भारतीय सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाएं और परियोजनाएं देश को तरक्की की राह पर अग्रसर करने का काम कर रही हैं. अब इसी कड़ी में एक और परियोजना का नाम जुड़ा है, जो देश देश को कामयाबी के पथ पर ले जाने का काम करने वाली है. भारत में लगभग 200 से भी ज्यादा राष्ट्रीय राजमार्ग हैं, जो देश को कश्मीर से कन्याकुमारी तक जोड़ने का काम करते हैं. अब इसी परियोजना के अंतर्गत एक और राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल होने जा रहा है.

दरअसल भारत की ‘भारतमाला सड़क परियोजना’ के तहत देश को एक और हाइवे की सौगात मिलने जा रही है. यह सड़क परियोजना देश के विकास को तरक्की देने और उसे आगे बढ़ाने का प्रमुख काम करने वाली है. इस लेख के माध्यम से हम आपको इस परियोजना के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं.

भारतमाला सड़क परियोजना के तहत बना हाइवे किस तरह से आसान करेगा नागरिकों की राह

दरअसल भारतमाला परियोजना के तहत राजस्थान के बाड़मेर-जैसलमेर में एक हाइवे का निर्माण किया गया है. देश के अंतिम छोर बाड़मेर-जैसलमेर जिले में भारत-पाक बॉर्डर पर रेगिस्तानी धोरों में जहां फौज के टैंक भी चढ़ना मुश्किल होते थे, वहां पर अब 550 किमी. लंबे इस हाइवे का निर्माण किया जा चुका है. यह एक टू लेन हाइवे है, जिसका निर्माण रेतीलें धोरों को काटकर किया गया हैं. अब आपको बताते हैं कि किस तरह से यह लोगों के लिए फायदेमंद साबित होने वाला है.

इस ऐरिया के बहुत से गांव ऐसे हैं, जिनमें 6-6 महीनें तक संपर्क नहीं हो पाता था क्योंकि गर्मियों की शुरुआत के साथ ही यहां 50-60 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से धूलभरी आंधियां चलती है, इससे गांवों के कच्चे रास्ते भी रेत से अट कर बंद हो जाते थे. इसी कारण सड़कें रेत से जाम हो जाती थीं. लेकिन भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बना यह हाइवे, बाड़मेर के रामजी का गोल, खासर, रामसर, गडरारोड, मुनाबाव, सुंदरा होते हुए जैसलमेर के तनोट को जोड़ने का काम करेगा और इसकी मदद से अब उन सभी परेशानियों का खात्मा हो जाएगा जो इस ऐरिया के लोगों को होती थी.

इस हाइवे की एक खास बात और भी है. रेत को रोकने के लिए हाइवे के किनारे दीवार तक बनाई गई है. इसे करीब 4-5 जगहों पर हवाई पट्‌टी की तरह बनाया गया है, जिस पर फाइटर प्लेन भी उतारे जा सकते हैं.

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इस परियोजना के तहत आगे कैसे होगा काम

भारतमाला परियोजना राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना है, जिसके अंतर्गत नए राजमार्ग के अलावा उन परियोजनाओं को पूरा करने का काम किया जाएगा जो अब तक अधूरे पड़े हैं. सरकार के मुताबिक योजना के पूरा होने पर भारतमाला के तहत राजमार्ग की कुल लंबाई 51,000 किमी होगी. इस परियोजना अगर शुरुआत की बात करें तो इस पर गुजरात और राजस्थान से काम शुरू किया गया है. इसके बाद पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड की बारी आएगी और फिर उत्तर प्रदेश और बिहार से होते हुए पूर्वोतर के राज्य और भारत-म्यांमार बॉर्डर तक सड़कें बनाई जाएंगी. पहले चरण में 550 जिले कवर होंगे.

अगर बात जिलों की करें तो अभी तक सिर्फ 350 जिलों से एनएच गुजरते हैं. अब आगे 34 जिलों में सड़कों में लेन बढ़ाई जाएगी, जबकि 35 शहरों में लॉजिस्टिक पार्क स्थापित किए जाएंगे. सिर्फ इतना ही नहीं नागरिकों को सुविधाएं और सहुलियत देने के लिए 700 जगहों पर सड़क किनारे यात्री सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा. जिनमें से 180 का निर्माण कार्य दो साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.