Stock Market Trading क्या है और इससे जुड़े सभी शब्द जो आपको जानने चाहिए

Stock Marketing Trading Kya Hai?

स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग (Stock Market Trading)- ये नाम सुनते ही दिमाग़ में सवाल दौड़ता है: इससे प्रॉफिट होगा या लॉस? इसे किस तरह से करना चाहिए? तो समझते हैं कि स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग क्या है और इसे कितने प्रकार से किया जा सकता है।

सबसे पहले, स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग की बात करें तो यह एक ऐसा प्रोसेस है जिसमें लोग अलग-अलग कंपनीज़ के शेयर्स, यानी स्टॉक्स को खरीदते और बेचते हैं। ये शेयर उन लोगों के पास होते हैं जो कंपनी में निवेश करते हैं यही शेयर्स शेयर बाजार में ट्रेड होते हैं जिन्हें स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग कहा जाता है। इसे थोड़ा और आसान शब्दों में समझते हैं।

शेयर - जब भी आप किसी कंपनी के शेयर्स खरीदते हैं, तो आप उस कंपनी के एक छोटे से हिस्से के मालिक बन जाते हैं।

ट्रेडिंग - ट्रेडिंग का मतलब है शेयर्स को खरीदना और बेचना। जैसे आप किसी भी शेयर को तब खरीद सकते हैं जब उसका दाम कम हो, और दाम बढ़ने पर उसे मुनाफे के साथ बेच सकते हैं।

स्टॉक मार्केट

स्टॉक मार्केट वह जगह होती है जहां पर शेयर्स को खरीदा और बेचा जाता है।स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने के कई प्रकार हैं।

आइए जानते हैं कि इनमें से आप किस तरह से ट्रेडिंग कर सकते हैं:

  • इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading):

    शेयर मार्केट में जब एक ही दिन में शेयर्स को खरीदकर फायदे के साथ बेचा जाता है, तो इसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है। इस ट्रेडिंग के लिए सुबह शेयर मार्केट खुलने से उसके बंद होने तक का ही समय होता है।

  • स्कैल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading):

    स्कैल्पिंग ट्रेडिंग भी एक ही दिन में की जाती है, लेकिन इसमें शेयर्स को सिर्फ कुछ मिनट्स या फिर सेकेंड्स में ही खरीदकर वापस बेच दिया जाता है। इसमें ट्रेडर शेयर्स में होने वाले छोटे-छोटे फायदे हासिल करता है।

  • स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading):

    स्विंग ट्रेडिंग में शेयर्स को एक स्ट्रेटेजी के तहत खरीदा जाता है। इसमें ट्रेडर ऐसे शेयर्स खरीदता है जिनकी कीमत बढ़ने की संभावना होती है। इसलिए वह कुछ दिन या हफ्ते के लिए ऐसे शेयर्स को कम दाम पर खरीदते हैं और भाव बढ़ने पर उन्हें बेच देते हैं।

  • पोजिशनल ट्रेडिंग (Positional Trading):

    पोजिशनल ट्रेडिंग में शेयर्स को कुछ महीनों या सालों के लिए खरीदा जाता है। इस स्ट्रेटेजी में शेयर्स को लंबे समय तक होल्ड करके रखा जाता है ताकि भविष्य में, जब उनकी कीमत बढ़े, तो उन्हें बेचकर बड़ा मुनाफा कमाया जा सके।

  • मोमेंटम ट्रेडिंग (Momentum Trading):

    मोमेंटम ट्रेडिंग में ऐसे शेयर्स खरीदे जाते हैं जिनके दाम तेज़ी से बढ़ रहे होते हैं, और उन शेयर्स को बेचा जाता है जिनकी कीमतें गिर रही होती हैं। इसमें दोनों ही परिस्थितियों का फायदा उठाने की कोशिश की जाती है, और बहुत तेज़ी से ट्रेडिंग करने का फैसला करना होता है।

  • आर्बिट्राज ट्रेडिंग (Arbitrage Trading):

    आर्बिट्राज ट्रेडिंग में एक ही शेयर की कीमत को दो या दो से ज्यादा बाजारों में देखा जाता है और फिर जहां ज्यादा कीमत मिल रही होती है, वहां उसे बेच दिया जाता है।

इन तरीकों से आप स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग में अपने निवेश को बेहतर बना सकते हैं और अच्छे परिणाम हासिल कर सकते हैं।


आपको यह जानकारी कैसी लगी, हमें कमेंट्स में ज़रूर बताएं।

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