कहते हैं 'फ़ैज़' थी राह सर-ब-सर मंज़िल, हम जहाँ पहुँचे कामयाब आए।’ कुछ ऐसे में अविश्वसनीय मुकाम हासिल कर दिखाए भोपाल के इस युवा आईएएस अधिकारी जय शिवानी ने। इन्होंने केवल चार साल की सर्विस में ही IAS से कमिश्नर के पद तक पहुंचने का सफ़र पूरा कर लिया। ये सब मुमकिन हो सका उनके अपने काम के प्रति संपूर्ण समर्पण, ईमानदारी और कड़ी मेहनत के कारण। सफलता के इन मूलमंत्रों की बदौलत महज चार सालों में ऐसी अविश्वसनीय सफलता को हासिल करके जय शिवानी ने इतिहास रच दिया है। आज उनका किया गया काम बहुत से लोगों के लिए प्रेरणा बन रहा है।
पहले IAS, फिर हासिल किया कमिश्नर का पद
भोपाल के एक व्यापारी रमेश शिवानी के बेटे जय शिवानी ने प्रशासनिक सेवा के लिए 2019 के बैच से IAS अधिकारी बने। IAS बनने के बाद उन्होंने अपनी सर्विस की शुरुआत की, जय असम कैडर के IAS अधिकारी हैं। जहां एक ओर से मध्य प्रदेश में उनके बैच के बाकी अभ्यर्थी अभी तक एडिशनल कलेक्टर भी नहीं बन सके हैं, वहीं शिवानी असम में ही एक बड़े विभाग के कमिश्नर पद की जिम्मेदारी को संभाल रहे हैं।
जय शिवानी को 22 जुलाई 2023 को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का कमिश्नर बनाया गया था। इसके अलावा उन्हें स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) का मिशन डायरेक्टर का अतिरिक्त कार्य प्रभार भी दिया गया। ये कार्य उन्हें उन्हें विशेष कार्य कुशलता और अपने काम में बेहतरीन होने के कारण दिया गया।
नायक के अनिल कपूर की तरह करते हैं काम!
जय शिवानी के नाम एक बड़ी उपलब्धि भी लिखी जा चुकी है। उन्होंने “प्रधानमंत्री आवास योजना” के अंतर्गत एक महा गृह प्रवेश कार्यक्रम का आयोजन किया और उस दिन 5 लाख 65 हज़ार बेघर लोगों को एक साथ गृह प्रवेश करवाया। ऐसा कार्य देश के किसी भी और राज्य में नहीं किया गया है जो जय शिवानी की टीम ने उनकी अगुवाई में करके दिखाया।
जय शिवानी की ऐसी ही बड़ी उपलब्धियों के कारण उन्हें प्रशासन से कई अहम जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। बात अगर जय शिवानी के परिवार की करें तो जय शिवानी के पिता और परिवार भोपाल में न्यू गोल्डन सिटी में रहते हैं। वहीं उनकी पत्नी आरुषि सिंह भी भारतीय सूचना सेवा (IIS) में एक अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। जय शिवानी के समस्त परिवार को उनके किए कार्यों पर गर्व है।