Aditi Gupta: लड़कियों को मेंस्ट्रूरल हेल्थ एजुकेशन देने के लिए बना दी कंपनी, फोर्ब्स की लिस्ट में हुईं शामिल

Menstrupedia Comic founder Aditi Gupta Success Story in Hindi

हमारे देश में महिलाओं को पीरियड्स के समय बहुत सी पाबंदियों से गुजरना पड़ता है, खाने पीने का सामान छूने पर रोक, मंदिर जाने पर पाबंदी और रसोईघर से भी दूर रहने को कहा जाता है। बदलते समय के साथ लोगों की सोच काफी ज्यादा बदली है लेकिन आज भी बहुत सी जगहों पर महिलाओं को इस तरह की कुरीतियों से ना जूझना पड़े और वो जागरूक हो सकें इसके लिए अदिति गुप्ता एक सोशल एंटरप्रेन्योर बनकर सामने आईं। उन्होंने ‘Menstrupedia Comic’ की शुरुआत करके लोगों को जागरूक करने की मुहिम चलाई, लेकिन इसकी शुरुआत कैसे हुई और इसके पीछे अदिति के जीवन के अपने अनुभव किस तरह से जिम्मेदार थे चलिए जानते हैं।

कौन है Menstrupedia Comic की Aditi Gupta?

अदिति झारखंड के गढ़वा से हैं, बचपन से ही उन्होंने देखा कि कैसे महिलाओं के साथ पीरियड्स के समय अछूतों की तरह व्यवहार किया जाता था। महिलाओं को सैनेट्री नेपकिन के बारे में भी जानकारी नहीं हुआ करती थी, अदिति को 12 साल उम्र में पीरियड्स शुरू हुए थे लेकिन सैनेट्री नेपकिन 15 साल की उम्र में जाके मिले।

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कॉलेज प्रोजेक्ट को ही बना दिया बिजनेस मॉडल

अदिति ने इंजीनियरिंग से ग्रैजुएशन करने के बाद “नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन अहमदाबाद” से न्यू मीडिया डिजाइन में पोस्ट ग्रैजुएशन किया। अपने टैलेंट और एजुकेशन को अदिति ने समाज के लिए इस्तेमाल करने का सोचा। इसीलिए अपने पति तुहिन पटेल के साथ मिलकर उन्होंने “Menstrupedia Comic” की शुरुआत की, हालांकि इस प्रोजेक्ट की शुरुआत उन्होंने अपने कॉलेज के थिसिस प्रोजेक्ट के लिए की थी लेकिन बाद में इसी को उन्होंने अपना काम बना लिया। तुहिन और अदिति की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन में पढाई के समय ही हुई थी।

इस कॉमिक को शुरू करने के लिए अदिति ने पहले मेंस्ट्रूरेशन के बारे में डॉक्टर्स, एक्सपर्ट और खुद लड़कियों से मिलकर रिसर्च की। इस कॉमिक में अदिति ने पीरियड्स और उनसे जुड़ी कुरीतियों के बारे में बात की और लड़कियों को जागरूक करने का प्रयास किया। ये कॉमिक्स उन्होंने लड़कियों को स्कूल में जाकर बांटी।

आज दुनियाभर के 25 देशों में पढ़ी जाती हैं ये कॉमिक्स

धीरे धीरे उन्होंने अपने इस काम को और भी ज्यादा आगे बढ़ाया और कॉमिकबुक्स के साथ साथ ब्लॉग्स लिखने भी शुरू किए। अपनी कॉमिक्स को उन्होंने अलग अलग वेबसाइट्स पर पब्लिश भी किया। आज के टाइम पर अदिति की बनाई गई ये कॉमिक्स 18 भाषाओं में दुनिया के 25 देशों में उपलब्ध हैं और महिलाओं की सेहत से जुड़े मुद्दों पर बात करके लोगों को जागरूक बना रहीं हैं।

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अदिति आज दुनिया की “Most Innovative Menstrual Educator” और सोशल एंटरप्रेन्योर बन चुकी हैं। 13 मिलियन से ज्यादा लड़कियों को वो जागरूक बना चुकी हैं। साल 2012 में उन्होंने “Menstrupedia Comic” की शुरुआत की थी और साल 2014 आते आते उन्हें फोर्ब्स इंडिया की “30 Under 30” की लिस्ट में शामिल किया जा चुका था। उनकी बनाई कॉमिक्स को आज देशभर के एनजीओ इस्तेमाल करते हैं।

अदिति की सक्सेस आज बहुत सी लड़कियों के लिए प्रेरणा बन चुकी है।

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