किसी भी कंपनी के लिए सबसे ज़रूरी होता है कस्टमर और उसकी ज़रूरत को समझकर उस तक सामान पहुंचाना। क्या आपने कभी यह सोचा है कि हम जैसे ही कोई भी सामान आर्डर कर देते हैं, तो वो किस तरह हमारे पास इतनी जल्दी पहुँच जाता है?

जब भी कोई सामान फैक्ट्री में बनकर कस्टमर तक पहुंचता है, तो उसके विभिन्न घटक मतलब चेन होती है, जिसे सप्लाई चेन कहा जाता है।

सामान्यतः कोई भी सामान इस चेन से गुजरे बिना कस्टमर तक नहीं पहुंच सकता। आज के इस आर्टिकल में जानिये कि यह सप्लाई चेन क्या होती है और एक बिज़नेस की सफलता में इसकी भूमिका क्या है।

सप्लाई चेन क्या होती है?

 

किसी भी बिजनेस में हर चीज़ एक सिस्टमेटिक तरीके से होती है। जब कोई सामान किसी कंपनी में बनता है, तो उस सामान का कच्चा माल मिलने से लेकर वह सामान बनना और कस्टमर तक पहुँचने तक की प्रक्रिया जिस चेन से होकर गुजरती है, उसे सप्लाई चेन कहते हैं। किसी भी बिज़नेस में इस चेन के बिना कस्टमर तक सामान नहीं पहुँच सकता।

सप्लाई चेन के विभिन्न घटक

किसी भी व्यापार के लिए यह ज़रूरी है कि उसका बना सामान लगातार कस्टमर तक पहुंचता रहे, इसके लिए सप्लाई चेन का सही होना बहुत ज़रूरी है। जानिये सप्लाई चेन के महत्वपूर्ण घटक: –

  1. कच्चा माल :

    किसी सामान के बनने के लिए सबसे पहले उसके कच्चे माल की ज़रूरत होती है, जो हर बिज़नेस के लिए अलग-अलग होता है। सप्लाई चेन में सबसे पहले कच्चे माल का निर्माता होता है, जो सही समय पर निरंतर कच्चे माल की आपूर्ति करता रहे। जब भी कोई बिज़नेस शुरू होता है, तब यह देखना ज़रूरी है कि उसे कच्चा माल सुगमता से प्राप्त हो सके। इसके लिए जहाँ बिज़नेस स्थापित होता है, उसके आसपास कच्चे माल के निर्माताओं को देखा जाता है। कई बिज़नेस ऐसे होते हैं, जिनमें आसपास कच्चा माल मिलना मुश्किल होता है। ऐसी स्थिति में कच्चा माल आसानी से मिल सके, इस बात की व्यवस्था की जाती है।

  2. निर्माता :

    जब कच्चे माल की आपूर्ति हो जाती है, उसके बाद शुरू होता है उस प्रोडक्ट का निर्माण। यह बिज़नेस की सप्लाई चेन का दूसरा और सबसे ज़रूरी घटक होता है। जैसे ही कच्चा माल प्राप्त होता है, उसके बाद उस कच्चे माल को तैयार माल में बदला जाता है। किसी भी माल के तैयार होने में कई प्रकार का कच्चा माल हो सकता है। जैसे एक शर्ट बनाने वाले के लिए कपड़े का थान, धागा और बटन कच्चा माल हो सकते हैं। जब माल तैयार हो जाता है, तब यह अगले चरण में जाने के लिए तैयार होता है।

  3. डिस्ट्रीब्यूटर :

    मैन्युफैक्चरर के द्वारा जब माल तैयार हो जाता है, तब उसे सप्लाई चेन की अगली कड़ी में भेज दिया जाता है। इस कड़ी में कई नाम हो सकते हैं। कई कम्पनियां कुछ लोगों को अपना सामान बेचने के लिए अधिकृत करती हैं, इन्हें डीलर कहा जाता है। इसके अलावा कई बड़े व्यापारी भी बड़ी मात्रा में कंपनी का माल खरीदते हैं, इन्हें डिस्ट्रीब्यूटर कहा जाता है।

  4. रिटेलर :

    डिस्ट्रीब्यूटर या डीलर अपना लाभ जोड़कर माल आगे रिटेलर को बेचता है। रिटेलर कस्टमर तक माल पहुंचाने वाली अंतिम कड़ी है। डिस्ट्रीब्यूटर या डीलर ज्यादा मात्रा में माल का आर्डर लेते हैं, लेकिन रिटेलर कम मात्रा में भी माल बेचते हैं।

    हमारे आसपास के दुकानदार ही रिटेलर होते हैं, इनके बाद माल सीधा कस्टमर को मिलता है।सप्लाई चेन की अंतिम कड़ी कस्टमर होता है। जो भी माल तैयार होता है, उसका उद्देश्य यहाँ ख़त्म हो जाता है। यदि इसके बाद माल में कुछ गड़बड़ होती है, तो कस्टमर उसे रिटर्न या रिप्लेस करवाता है। यदि प्रोडक्ट में किसी प्रकार की सर्विस की ज़रूरत होती है, तो वह भी इसमें शामिल होता है।

बिज़नेस में सप्लाई चेन की भूमिका

सप्लाई चेन के घटक में आप यह समझ सकते हैं कि इस चेन का हर एक घटक बिज़नेस के लिए ज़रूरी होता है। किसी भी बिज़नेस की प्रगति के लिए यह ज़रूरी है कि वह अपने कस्टमर्स की हर मांग को समय पर पूरा करे। जब यह पूरी चेन अच्छे से काम करेगी, तभी बिज़नेस सफल हो सकता है। आज के समय में जितने भी स्टार्टअप या बिज़नेस फेल हो रहे हैं, उनका एक प्रमुख कारण सप्लाई चेन का सही ना होना ही है।

जिस प्रकार किसी भी चेन की हर कड़ी मज़बूत होना ज़रूरी है, उसी प्रकार बिज़नेस की सफलता के लिए यह ज़रूरी है कि उसकी सप्लाई चेन का हर एक घटक हमेशा और सही तरीके से काम करता रहे। यही कारण है कि बिज़नेस में अब सप्लाई चेन मैनेजमेंट भी होता है, ताकि उनकी यह चेन अच्छे से काम करती रहे।


सप्लाई चेन से जुड़ा हमारा यह आर्टिकल आपको कैसा लगा, इसके बारे में हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं। इसके अलावा अगर आप स्टूडेंट हैं, खुद का कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हैं या बिजनेस कर रहे हैं या आप किसी भी प्रकार से कमाई करना चाहते हैं, तो आपको बिज़नेस कोच डॉ विवेक बिंद्रा के "Anybody Can Earn" वेबिनार का हिस्सा ज़रूर बनना चाहिए।