Motivational Story: सिर्फ 11 हज़ार में की बिज़नेस की शुरुआत, दो सालों में ही कि 70 लाख की कमाई

Unveiling the Secrets of Business Growth Blueprint.

झारखंड की रहने वाली शिल्पी सिन्हा उन हजारों लोगों में से एक थी, जो पढ़ाई या नौकरी के सिलसिले में अपने घर-गांव को छोड़कर शहर की ओर रुख़ करते हैं. शिल्पी 2012 में पढ़ाई करने जब बेंगलुरु पहुंची तो उन्हें एक ऐसी समस्या का सामना करना पड़ा, जिसका सामना शायद बड़े शहर में निवास करने वाला हर व्यक्ति करता है. बड़े शहरों में मिलने वाले मिलावटी दूध के स्वाद ने शिल्पी को काफी हैरानी में ड़ाल दिया था. शिल्पी को और भी ज्यादा हैरान ,फूड़ सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड ऑफ इंडिया के उस सर्वे ने भी किया, जिसमें कहा गया कि हर तीन में से दो व्यक्ति ऐसे पैक्ड दूध का सेवन करते हैं, जिसमें पेंट और डिटर्जेंट की मिलावट होती है.

शिल्पी इस बात से भी काफी आश्चर्यचकित थी कि शारीरिक विकास के लिए दूध जरूरी परार्थों में से एक है, लेकिन फिर भी शहर के लोग इसी दूध का सेवन कर अपना जीवन गुजर-बसर कर रहे हैं. यहीं से शिल्पी को शुद्ध और मिलावट रहित दूध को लोगों को मुहैव्या कराने का विचार आया और उन्होंने सिर्फ ग्यारह हजार रुपयों में मिल्क इंडिया कंपनी की शुरुआत की.

21 गांवों का दौरा कर की कंपनी की स्थापनाः-

27 साल की शिल्पी, मिलावटी दूध को लोगों के जीवन से दूर करने का मानो लक्ष्य बना चुकी थी, जो कि बिल्कुल भी आसान नहीं था. स्टॉर्ट-अप (Start-Up Plan) शुरू करने से पहले शिल्पी ने कर्नाटक और तमिलनाडू के 21 गांवों का दौरा किया और किसानों से मुलाकात कर अपने बिज़नेस के बारे में समझाकर उन्हें अपने व्यापार से जोड़ा. स्थानिय भाषाओं का ज्ञान नहीं होने की वजह से उन्हें कई बार दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा, लेकिन हार न मानने वाला उनका जज़्बा रंग लाया और उन्होंने अपने बिज़नेस के साथ काफी अनुभवी लोगों को जोड़ने में सफलता पायी.

मिल्क इंडिया कंपनी की शुरुआतः-

साल 2018 में शिल्पी ने बैंग्लुरू के सरजापुर से मिल्क इंडिया कंपनी की शुरुआत सिर्फ 11 हज़ार रुपयों में की थी. मिल्क इंडिया कंपनी बाकी के डेयरी स्टॉर्ट-अप से काफी अलग है. यहां पर गायों की कोशिकाओं को गिनने से लेकर दूसरे जरूरी अध्ययनों को भी किया जाता है और उसी के आधार पर दूध खरीदा जाता है. गाय की दैहिक कोशिकाओं को गिनने में एक मशीन का इस्तेमाल किया जाता है. दैहिक कोशिकाओं की संख्या जितनी कम होगी दूध की गुणवत्ता भी उतनी ही उत्तम होगी, यानि की दूध उतना ही शुद्ध और लाभकारी होगा. मिल्क इंडिया कंपनी फिलहाल एक से आठ साल के बच्चों को गाय का शुद्ध दूध उपलब्ध कराने पर अपना ध्यान केंद्रित करती है.

फिलहाल कंपनी में ज्यादा लोगों की संख्या नहीं है लेकिन अपने शुरुआती दो सालों में ही मिल्क इंडिया कंपनी ने 27 और 70 लाख का रिवेन्यू जुटाया है. यह किसी भी स्टॉर्ट-अप कंपनी के लिए सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है. शिल्पी कहती हैं कि उनकी प्राथमिकता उत्तम गुणवत्ता से युक्त दूध को लोगों के घरों तक पहुंचाना है. यही कारण है कि वह दूध के अलावा किसी भी दूसरे प्रोडक्ट पर अपना ध्यान नहीं देना चाहती हैं.

शिल्पी द्वारा शुरू किया गया यह स्टॉर्ट-अप उन लोगों के लिए काफी प्रेरणादायक (Inspirational) है, जो परेशानियों को दूर कर समाज के लिए कुछ गुरजरने का जज़्बा भी रखते हैं. शिल्पी की इस सफलता (Success Story) भरी कहानी से सभी को सीख लेने की जरूरत है.

Share Now

Related Articles

Part-Time Business को Full-Time Business में कैसे बदलें?

Success Story Of Aamir Qutub: कभी एयरपोर्ट पर थे सफाईकर्मी आज हैं करोड़ों की कंपनी के मालिक, जानें आमिर कुतुब के जीवन की प्रेरक कहानी

5 Startup Business Ideas, जिनकी शुरूआत Women Entrepreneurs को जरूर करनी चाहिए

Business Ideas for Women: ये है महिलाओं के लिए 3 शानदार बिजनेस आइडिया, होगी तगड़ी कमाई !

Franchise Business: फ्रेंचाइज़ी बिजनेस को आगे बढ़ाने में बहुत काम आएंगे यह तीन टिप्स

Success Story: बचपन में चली गई आंखों की रोशनी आज Food Business से कर रही हैं लाखों की कमाई

A.R RAHMAN Success Story: कभी करना चाहते थे आत्महत्या, आज हैं संगीत के जादूगर, जानें ए.आर रहमान के फर्श से अर्श तक पहुंचने की प्रेरक कहानी

श्रीकांत बोला Story: नेत्रहीन लड़के को IIT ने किया था रिजेक्ट, आज खड़ी की 80 करोड़ की कंपनी!

Share Now