखा सके। आज मार्केट में कई बिज़नेस कोच (Business Coach) मौजूद हैं जिनकी मदद से आप सही अभ्यास कर सकते हैं।
बिज़नेस के क्षेत्र में सचिन तेंदुलकर के जीवन से जुड़ी यह 5 बातें आपके बहुत काम आ सकती हैं। इसके अलावा किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए जुनून का होना ज़रूरी है। अगर आप भी अपने बिज़नेस को सफल बनाना चाहते हैं तो सचिन तेंदुलकर के जीवन की इन बातों को आज ही अपने जीवन में उतार लें इससे सफलता आपको ज़रूर मिलेगी। लेख के बारे में आप अपनी टिप्पणी को कमेंट सेक्शन में कमेंट करके दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा आप अगर एक व्यापारी हैं और अपने व्यापार को बढाने में कुछ परेशानियों का सामना कर रहे हैं या अपने स्टार्टअप बिज़नेस को आगे बढ़ाने में आपको एक पर्सनल बिज़नेस कोच का मार्गदर्शन चाहिए तो आपको PSC (Problem Solving Course) का चुनाव जरूर करना चाहिए जिससे आप अपने बिज़नेस में एक अच्छी हैंडहोल्डिंग पा सकते हैं और अपने बिज़नेस को चार गुना तक बढ़ा सकते हैं।