आज के समय में हम देखते हैं कि रोजाना ना जाने कितने इनोवेटिव प्रोडक्ट्स मार्केट में लॉन्च होते रहते हैं। इन उत्पादों का विज्ञापन टीवी, रेडियो, वेबसाइट, सोशल मीडिया हर जगह किया जाता है। उनका उद्देश्य है कि ये उत्पाद अंतिम उपयोगकर्ता तक पहुंचें, इसके लिए कंपनियां मार्केटिंग का सहारा लेती हैं।

मार्केटिंग (Marketing Meaning in Hindi) - विपणन (Vipanan) होता है।

कंपनियों के पास मार्केटिंग के लिए एक अलग विभाग होता है, जो इससे संबंधित गतिविधियां करता है। आज के आर्टिकल में जानिए किसी भी उत्पाद की सफलता के लिए मार्केटिंग का महत्व और इसके उद्देश्य क्या हैं –

मार्केटिंग

मार्केटिंग का सामान्य अर्थ ग्राहकों को किसी उत्पाद या सेवा के प्रति जागरूक करना है ताकि ग्राहक उस उत्पाद या सेवा को खरीदने के लिए प्रेरित हो सके।

मार्केटिंग में कई अन्य गतिविधियाँ भी शामिल होती हैं, जैसे कस्टमर रिसर्च, प्रमोशन, स्ट्रेटेजी, सेल्स, आफ्टर सेल्स सर्विस आदि। किसी भी प्रोडक्ट या सर्विस को लॉन्च करने के बाद, इन उत्पादों से कंपनी को लाभ दिलाना मार्केटिंग विभाग का काम है।

मार्केटिंग का उद्देश्य

किसी भी कंपनी की सफलता में मार्केटिंग अहम भूमिका निभाती है, जानिए मार्केटिंग के उद्देश्य क्या हैं:

  1. कस्टमर सेटिस्फेक्शन :

    मार्केटिंग का सबसे मुख्य उद्देश्य किसी भी कंपनी के कस्टमर्स को संतुष्ट करना होता है। यह काम कम्पनियां अच्छे प्रोडक्टों और सर्विस देकर और उसके बाद आफ्टर सेल सर्विस देकर करती हैं। एक कस्टमर जितना संतुष्ट होता है, उतना ही ज्यादा वो उस कंपनी के प्रति लॉयल होता है।

  2. मांग पैदा करना :

    जब भी कोई नया प्रोडक्ट लॉन्च होता है, तो उससे पहले ही उसकी मार्केटिंग शुरू कर दी जाती है। इसका सीधा सा असर ये होता है कि सही मार्केटिंग स्ट्रेटेजी के द्वारा मार्केट में उस प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ जाती है और लोग उसे खरीदने के लिए पहले से तैयार होते हैं।

  3. सेल्स बढ़ाना :

    किसी भी कंपनी का मुख्य उद्देश्य अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेज की सेल्स बढ़ाना होता है। एक अच्छी मार्केटिंग स्ट्रेटेजी के द्वारा कम्पनियां अपनी सेल्स को कई गुना बढ़ा सकती हैं।

  4. कंपनी की गुडविल बनाना :

    जब भी कोई कंपनी मार्केट में अपनी गुडविल बनाना या सुधारना चाहती है, तो वो एक मार्केटिंग का सहारा लेती है। इसमें कस्टमर को एक सही प्रोडक्ट देने से लेकर कंपनी के बारे में पीआर करके उसकी गुडविल को सुधारना भी मार्केटिंग का ही हिस्सा होता है।

  5. प्रोडक्ट की गुणवत्ता सुधारना :

    किसी भी कंपनी का प्रोडक्ट मार्केट में लॉन्च होने के बाद उसे पूरी तरह से मार्केटिंग के द्वारा ट्रैक किया जाता है। यही कारण है कि यदि प्रोडक्ट की गुणवत्ता में कहीं कोई सुधार की गुंजाईश होती है, तो कंपनी को इसकी जानकारी मार्केटिंग डिपार्टमेंट के द्वारा ही प्राप्त होती है।

मार्केटिंग का महत्व

मार्केटिंग के उद्देश्यों को समझने के बाद अब जानिए कि किसी व्यवसाय या ब्रांड की सफलता के लिए मार्केटिंग क्यों महत्वपूर्ण है:

  1. बिजनेस प्लानिंग और सही निर्णय लेने में मदद :

    अपने प्रोडक्ट या सर्विस के बारे में मार्केट रिसर्च और कस्टमर फीडबैक आदि सभी चीजें  मार्केटिंग के द्वारा ही पता चलती है, इसलिए बिज़नेस प्लानिंग और सही निर्णय लेने में मार्केटिंग महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

  2. कस्टमर इंगेजमेंट बढ़ाती है :

    कंपनियां मार्केटिंग के द्वारा ही कस्टमर से ज्यादा से ज्यादा एंगेज करती हैं और इसी के द्वारा कस्टमर की ज़रूरतें, प्रोडक्ट या सर्विस को लेकर उनकी शिकायतें या फीडबैक प्राप्त करती हैं।

  3. राजस्व बढ़ाती है :

    मार्केटिंग के द्वारा जो भी लीड्स मिलती हैं, वही आगे चलकर सेल्स बनती है, जिससे कंपनी का रेवेन्यू बढ़ता है। मार्केटिंग एक द्वारा ही संभावित कस्टमर्स को प्रोडक्ट या सर्विस के बारे में बताकर सेल्स बढ़ाई जाती है। अतः किसी भी कंपनी के रेवेन्यू में मार्केटिंग की अहम भूमिका होती है।

  4. बिज़नेस का गोल तय करने में मदद :

    कोई भी कंपनी मार्केटिंग के द्वारा ही कस्टमर की मांग और ज़रूरतों को समझ पाती है। इसी के आधार पर कोई कंपनी प्रोडक्शन, सेल्स आदि अलग अलग स्ट्रेटेजी बनाती है और कंपनी अपना बिज़नेस गोल भी तय करती है।

  5. ब्रांड बिल्डिंग में मदद :

    कोई भी कंपनी जब कोई प्रोडक्ट या सर्विस बनाती है, तो उसका उद्देश्य यही रहता है कि उसका प्रोडक्ट अपने आप में एक ब्रांड बन जाए। यह काम कम्पनियां एक सही मार्केटिंग स्ट्रेटेजी के द्वारा करती हैं।

इस प्रकार किसी भी कंपनी को सफल होने के लिए मार्केट की ज़रूरतों को समझना आवश्यक होता है। किसी कंपनी और उसके प्रोडक्ट या सर्विसेज की सफलता में मार्केटिंग बहुत ज़रूरी होती है।


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