हर बिज़नेस, जो सफलता की राह पर आगे बढ़ता है या सफल हो रहा होता है, उसे हमेशा प्रतिद्वंदिता का सामना करना ही पड़ता है। जब कोई एक प्रोडक्ट किसी भी कारण से लोगों के बीच लोकप्रिय होता है, तो उसकी लोकप्रियता का इस्तेमाल करने के लिए कोई दूसरी कंपनी उस प्रोडक्ट के मुकाबले सस्ता प्रोडक्ट बाज़ार में ले आती है। ऐसे में पुराने प्रोडक्ट के प्रति कस्टमर्स का विश्वास कम से कम एक बार तो डोलता ही है और कई सारे कस्टमर्स सस्ता प्रोडक्ट खरीदते भी हैं।

कम लागत में अपने प्रतिद्वंदी से आगे निकलने के आसान तरीके

जब भी कोई बिज़नेस प्रतिद्वंदिता का सामना करता है, तो कुछ तरीके अपनाकर वह कम लागत में अपने प्रतिद्वंदियों को मात दे सकता है। आज जानिये ऐसे ही कुछ तरीकों के बारे में –

  1. अपने कस्टमर्स पहचानें:

    किसी भी बिज़नेस की सबसे ज़रूरी चीज़ उसके कस्टमर्स होते हैं। यदि आप कस्टमर्स को जानते हैं, तो आप उसे ज्यादा अच्छे से सर्विस दे पाएंगे। इसके लिए कम्पनियां सर्वे का सहारा लेती हैं। इसमें आप यह भी जान पाते हैं कि कस्टमर आपके प्रोडक्ट के अलावा और किस सर्विस से प्रभावित है। साथ ही और कौन सी सर्विस की वह इच्छा रख रहा है

  2. प्रतिद्वंदियों की रणनीति समझें:

    इसके लिए आपको सबसे पहले अपने कॉम्पिटिटर्स को समझना होगा। आपके डायरेक्ट और इनडायरेक्ट कॉम्पिटिटर्स कौन हैं, वे कौन-कौन सी स्ट्रेटेजी अपना रहे हैं, उनके प्रोडक्ट की खूबियां और कमियां क्या हैं, वो क्या क्या चीजें ऑफर दे रहे हैं। जब आपको इन सब चीजों की जानकारी हो जाती है, तो आप इसके हिसाब से अपनी स्ट्रेटेजी पर काम कर सकते हैं।

  3. सोशल मीडिया मार्केटिंग:

    आज के समय में कस्टमर तक पहुँच बढ़ाने का सबसे आसान तरीका है सोशल मीडिया मार्केटिंग। आज हर छोटे-बड़े ब्रांड अपने कस्टमर से जुड़े रहने के लिए अलग-अलग प्रकार के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। आप सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर अपने कॉम्पिटिटर के मुकाबले ज्यादा कस्टमर तक पहुँच सकते हैं। यही कारण है कि आज हर बड़ी कंपनी अपने यहाँ सोशल मीडिया एग्ज़ीक्यूटिव हायर कर रही है।

  4. क्रिएटिविटी:

    आपने देखा होगा कि कई ब्रांड्स अपने विज्ञापन में, अपने ऑफर्स देने में क्रिएटिविटी का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे ब्रांड्स से हम ज्यादा प्रभावित होते हैं, चाहे उसका प्रोडक्ट ना खरीदें, लेकिन वह हमें लम्बे समय तक याद रहता है। यदि आप कॉम्पीटीशन में ना सिर्फ बने रहना चाहते हैं, बल्कि उसमें जीतना भी चाहते हैं, तो आपको क्रिएटिव होना पड़ेगा।

  5. अपनी खासियत बताएं:

    आपका प्रोडक्ट मार्केट में मौजूद आपके प्रतिद्वंद्वी से किस तरह अलग और बेहतर है ये बात ज़रूर बताएं। इससे आपके कस्टमर्स को साफ साफ समझ आ सके कि आपका प्रोडक्ट खरीदने में क्या मिलने वाला है। इसके लिए पहले आपको मार्केट में मौजूद प्रतिद्वंदियों के बारे में गहरी रिसर्च करनी होगी। इससे आपको अपना प्रोडक्ट बेहतर बनाने में मदद मिलेगी और प्रोडक्ट की सही कीमतें भी आप तय कर सकेंगे। ताकि आपकी प्रोडक्ट की खासियत और दूसरों से कम कीमत देख कर ग्राहक आपके प्रोडक्ट की ओर आकर्षित हो सकें।

