बनना चाहते हैं अच्छा स्पीकर, अपनाएं ये स्ट्रेटेजीज़

To become a good Speaker, follow these Strategies

आज के समय में ऐसी कई स्किल्स आ गयी हैं, जिन्हें अपनाकर आप लाखों रुपये कमा सकते हैं। चाहे आप किसी भी फील्ड में हों, यदि आप एक अच्छे स्पीकर हैं, तो आपकी सफलता के चान्सेस बढ़ जाते हैं। हम कई लोगों को देखते हैं, तो उनकी स्पीकिंग क्वालिटी से इम्प्रेस हो जाते हैं और सोचते हैं कि क्या हम भी इतने अच्छे स्पीकर बन सकते हैं।

जब भी कोई हमें स्टेज पर या पब्लिक स्पीकिंग के लिए कहता है, तो हमें अंदर से एक अजीब सा डर लगने लगता है। क्या आपको भी लगता है कि पब्लिक स्पीकिंग स्किल जन्मजात होती है। सच तो यह है कि पब्लिक स्पीकिंग की कला को आप लगातार प्रैक्टिस से इम्प्रूव कर सकते हैं।

आज के आर्टिकल में हम आपको बताएँगे कुछ ऐसी स्ट्रेटेजीज़, जिन्हें अपनाकर आप भी अपनी पब्लिक स्पीकिंग स्किल को सुधार सकते हैं :

अपनी ऑडियंस को जानें

चाहे आप एक इंसान को एड्रेस कर रहे हों या किसी ग्रुप को, सबसे पहले अपनी ऑडियंस के बारे में जानिये। अपना कंटेंट, एक्ज़ाम्पल अपनी ऑडियंस के हिसाब से रखने से आप उनसे ज्यादा कनेक्ट कर पाएंगे और आपको सुनने वाले भी आपकी स्पीकिंग में इंटरेस्ट लेंगे। मान लीजिये आप किसी स्कूल में स्टूडेंट्स को एड्रेस कर रहे हैं, अगर आप उनसे रिलेटेड एक्ज़ाम्पल यूज़ करते हैं, तो उन्हें ज्यादा इंटरेस्ट आएगा। आपको अपनी ऑडियंस की भाषा, उम्र, उनकी इनकम ऐसी कई बातों को ध्यान में रखकर तैयारी करनी होगी।

एजेंडा ध्यान में रखकर कंटेंट बनाना

जब भी आप कहीं स्पीच देते हैं, तब आपके पास एक एजेंडा होता है कि आपकी स्पीच से ऑडियंस को क्या लाभ होगा। जब आपको यह पता होता है, तब आप उसके हिसाब से ही कंटेंट तैयार करते हैं। आपका कंटेंट जेनेरिक नहीं होना चाहिए, जब तक आपकी स्पीच से ऑडियंस को फायदा ना हों, तब तक आपकी स्पीच का कोई मतलब नहीं है।

सही पीपीटी बनाना

जब भी आप स्पीच देते हैं, उसमें सबसे ज़रूरी होता है पीपीटी प्रेजेंटेशन। आप अपनी ऑडियंस को क्या बता रहे हैं, यह कम शब्दों में आपकी पीपीटी में भी होना चाहिए। इसमें आप पीपीटी बनाने का 5/5 रूल अप्लाई करके इसे अच्छा बना सकते हैं। इस रूल का मतलब होता है कि एक स्लाइड में 5 लाइन से ज्यादा नहीं होने चाहिए और एक लाइन में 5 वर्ड्स से ज्यादा नहीं होने चाहिए।

जब आप इस रूल को फॉलो करके अपनी पीपीटी बनाते हैं, तो ऑडियंस को आसानी से और अच्छे से समझ में आ जाता है।

फैक्ट्स एंड फिगर्स

यदि आप किसी ऐसे स्पीकर को सुनते हैं, जिसने अपनी स्पीच में फैक्ट्स एंड फिगर्स यूज़ नहीं किये हैं तो आपको उसकी स्पीच अच्छी नहीं लगेगी। इसके उलट यदि कोई स्पीकर अपनी स्पीच में फैक्ट्स एंड फिगर्स यूज़ करता है, तो उसे ज्यादा अच्छा स्पीकर माना जाता है।

फैक्ट्स एंड फिगर्स को बताने का भी तरीका सही होना चाहिए। यदि आप अपनी ऑडियंस को सिर्फ डाटा और फैक्ट्स ही बताते जाएंगे, तो वह आपकी स्पीच से ऊब जाएगा। आपको अपनी स्पीच को डाटा और फैक्ट्स के साथ ही इंटरेस्टिंग बनाना होगा।

कंटेंट में रिपिटिशन न करना

आपको इस बात पर विशेष ध्यान देना होगा कि आप एक ही बात को बार बार न दोहराएं। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपकी ऑडियंस आपको पसंद नहीं करेगी और धीरे धीरे आपसे कटती जायेगी। इसके साथ ही आपको यह भी ध्यान रखना होगा कि आप कहाँ पर किस शब्द पर ज्यादा जोर देना है और किस शब्द पर कम जोर देना है।

ट्रेंड्स पर नजर रखना

एक अच्छे स्पीकर के लिए ट्रेंडिंग टॉपिक्स का नॉलेज होना भी ज़रूरी है। जब आप इंटरनेट और सोशल मीडिया में टॉप ट्रेंड्स पर नजर बनाकर रखते हैं और अपनी स्पीच में उनका यूज़ करते हैं तो ऑडियंस आपसे ज्यादा कनेक्ट कर सकती है।

कोई भी व्यक्ति अच्छा स्पीकर जन्म से नहीं होता, बल्कि वह प्रैक्टिस और सही स्ट्रेटेजीज़ के साथ अपने अंदर इस स्किल को डेवलप कर सकता है। ऊपर बताई गयी ये स्ट्रेटेजीज़ अपनाकर और लगातार प्रैक्टिस कर आप भी एक अच्छे स्पीकर बन सकते हैं।

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