हम लोगों में से शायद ही कोई ऐसा हो जो अमीर नहीं होना चाहता, लेकिन इसके रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा होता है लोगों की इनकम। जिन लोगों की इनकम कम है, वो यही सोचते हैं कि वो कभी अमीर नहीं बन सकते। यदि आपकी भी इनकम कम है और आप भी अमीर बनना चाहते हैं, तो आज का यह लेख सिर्फ आपके लिए ही है।

अधिकतर लोग शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं और नुकसान उठाते हैं, ऐसे लोगों को आपने कहते सुना होगा कि शेयर मार्केट बेकार है और इसमें इन्वेस्ट करने का कोई लाभ नहीं है। असली कहानी यह है कि ऐसे लोग बिना किसी ज्ञान के सिर्फ दूसरों की सलाह पर शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करना शुरू कर देते हैं और नुकसान उठाते हैं। यदि आपको भी शेयर मार्केट का ज्ञान नहीं है तो आप म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कर सकते हैं।

कैसे काम करता है म्यूचुअल फंड?

यदि हम शेयर्स में इन्वेस्ट करते हैं तो हमारा सारा इन्वेस्टमेंट किसी एक कंपनी में होता है और यदि हमें शेयर मार्केट का ज्ञान नहीं है तो हम उस कंपनी के भविष्य के बारे में नहीं बता सकते। जब हम म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो हमारे इस इन्वेस्टमेंट को मैनेज करने के लिए एक्सपर्ट लोग होते हैं, जो शेयर मार्केट को समझते हैं, जिन्हें फंड मैनेजर कहा जाता है और ऐसी कम्पनियों को एसेट मैनेजमेंट कंपनी कहते हैं। ये आपके इन्वेस्टमेंट को किसी एक कंपनी में इन्वेस्ट करने के स्थान पर अलग अलग जगहों (शेयर्स, बांड्स आदि) में इन्वेस्ट करते हैं, जिसके कारण आपके नुकसान के चान्सेस कम हो जाते हैं।

म्यूचुअल फंड कंपाउंड इंटरेस्ट पर काम करता है, मान लीजिये आप पहले महीने इसमें 100 रुपए इन्वेस्ट करते हैं और इस पर 15% का इंटरेस्ट है, तो अगले महीने यह अमाउंट 115 हो जाएगा और फिर यह 115 पर 15% लाएगा। इसके साथ ही आप अगले महीने भी 100 रुपए इन्वेस्ट करेंगे तो दूसरे महीने में आपके 215 पर 15% मिलेगा।

अब उदहारण के लिए मान लेते हैं कि आप हर महीने 5 हजार रुपये 15% के ब्याज पर 10 सालों के लिए इन्वेस्ट करते हैं तो अगले 10 सालों में आपका इन्वेस्टमेंट होगा 6 लाख रुपये और इस पर आपको रिटर्न मिलेगा 7 लाख 93 हजार 286 रुपये यानि कुल मिलाकर 13 लाख 93 हजार 286 रुपये मिलेंगे।

जैसे-जैसे आपकी इनकम बढ़ती जाएगी, वैसे-वैसे आप म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करने वाला अमाउंट बढ़ा सकते हैं और उसके हिसाब से आपका रिटर्न भी बढ़ता जाएगा। यदि आप लगातार म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करते हैं, तो हो सकता है कि आप रिटायरमेन्ट के वक़्त तक करोड़पति हो जाएँ।

50 - 30 - 20 Rule of Investment:

इन्वेस्टमेंट का 50 - 30 - 20 रूल एलिज़ाबेथ वारेन और उनकी बेटी एमेलिया वारेन त्यागी ने 2005 में लिखी अपनी किताब "ऑल योर वर्थ : द अल्टीमेट लाइफटाइम मनी प्लान" में बताया है। इस रूल के हिसाब से व्यक्ति को अपनी इनकम 3 हिस्सों में बांटनी चाहिए :

  1. 50% ऑन बेसिक नीड्स : इंसान को अपनी इनकम का 50% अपनी बेसिक नीड्स जैसे रेंट, ईएमआई, फ़ूड, ट्रांसपोर्टेशन, कपड़े, बिल्स पर खर्च करनी चाहिए। यह नीड्स पर्सन टु पर्सन डिपेंड करती है।
  2. 30% ऑन अदर नीड्स : ये हमारी बेसिक नीड्स के अलावा खर्चे होते हैं, जैसे कार, वेकेशन, एक्सपेंसिव कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स आदि, इन पर हम अपनी इनकम का 30% खर्च कर सकते हैं।
  3. 20% ऑन इन्वेस्टमेंट : इन्वेस्टमेंट के 50 - 30 - 20 रूल के हिसाब से हम अपनी इनकम का 20% इन्वेस्ट कर सकते हैं।

इन्वेस्टमेंट के 50 - 30 - 20 रूल को आप अपने हिसाब से चेंज भी कर सकते हैं। यदि आपकी इनकम ज्यादा है और आपको लगता है कि अदर नीड्स पर आप कम खर्चा कर सकते हैं तो आप उस अमाउंट को इन्वेस्ट कर इस रूल को 50 - 30 - 20 की जगह 50 - 20 - 30 भी कर सकते हैं।

आपने अक्सर यह लाइन सुनी होगी कि म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है, लेकिन यदि आप किसी अच्छे म्यूचुअल फंड में लगातार इन्वेस्ट करते जाएंगे, तो यह इन्वेस्टमेंट आपके फ्यूचर को सिक्योर कर सकता है और आप लगातार इन्वेस्टमेंट से अमीर बन सकते हैं।

प्रसिद्ध इन्वेस्टर और उद्योगपति वारेन बफे का एक कोट है कि

कभी भी सिंगल इनकम पर निर्भर नहीं रहना चाहिये, बल्कि इनकम के दूसरे सोर्स भी बनाने चाहिए।"

यदि आप म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करते हैं, तो यह आपको एक दूसरा और मजबूत सोर्स प्रदान करता है। आज से ही अपनी इनकम का एक हिस्सा म्यूचुअल फंड पर इन्वेस्ट करना शुरू करें और भविष्य में करोड़पति बनें।