  6. अपनी टीम का ध्यान रखें:

    आपकी टीम जितनी ज्यादा अच्छी होगी उतना ही अच्छा प्रोडक्ट बनकर तैयार होगा जिससे आपको अपने अपने प्रतिद्वंदी से बेहतर बनने में मदद मिलेगी। लेकिन इसके लिए ज़रूरी है कि आप अपनी टीम का सही तरीके से ध्यान रखें, अपनी टीम को आप खुश रखें। टीम को खुश रखने का मतलब यहां ये नहीं है कि आप अपने एंप्लॉयज को बीन बैग लाकर दें या फिर उनके कंफर्ट  हद से ज्यादा दें।  बल्कि टीम का ध्यान रखने का मतलब है कि अपनी टीम की बात को सुनें, उन्हें काम करने के लिए कब, किस सपोर्ट की ज़रूरत है वो जानें। अपनी टीम पर भरोसा जताएं ताकि वो आपके लिए बेहतर ढंग से काम करें।

  7. कस्टमर रिलेशनशिप पर दें ध्यान:

    आपको अपने कस्टमर के साथ एक अच्छा रिलेशनशिप बनाने की भी बहुत ज्यादा जरूरत होती है। एक कस्टमर जब आपके स्टोर पर आता है तब सामान को खरीदने से उसे आपकी सर्विस याद रह जाती है क्योंकि सामान तो उसे किसी दूसरी दुकान से भी मिल ही सकता है। ऐसे में आपने कस्टमर से किस तरह से बात की ये बात उस कस्टमर को हमेशा याद रहती है। इस तरह से आप कस्टमर के साथ एक अच्छा रिलेशनशिप बना सकते हैं।

  8. कस्टमर प्रॉब्लम सुलझाएं:

    अपने कस्टमर्स की प्रॉब्लम को जितनी जल्दी हो सके, उतनी जल्दी सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए। जब कस्टमर को प्रोडक्ट से जुड़ी को समस्या आती है तब वो जल्द से जल्द अपनी प्रॉब्लम का सॉल्यूशन चाहता है। कंपनी के पास अपनी कस्टमर की नज़र में अपनी बेहतर सर्विस के स्किल्स को दिखाने का ये अच्छा मौका होता है। ऐसे में जब कस्टमर को जल्दी सॉल्यूशन मिल जाता है तब वो ब्रांड को याद रखता है और ब्रांड के प्रति लॉयल्टी भी बढ़ जाती है।

  9. नए मार्केट में जाएं:

    अपने प्रतिद्वंदी से बेहतर बनने के लिए आप नए मार्केट में भी जा सकते हैं। इससे आपके ब्रांड के लिए नए मौके मिलते हैं और नए कस्टमर बनते हैं। आप नए मार्केट के तौर पर किसी भी नई जगह, नए प्रोडक्ट या फिर नई इंडस्ट्री में भी कदम रख सकते हैं जहां आपको आगे बढ़ने की नई संभावनाएं मिलेंगी और साथ ही आप अपने प्रतिद्वंदी से भी बेहतर बन सकेंगे।

  10. कस्टमर फीडबैक लें:

    अपने कस्टमर्स से लगातार अपने ब्रांड और सर्विसेज के बारे में फीडबैक लेते रहें। ऐसा करने से आपको पता चलेगा कि आप क्या सही और क्या गलत कर रहे हैं। कस्टमर्स के सुझाव आपको सुधार करने में मदद करेंगे। ये आपको आपके प्रतिद्वंदी से अलग और बेहतर बनने में भी मदद करता है इसीलिए कस्टमर्स से लगातार फीडबैक लेते रहें।

ऊपर बताए गए ये सभी तरीके ऐसे हैं, जिन्हें अपनाकर आप कम लागत में भी अपने प्रतिद्वंदियों को ना सिर्फ मात दे सकते हैं, बल्कि उनसे अच्छा प्रदर्शन करके अपने कस्टमर्स को लॉयल भी बनाये रख सकते हैं।


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