वित्त मंत्रालय ने जीएसटी की चौथी वर्षगांठ के मौके पर एक अहम निर्णय लिया है और यह फैसला सीधे तौर पर समय पर जीएसटी कर देने वाले करदाताओं को प्रभावित करेगा. दरअसल 30 जून को देश में जीएसटी लागू होने के चार वर्ष पूरे हो गए हैं, जिसके अवसर पर वित्त मंत्रालय ने 54 हजार से भी अधिक ऐसे करदाताओं को प्रशंसा प्रमाणपत्र देने का फैसला किया है, जो सही समय पर रिटर्न दाखिल करते हैं और कर का नकद भुगतान करते हैं.

मंत्रालय ने कहा है कि जीएसटी व्यवस्था लागू होने के बाद से अब तक 66 करोड़ से अधिक रिटर्न दाखिल की गई हैं. जीएसटी के तहत दरें कम होने से कर अनुपालन बढ़ा है. इस दौरान जीएसटी राजस्व में धीरे धीरे वृद्धि होती रही और पिछले आठ महीने से यह लगातार एक लाख करोड़ रुपये से ऊपर बना हुआ है.

आपको बता दें कि देश में एक जुलाई 2017 को जीएसटी व्यवस्था लागू की गई थी और अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में एक बड़े बदलाव के तौर पर इस व्यवस्था को शुरू किया गया था. जीएसटी में केन्द्र और राज्यों के स्तर पर लगाने वाले उत्पाद शुल्क, सेवा कर, वैट और 13- उपकर जैसे कुल 17 तरह के करों को शामिल किया गया है.

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दरअसल मंत्रालय ने ऐसे करदाताओं को पहचाना है, जो सही समय पर कर का भुगतान करते हैं. पहचान किये गये इन करदाताओं में 88 प्रतिशत से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमी है. इसमें सूक्ष्म (36 प्रतिशत), लघु (41 प्रतिशत) और मध्यम श्रेणी के उद्यमी (11 प्रतिशत) शामिल हैं. ये उद्यमी विभिन्न राज्यों और संघ शासित प्रदेशों से हैं जहां यह माल की आपूर्ति और सेवा प्रदाता कार्य करते हैं. माल एवं सेवाकर नेटवर्क (जीएसटीएन) इनमें से प्रत्येक करदाताओं को ई-मेल के जरिये प्रशंसा प्रमाणपत्र भेजेगा. करदाता इन प्रमाणपत्रों का प्रिंट लेकर उसे अपने कार्यस्थल पर प्रदर्शित कर सकते हैं.

इस खबर को साझा करते हुए वित्त मंत्रालय ने यह भी कहा कि जीएसटी के तहत लगभग 1.3 करोड़ करदाताओं के पंजीकरण के साथ अनुपालन में लगातार सुधार हो रहा है. इससे पहले विभिन्न राज्यों में अलग अलग कर की दरें होने से काफी मुश्किलें होतीं थी और अनुपालन लागत भी बढ़ जाती थी. सरकार करदाता सेवाओं में लगातार सुधार लाने के लिये प्रतिबद्ध है. इसके साथ ही वह राष्ट्र के विकास और एक मजबूत भारत के लिये स्वैच्छिक रूप से अनुपालन के जरिये सभी करदाताओं का सहयोग चाहती है.

आपको बता दें कि जीएसटी व्यवस्था में चार कर श्रेणियां हैं. आवश्यक वस्तुओं पर सबसे कम पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है. कई वस्तुओं को इससे छूट भी दी गई है. सबसे ऊंची 28 प्रतिशत की दर कारों और भोग विलास से जुड़ी वस्तुओं पर लगता है. वहीं बीच में 12 और 18 प्रतिशत की दो अन्य दरें भी रखी गई हैं. इससे पहले वैट, उत्पाद शुल्क, सीएसटी कुल मिलाकर कर की दर 31 प्रतिशत तक पहुंच जाती थी.