नई दिल्ली: ग्रामोद्योग विकास योजना (जीवीवाई) के अंतर्गत केंद्र सरकार ने हाल ही में अगरबत्ती उत्पादन बढ़ाने और इस मोर्चे पर आत्मनिर्भर बनने के लिए एक स्कीम को मंजूरी दी. GVY स्कीम से देश में अगरबत्ती उद्योग को पुनर्जीवित करना सरकार का मुख्य मकसद है. साथ ही इससे आयात को कम करने के लिए अगरबत्ती के स्वदेशी उत्पादन को बढ़ाना है.
इस स्कीम के तहत अगरबत्ती क्षेत्र में कार्यरत कारीगरों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है और अगरबत्ती निर्माण मशीनों, अगरबत्ती निर्माण के लिए कच्चे माल आदि सहायता प्रदान की जाती है. साथ ही परंपरागत कारीगरों के लिए स्थायी रोजगार का सृजन करना और उनका मेहनताना बढ़ाना भी है. बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज विकसित करना और कारीगरों और स्व-सहायता समूहों आदि को तरक्की के पथ पर ले जाना है.
सहायता का प्रकार
- अगरबत्ती उद्योग में अनुभवी व्यक्तियों/विशेषज्ञों हर 10 दिन का मुफ्त अगरबत्ती कौशल उन्नयन प्रशिक्षण (प्रति बैच 20 उम्मीदवार)
- अगरबत्ती निर्माण मशीनों, अगरबत्ती निर्माण के लिए कच्चे माल आदि से सहायता
कौन आवेदन कर सकता है
- फोटोग्राफ के साथ आधार कार्ड/मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड आदि वाले18 वर्ष से 55 वर्ष की आयु वर्ग के कारीगर.
- पैडल संचालित मशीन के लिए एक परिवार से एक व्यक्ति और स्वचालित अगरबत्ती मशीन के लिए समूह गतिविधि (एसएचजी) हेतु एक परिवार से दो व्यक्ति.
- स्व-सहायता समूह या समूहों के लिए, सभी सदस्यों को प्रशिक्षित किया जाएगा.
- केवीआईसी/केवीआईबी/नाबार्ड/केवीके/ राज्य या केन्द्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण केन्द्रों या बैंक/पात्र एनजीओ द्वारा अगरबत्ती बनाने में पहले से प्रशिक्षित व्यक्ति.
- अगरबत्ती के उत्पादन के लिए केवीआई संस्थाओं के साथ कार्यरत कारीगरों को वरीयता दी जाएगी.
- उसी/समान प्रयोजन के लिए अन्य सरकारी स्कीमों का लाभ ले चुके व्यक्ति पात्र नहीं होंगे; लाभार्थी को इस आशय का घोषणापत्र होगा.
आवेदन कैसे करें
प्रायोगिक परियोजनाओं/प्रशिक्षण प्राप्त करने /मशीनों आदि की स्थापना करने के इच्छुक भावी लाभार्थी/स्व-सहायता समूहों से परियोजना प्रस्तावों के साथ आवेदन आमंत्रित करने के लिए स्थानीय प्रिंट/इलेक्ट्रोनिक मीडिया के माध्यम से केवीआईसी के राज्य/प्रभागीय निदेशकों द्वारा दिए जाने वाले विज्ञापनों का उत्तर देकर। विवरण जानने के लिए संबंधित राज्य कार्यालय, केवीआईसी से संपर्क करें. GVY स्कीम से संबंधित अधिक जानकारी के लिए अधिकारिक वेबसाइट www.kviconline.gov.in पर जाएं.