भारत ने कबूतर के जरिए अपना संदेश भेजने के दौर को भी देखा और उस जमाने को भी जब मीलों की दूरी तय कर संदेशों को पहुचांने के लिए इंसान लंबा सफर तय किया करता था. लेकिन आज संदेश से लेकर किसी भी सामग्री को कुछ ही घंटे में किसी भी जगह पर भेज दिया जाता है और यह संभव हो पाया है कूरियर सर्विस के जरिए. यही कारण भी है कि गांव-शहर में इस सर्विस की शुरुआत जोरो-शोरो के साथ हो रही है. कूरियर सर्विस की डिमांड बढ़ती जा रही है. अगर आप भी चाहते हैं कि आपको इस बिज़नेस (Courier Service Business Plan) में अपना भाग्य आज़माना है तो यह आर्टिकल आपके लिए है. कूरियर बिज़नेस (Courier Business Ideas) को कैसे शुरू करना है और इस बिज़नेस में सफलता कैसे पायी जाती है, इस आर्टिकल में इन सभी बातों की जानकारी विस्तार से दी जाएगी.

  • कूरियर सर्विस स्टॉर्ट-अप (Courier Service Startup): कूरियर सर्विस को दो तरीकों के जरिए आरंभ किया जा सकता है. दोनों तरीकों में बजट का भी अंतर होता है. अगर आप केवल अपने आधिपत्य यानि कि केवल खुद के स्वामित्व वाली कूरियर सर्विस कंपनी चाहते हैं तो इसके लिए आपको ज्यादा बजट की आवश्यकता होगी क्योंकि खुद की कूरियर सर्विस में आपको सभी जरूरी चीज़ों के साथ ही खुद के स्टॉफ की भी जरूरत होगी.

इसके अलावा आप किसी कूरियर कंपनी के साथ पार्टनरशिप के तौर पर या दूसरी कंपनी के साथ साझेदारी के तौर पर भी कूरियर सर्विस की शुरुआत कर सकते हैं. दूसरी कंपनी के साथ पार्टनरशिप में आपको ज्यादा फायदा हो सकता है, क्योंकि उस कंपनी की बाजार में पहले से पकड़ है. यानि कि वह कंपनी बाजार में पहले से स्थापित है और उसकी पहचान का आपको भी फायदा मिल सकता है.

  • रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस: बिज़नेस चाहे किसी भी प्रकार का हो, रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस की आवश्यकता आपको हर बिज़नेस में होती है. कूरियर बिज़नेस (Courier Business) के लिए भी आपको लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन की जरूरत होगी. लाइसेंस के लिए आपको नगर-निगम से मदद लेनी होगी और जरूरी दस्तावेजों को सबमिट कर रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस के लिए फॉर्म भरना होगा. कूरियर सर्विस घरेलू होंगी या राष्ट्रीय या फिर अंतराष्ट्रीय होंगी, इन सभी बातों का उल्लेख आपको फॉर्म भरते वक्त करना होगा क्योंकि तीनों स्तरों के लिए अलग-अलग फॉर्म भरना होता है.
  • इक्विप्मेंट्स: कूरियर सर्विस के लिए आपको लैपटॉप या डेस्कटॉप के अवाला कुछ सॉफ्टवेयर की जरूरत भी होगी. कूरियर को ट्रैक (Courier Tracking) करने के लिए ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर की मदद आपको लेनी होगी. इसके अलावा कूरियर भेजने के लिए किसी गाड़ी या मोटरसाईकिल की जरूरत आपको होगी.
  • बिज़नेस ग्रो करने के तरीकें: कूरियर सर्विस को ग्रो करने के लिए कुछ टिप्स का सहारा लेना पड़ सकता है. सबसे पहले आपको अपने कूरियर सर्विस की साइट का निर्माण करना होगा. जिसके जरिए कस्टमर आपकी सर्विस का फायदा उठा सके.

कूरियर सर्विस (Courier Service) में सबसे ज्यादा महत्व कस्टमर के सामान या प्रोडक्ट या फिर दस्तावेजों की सुरक्षा का होता है. अगर किसी कस्टमर के दस्तावेज या कोई प्रोडक्ट सही समय पर अपने गंतव्य स्थान पर नहीं पहुंच पाते हैं या फिर कोई प्रोडक्ट टूट जाता है, तो इससे कस्टमर के बीच अविश्वास की स्थिति बन जाती है और आपकी कंपनी के प्रति कस्टमर का भरोसा भी नहीं बन पाता है. इसलिए कस्टमर के कूरियर की सुरक्षा आपकी कूरियर बिज़नेस की प्राथमिकता में शामिल जरूर होनी चाहिए.

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