नई दिल्ली: जीएसटी का फुलफॉर्म है Goods and Services Tax. देशभर में GST लागू होने के बाद से ही हर सामान और सेवा पर केवल एक टैक्स ही वसूल किया जाता है. जैसे Excise और Service टैक्सों को हटा कर सिर्फ जीएसटी टैक्स लगाया जाता है. जीएसटी का उद्देश्य है सभी राज्यों में एक समान कर लगेगा. इससे राज्यों के बीच होने वाली अस्वस्थ प्रतियोगिता को रोका जा सकेगा. GST उन लोगों के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद है जो लोग अपनी ब्रांच दूसरे राज्यों में खोलना चाहते हैं.बता दे कि जीएसटी लागू होने के बाद टैक्सिंग और डाक्युमेंनटेशन बहुत आसान हो गया है.
जीएसटी में हैं 3 तरह के टैक्स-
जीएसटी में 3 तरह के टैक्स को शामिल किया गया है- Central, State और Integrated Tax. देशभर में माल बेचने या फिर उसकी सप्लाई करने वालों लोगों को हर राज्य में तीन अलग-अलग जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराने होते हैं.अगर कोई कंपनी कई तरह के बिज़नेस करती है तो उसे हर बिज़नेस का अलग- अलग रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
जीएसटी से आम लोगों को क्या फायदा?
GST लागू होने से पहले हम लोग अलग-अलग सामान पर 30 से 35% टैक्स देते थे,लेकिन जीएसटी टैक्स लागू के बाद से ही हमें कम टैक्स देना पड़ता है. जिससे हमारे पैसे के साथ ही समय की भी बचत होती है. जीएसटी से पहले एक ही चीज दो राज्यों में अलग-अलग दाम पर बिकती थी, क्योंकि सभी राज्य अपने हिसाब से दर वसूल किया करते थे. जीएसटी की वजह से टैक्स का जाल और रेट दर भी कम हो गया है.
अब नहीं लगेगी लेट फीस:-
पिछले दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना के लगातार बढ़ते आकड़े को देखते हुए GST को लेकर अहम फैसले लिए थे, जिसके तहत वित्त मंत्री ने बताया कि 5 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर वाले छोटे कारोबारियों को रिटर्न दाखिल कराने में देरी पर लगने वाला ब्याज आधा देंगे. इसका दर सिर्फ 9 फीसदी ब्याज चुकाना होगा .ये नियम फरवरी, मार्च और अप्रैल के रिटर्न दाखिल करने के लिए लागू है.लेकिन ब्याज पर छूट तभी मिल पाएगा जब आप सितंबर 2020 तक रिटर्न दाखिल करा देंगे.
वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी की सरकार ने शून्य मासिक जीएसटी रिटर्न भरने वाले करदाताओं के लिए एसएमएस सेवा शुरू की है.जिसके तहत शून्य रिटर्न महीने की पहली तारीख को 14409 पर एसएमएस कर भेजा जा सकता है। ऐसे में अगर फॉर्म जीएसटी-3बी में कोई 'एंट्री' नहीं है तो, वे पंजीकृत मोबाइल नंबर का यूज़ कर एसएमएस के जरिये रिटर्न फाइल कर सकते हैं।