जानिए लैंप की रोशनी में पढ़कर IAS बनने वाले अंशुमन राज की सफलता की कहानी

IAS Anshuman Raj Success Story in Hindi.

यदि किसी इंसान में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो, तो वह हर परेशानी का सामना करके अपने लक्ष्य को पा ही लेता है। आज हम आपको जो कहानी बता रहे हैं, वह इस बात का जीता-जागता उदाहरण है। IAS अंशुमन राज एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं।

बिहार के रहने वाले अंशुमन इतने गरीब थे की आर्थिक तंगी के कारण कैरोसिन लैंप के उजाले में बैठकर वे पढ़ाई करते थे। लेकिन उनकी परेशानियां कभी भी उनके हौसलों के आड़े नहीं आई और आज वे एक IAS अधिकारी हैं।

आज जानिये IAS अंशुमन राज की संघर्ष से सफलता की कहानी –

जन्म: बक्सर, बिहार
UPSC: 107वीं रैंक
वर्तमान पद: मध्यप्रदेश में SDM

कौन हैं अंशुमन राज?

अंशुमन का जन्म बिहार के बक्सर में एक साधारण परिवार में हुआ था। अंशुमन के पिता गांव में एक छोटा सा बिज़नेस था, लेकिन एक समय बिज़नेस में बहुत नुकसान हो गया था। ऐसे समय परिवार को घर खर्च में भी परेशानी होने लगी, तब अंशुमन लैंप की रौशनी में पढ़ाई करते थे। अंशुमन ने 10वीं तक की पढ़ाई गांव के ही स्कूल में की। उसके बाद 12वीं की पढ़ाई करने के लिए रांची चले गए। उसके बाद उन्होंने बीटेक किया और उसके बाद फिर से गांव आ गए।

सेल्फ स्टडी करके निकाली UPSC

ग्रेजुएशन के बाद वे गांव आ गए और वहां रहकर UPSC की तैयारी करने की ठानी। गांव में UPSC की कोचिंग तो दूर, अंग्रेजी का अखबार भी नहीं मिलता था, ऐसे में उन्होंने ऑनलाइन संसाधनों का सहारा लिया। UPSC के पहले और दूसरे प्रयास में अंशुमन को सफलता नहीं मिली, उसके बाद भी वे हताश नहीं हुए, बल्कि और ज्यादा मेहनत करने लगे। परिणामस्वरूप तीसरे प्रयास में अंशुमन को सफलता मिली और उन्हें IRS के लिए चुना गया, लेकिन उनका जज्बा उन्हें यहीं रोकने वाला नहीं था।

बीमारी की हालत में दिया चौथा अटेम्प्ट

अंशुमन IRS से संतुष्ट नहीं हुए और फिर से अगले प्रयास के लिए जुट गए। इस बार उनकी तैयारी पूरी थी, लेकिन उनकी किस्मत में अभी और भी संघर्ष लिखा था। 2019 में Mains की परीक्षा के कुछ रोज पहले उन्हें Appendix का बहुत ही तेज दर्द हुआ। अंशुमन ने इसी भयंकर दर्द में अपनी Mains की परीक्षा दी, इस बार उन्हें अनुकूल परिणाम प्राप्त हुए।

UPSC परीक्षा का परिणाम अंशुमन के लिए सुखद समाचार लेकर आया। अपने चौथे प्रयास में अंशुमन की 107वीं रैंक थी और उन्हें IAS के लिए चुना गया। अंशुमन के अनुसार जिंदगी में  कोई भी बाधा इतनी बड़ी नहीं होती कि इंसान को अपने सपने पुरे करने से रोक सके। अंशुमन आज मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में SDM के पद पर नियुक्त हैं। अंशुमन ने यह साबित कर दिया है कि यदि इंसान चाहे तो जीवन में कुछ भी असंभव नहीं है।

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