वित्त मंत्रालय ने GST को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है, जिसका असर व्यापार पर सीधे तौर पर दिखायी देने वाला है. दरअसल वित्त मंत्रालय ने फैसला किया है जिनकी मासिक आय 50 लाख रूपये से ज्यादा है, उन्हें एक प्रतिशत GST कैश के रूप में देना होगा. दरअसल सरकार ने इस कदम को इसलिए उठाया है ताकि जाली बिल के जरिए कर चोरी को रोका जा सके. यह नियम इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) का अधिकतम 99 प्रतिशत तक ही इस्तेमाल जीएसटी देनदारी निपटाने की अनुमति देता है. आने वाले साल की शुरूआत यानि की 1 जनवरी 2021 से यह नियम लागू होने जा रहा है.

 

किन लोगों को मिलेगी छूट

दरअसल इसमें कुछ ऐसे लोग भी हैं जिन्हें इस नियम से छूट मिलने वाली है.कारोबार की सीमा की गणना करते समय जीएसटी छूट वाले उत्पादों या शून्य दरों वाली आपूर्ति को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा. कंपनी के प्रबंध निदेशक या किसी भागीदार ने यदि एक लाख रुपये से ज्यादा का इनकम टैक्स दिया है या फिर रजिस्टर्ड व्यक्ति को इससे पिछले वित्त वर्ष के दौरान इस्तेमाल न हुए इनपुट टैक्स क्रेडिट पर एक लाख रुपये से अधिक का रिफंड मिला है, तो यह नियम उन पर लागू नहीं होगा.

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