आज के आधुनिक समय में हर कोई जल्दी से ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाना चाहता है. लेकिन कई बार लोग ऐसी गलतियां कर देते हैं जिससे उनका सारा पैसा डूब जाता है. जिसके कारणवश वो लोग निराश  हो कर हताश-परेशान हो जाते हैं। कोरोना काल के दौरान लोगों में शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड को लेकर काफी समझ बढ़ी है। एफडी में रिटर्न की दर कम होने की वजह से भी कई लोग अब शेयर बाजार की ओर रुख कर रहे हैं और अपना पैसा रिस्क के साथ म्यूचुअल फंड या फिर इक्विटी शेयर बाजार में लगा रहे हैं.  यह एक अच्छा सकेंत है लेकिन पिछले कुछ सालों से नए लोग म्यूचुअल फंड में निवेश कर तो रहे हैं और फाइनेंशियल एक्विटीज में बढ़-चढ़कर हिस्सा भी ले रहे हैं. लेकिन म्यूचुअल फंड की सही जानकारी न होने के कारण कई निवेशकों को अपने खून-पसीने की कमाई को खोना भी पड़ रहा है.

आज निवेश के विकल्प के रूप में म्यूचुअल फंड तेजी से उभर रहा है. लेकिन म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले निवेशकों को कुछ बातों पर जरूर ध्यान देना चाहिए. आज हम आपको ऐसी ही 6 मुख्य बातें बताएंगे जिन्हें ध्यान में रख कर आप म्युचुअल फंड के जोखिम से बच सकते है. तो आइए जानते हैं कौन सी 6 बातें आपको बचा सकती हैं म्युचुअल फंड के रिस्क से.

1. निवेश की समय सीमा देखें (View investment time frame)

यदि आप पहली बार म्यूचुअल फंड में निवेश करने जा रहे हैं तो सबसे पहले, अपने लक्ष्य और समय सीमा को निर्धारित करना जरूरी है.  अगर कोई निवेशक 3 साल के लिए पैसा लगाना चाहते हैं तो मिडकैप और स्मॉलकैप से दूर रहना चाहिए. अगर 4 साल के लिए निवेश करना है तो मिडकैप में निवेश कर सकते हैं क्योंकि लार्ज कैप के मुकाबले मिडकैप में ज्यादा रिटर्न मिलता है. म्यूचुअल फंड में निवेश छोटी नहीं लंबी अवधि में ही फायदेमंद साबित होता है. सही रिटर्न के लिए सात से दस साल तक समय देना पड़ता है. किसी म्यूचुअल फंड का मूल्यांकन करते समय उस फंड का, फंड के बेंचमार्क के मुकाबले परफॉर्मेंस ट्रैक करना मुश्किल होता है. अगर कोई म्यूचुअल फंड स्कीम अपने बेंचमार्क को 3,5 या 7 साल में पीछे नहीं छोड़ रहा है तो ऐसी स्कीम से दूर रहना चाहिए.

2. एक्सपेंस और शार्प रेश्यो चैक करें (Check Expense and Sharp Ratio)

म्यूचुअल फंड में पहली बार निवेश करने वाले निवेशक को चाहिए कि वो ऐसे म्यूचुअल फंड स्कीम से दूर रहे, जिसका एक्सपेंस रेश्यो 2 फीसदी से ज्यादा है. एक आदर्श एक्सपेंस रेश्यो1.2 से 8 फीसदी तक हो सकता है. एक्सपेंस रेश्यो का मतलब यह हुआ कि कोई AMC म्यूचुअल फंड स्कीम चलाने के लिए कितना खर्च करती है. एक्सपेंस रेश्यो का बोझ निवेशक के ऊपर ही पड़ता है. वहीं दूसरी ओर म्यूचुएल फंड में शार्प रेश्यो चेक करें. इसका इस्तेमाल किसी म्यूचुअल फंड के रिस्क परफॉर्मेंस का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है. इस रेश्यो से पता चलता है कि किसी स्कीम में पैसा लगाने पर कितना रिटर्न मिल सकता है और कितना रिस्क है. ज्यादा शार्प रेश्यो वाले फंड को चुनना सही फैसला हो सकता है. इस बात का ध्यान रख कर आप भविष्य के जोखिम से बच सकते हैं.

3. पिछला रिटर्न देखकर ही न करें चुनाव (Do not choose only for the previous return)

अक्सर लोग किसी भी कंपनी के म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले उसका पिछला रिटर्न देखकर ही आने वाले रिटर्न का अनुमान लगा लेते हैं और अपने पैसों को निवेश कर देते हैं. यह नए निवेशक की सबसे बड़ी गलती होती है. पिछले रिटर्न को देख कर यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि आगे कौन सा फंड प्रदर्शन करेगा. इसके अलावा मार्केट में सही वक्त पर एंट्री भी एक अहम पहलू है. एक्सपर्ट का मानना है कि अगर निवेशक को बाजार का पहले से अनुभव है तो म्यूचुअल  फंड्स में वह लंबे समय तक बना रहता है. नए निवेशकों के लिए जरूरी है कि शुरू में स्थापित कंपनियों के फंड में निवेश करें. उनके पोर्टफोलियो पर गौर करें और फिर निवेश करने का फैसला करें. म्यूचुअल फंड में धीरे-धीरे निवेश बढ़ाएं. इसलिए आप रिटर्न की सही से जानकारी ले लें उसके बाद ही म्यूचुअल फंड का चुनाव करें.

