कोरोना की दूसरी लहर के बीच किस रफ्तार से होगी भारत की GDP ग्रोथ? ADB ने लगाया ये अनुमान
देश में जारी कोरोना की दूसरी लहर का असर अर्थव्यवस्था पर पड़ना निश्चित है. हालांकि इस बार कोरोना प्रतिबंधों को अर्थव्यस्था को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है, लेकिन कोरोना बढ़ते संकट की मार छोटे व्यवसायों पर पड़नी शुरू हो गई है. इस बीच एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank) ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 11 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है. अपनी रिपोर्ट 'एशियन डेवलपमेंट आउटलुक (ADO) 2021' में, एडीबी ने यह भी कहा कि COVID-19 मामलों में हालिया उछाल इस रिकवरी को खतरे में डाल सकता है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि "भारत की अर्थव्यवस्था, इस वित्तीय वर्ष 2021 में एक मजबूत वैक्सीन ड्राइव के बीच 11 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है, जो कि 31 मार्च 2022 को समाप्त होगी है. वहीं अगले वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी में 7.0 फीसदी का विस्तार होने की उम्मीद है."
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि दक्षिण एशिया का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 9.5 प्रतिशत की दर से बढ़ सकता है, जबकि पिछले साल इसमें छह प्रतिशत की गिरावट हुई थी.
क्या कहते हैं मुख्य अर्थशास्त्री
मुख्य अर्थशास्त्री का कहा है कि "इस क्षेत्र में अर्थव्यवस्थाएं मार्ग परिवर्तन पर हैं. यह देखना होगा कि उनके प्रक्षेपवक्र घरेलू प्रकोपों की सीमा, उनके वैक्सीन रोलआउट की गति और वैश्विक रिकवरी से उन्हें कितना फायदा हो रहा है." रिपोर्ट के अनुसार, विकासशील एशिया में मुद्रास्फीति पिछले साल के 2.8 प्रतिशत से 2.3 प्रतिशत तक गिरने का अनुमान है, क्योंकि भारत और चीन के पीपुल्स रिपब्लिक में खाद्य मूल्यों पर प्रेशर है. 2022 में इस क्षेत्र की मुद्रास्फीति दर बढ़कर 2.7 प्रतिशत होने का अनुमान है.
अर्थव्यवस्था पर नहीं पड़ेगा ज्यादा प्रभाव
मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के वी सुब्रमणियम ने बताया था कि कोविड-19 की दूसरी लहर का प्रभाव अर्थव्यवस्था पर बहुत ज्यादा पड़ने की आशंका नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया भर के शोधकर्ताओं के लिये दूसरी लहर के बारे में अनुमान जताना एक वास्तविक समस्या है. सुब्रमणियम ने कहा, "महामारी से संबद्ध कई शोधकर्ताओं ने यह अनुमान जताया है कि महामारी मई के बाद आगे नहीं जानी चाहिए. उसके आधार पर पर हमने कुछ आंतरिक आकलन किये हैं. मुझे लगता है कि इसका प्रभाव बहुत ज्यादा नहीं होगा."
सीईए ने कहा कि जहां तक कोरोना महामारी की दूसरी लहर का सवाल है, इससे निपटने को लेकर पहले के मुकाबले काफी जानकारी है और इस बात की आशंका कम है कि भारत राष्ट्रीय स्तर पर 'लॉकडाउन' लगाएगा.