Made in India 2025: अब 'लोकल' नहीं, ग्लोबल सोच रहा है भारत का स्टार्टअप!

  • कभी ‘Make in India’ सिर्फ एक सरकारी नारा था। लेकिन आज यह भारत के स्टार्टअप्स का असली लक्ष्य बन चुका है।
  • 2025 में, भारतीय स्टार्टअप्स न सिर्फ देश में सफल हो रहे हैं, बल्कि दुनिया के मार्केट में अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेस के दम पर ग्लोबल ब्रांड बन रहे हैं।
  • अब "लोकल वेंचर" का मतलब केवल गांव या शहर तक सीमित नहीं रहा — वो ग्लोबल टेबल पर बैठने की तैयारी कर रहा है।

क्या है ‘Made in India 2.0’?

  • 2025 में ‘Made in India’ सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग तक सीमित नहीं है। अब यह एक नया सोच है — जिसमें टेक्नोलॉजी, डिजाइन, इनोवेशन, और यूजर एक्सपीरियंस को वर्ल्ड-क्लास लेवल पर लाया जा रहा है।
  • ये स्टार्टअप्स अब यूनिक प्रॉब्लम सॉल्विंग, मल्टी-मार्केट एक्सपैंशन, और डिजिटल स्केलेबिलिटी के साथ दुनिया में भारत की पहचान बना रहे हैं।

डेटा खुद बता रहा है सफलता की कहानी

  • जैसा कि ऊपर ग्राफ में दिख रहा है, 2020 में जहां केवल 5% भारतीय स्टार्टअप्स इंटरनेशनल मार्केट में जा पाए थे, वहीं 2025 में यह संख्या 25% तक पहुँच चुकी है।
  • यानी हर 4 में से 1 स्टार्टअप अब दुनिया में कारोबार कर रहा है — और यह भारत के बिज़नेस टैलेंट का असली परिचय है।

2025 में ऐसा क्या बदल गया?

  • सबसे बड़ा बदलाव आया है सोच में — अब भारत के फाउंडर्स सिर्फ भारतीय समस्या का समाधान नहीं ढूंढ रहे, बल्कि वे वैश्विक समस्याओं के लिए लोकल-सॉल्व्ड, ग्लोबली-स्केलेबल मॉडल तैयार कर रहे हैं।
  • इसके पीछे मजबूत टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर, सस्ती इनोवेशन, और डिजिटली-सशक्त युवा शक्ति है।
  • सरकार भी एक्सपोर्ट इकोसिस्टम को आसान बना रही है — चाहे वो ONDC जैसे ओपन नेटवर्क हो, या ग्लोबल स्टार्टअप समिट्स में भारत की भागीदारी।
  • स्टार्टअप्स को अब लॉजिस्टिक्स, पैकेजिंग, फाइनेंस और मार्केटिंग में वैश्विक स्तर की ट्रेनिंग और सब्सिडी मिल रही है।

कौन-कौन से स्टार्टअप्स चमक रहे हैं इंटरनेशनल मार्केट में?

  • आज भारत के SaaS स्टार्टअप्स अमेरिका में क्लाइंट्स सर्व कर रहे हैं, HealthTech कंपनियाँ अफ्रीका में अपनी सेवाएं दे रही हैं, EdTech ब्रांड्स एशिया और गल्फ कंट्रीज़ में फैल रहे हैं।
  • Agritech कंपनियाँ सस्टेनेबल फार्मिंग मॉडल एक्सपोर्ट कर रही हैं और D2C ब्रांड्स यूरोप-अमेरिका तक पहुँच बना रहे हैं।
  • Zerodha, Zoho, Boat, Lenskart, GlobalBees, और Mamaearth जैसे नाम सिर्फ भारत ही नहीं, अब इंटरनेशनल शेल्फ़ पर भी दिख रहे हैं।

क्यों जरूरी है अब ग्लोबल सोचना?

मजबूत डिमांड, सस्ता और क्रिएटिव प्रोडक्शन, और डिजिटल डिस्ट्रीब्यूशन।
2025 का भारत सिर्फ नौकरी ढूंढता देश नहीं है — ये ब्रांड्स बनाने वाला देश बन चुका है।

जब भारत का स्टार्टअप दुनिया में पहुंच रहा है, तो आपका आइडिया क्यों न बने अगला 'Bada Business'?

  • अगर आप भी एक ऐसा स्टार्टअप बनाना चाहते हैं जो भारत से निकले और दुनिया तक पहुंचे — तो आपको चाहिए सही ट्रेनिंग, गाइडेंस और ग्लोबल सोच।
  • Bada Business वही करता है — यह आपके आइडिया को हैंडहोल्डिंग सपोर्ट, स्केलेबल मॉडल, और इंटरनेशनल एक्सपोजर के साथ एक ऐसा बिज़नेस बनाता है जो ग्लोबली काम कर सके।
  • तो आइए, अब स्टार्टअप को लोकल पहचान नहीं, ग्लोबल पहचान दें — और बनाए एक सशक्त ‘Bada Business’ जो भारत को बिज़नेस महाशक्ति बनाने में योगदान दे।