4. शेयर बाजार के मौजूदा हालात को देखकर बनाएं स्ट्रेटेजी (Make strategy by looking at the current situation of the stock market)

शेयर बाजार के तहत म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले आपको लार्ज कैप फंड में निवेश करना चाहिए. लार्ज कैप के बजाय मिड-कैप और स्मॉल कैप में निवेश से बचना चाहिए क्योंकि बाजार के उतार-चढ़ाव में ये बुरी तरह प्रभावित होते हैं. अगर कोई निवेशक आज की तारीख में एसआईपी के जरिये म्यूचुअल फंड में 10 हजार रूपये निवेश करना चाहता है तो उसे एक इंडेक्स फंड, एक फ्लैक्सी कैप फंड और एक वैल्यू फंड का चुनाव करना चाहिए ताकि निवेशक को डाइवर्सिफिकेशन का फायदा  मिल सके.

5. जल्दबाजी में न करें निवेश (Do not invest in haste)

कई नए निवेशक ऐसी स्कीमों का चयन करते हैं, जिन्हें वे बहुत अच्छा समझते हैं. फिर अपने आसपास के सभी लोगों से पूछते हैं कि क्या उन्होंने निवेश के लिए सही  म्यूचुअल फंड चुना है. यह एक बड़ी गलती है. यदि आप कोई ऐसी स्कीम बेचना चाहते हैं जो आपके लिए सही नहीं है, तो आपको एग्जिट लोड और कैपिटल गेन टैक्स चुकाना पड़ सकता है. यदि आप अपनी स्कीमों को खरीदने के बाद तुरंत बेच रहे हैं तो यह आपकी पूंजी घटा सकता है. यही कारण है कई नए निवेशक ऐसी स्कीमों का चयन करते हैं. जिन्हें वे बहुत अच्छा समझते हैं. यही कारण है कि निवेश से पहले ठीक से होमवर्क कर लेना चाहिए. इसलिए आप पहले यह पता करें आप निवेश क्यों कर रहे हैं? इसके बाद पता करें कि आपके हाथ से कितना समय है. तीसरा, यह पता करें कि आप कितना जोखिम लेने को तैयार हैं.  इन सवालों के जवाब पता करने से आपकों वो फेक्ट्स पता चलेंगे जिससे आपको निवेश में मदद मिलेगी.

6. बहुत ज्यादा स्कीमों में निवेश करने से बचें (Avoid investing in too many schemes)

अक्सर म्यूचुअल फंड के फायदों को देखते हुए नए निवेशक ज्यादा से ज्यादा म्यूचुअल  फंड कंपनियों में निवेश कर देते हैं. लेकिन यह आपकी बड़ी गलती साबित हो सकती है. इसलिए एक या दो स्कीमें चुनें जो आपके लंबी अवधि के वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आपके जोखिम प्रोफाइल के अनुरूप हों. म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो में बहुत सारी स्कीमें और कैटेगरी अक्सर आपके रिटर्न को कम करती हैं. आप इसके लिए सलाहकारों की सलाह भी ले सकते है. किसी को सीधे निवेश तभी करना चाहिए, जब उसे म्यूचुअल फंड में निवेश के बारे में अच्छी जानकारी हो.

किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले एंट्री और एग्जिट लोड, फंड की अपेक्षित ग्रोथ और वोलैटिलिटी पर भी ध्यान देना जरूरी है. सबसे जरूरी बात कहीं भी निवेश करने से पहले उसके दस्तावेजों को सही तरह से पढ़ लें. इन 6 बातों को ध्यान में रख कर आप म्यूचुअल फंड में इंवेस्ट कर अपने सपने को साकार करिए. ऐसे ही अन्य बिज़नेस रिलेटिड आइडिया पाने में आपकी मदद एक बिज़नेस कोच (Best Business Coach in India) भी कर सकते हैं.

लेख के बारे में आप अपनी टिप्पणी को कमेंट सेक्शन में कमेंट करके दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा आप अगर एक व्यापारी हैं और अपने व्यापार में किसी कठिन और मुश्किल परेशानियों का सामना कर रहे हैं। आप चाहते हैं कि बिज़नेस को आगे बढ़ाने में आपको एक पर्सनल बिज़नेस कोच का अच्छा मार्गदर्शन मिले तो आपको LFP Bada Business (Leadership Funnel Program)  का चुनाव जरूर करना चाहिए। जिससे आप अपने बिज़नेस में एक अच्छी हैंडहोल्डिंग पा सकते हैं और अपने बिज़नेस को चार गुना बढ़ा सकते हैं।