जिंदगी में जो लोग हार मान जाते हैं वो कभी सफलता को प्राप्त नहीं करते। हर किसी को सफलता पहली बार में ही नहीं मिलती। सफलता के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है तभी सही मायने में कोई व्यक्ति सफल बनता है। इस बात को प्रमाणित करने वाली एक ऐसी ही शख्सियत है लवजी। लवजी गुजराते के रहने वाले हैं। कभी बस में कंडक्टर का काम करने वाले लवजी ने सोचा भी नहीं था कि वो खुद अमेरिकन कॉर्न की खेती करके लाखों की कमाई करेंगे। लेकिन लवजी ने अपनी मेहनत और नई सोच के दम पर अपनी सफलता की कहानी (Success Story) को लिखा है। आइए जानते हैं कैसे उन्होंने सफलता अर्जित की।

लवजी गुजरात के राजकोट के रहने वाले हैं। खेती करने से पहले वो सरकारी नौकरी करते थे। वो गुजरात के परिवहन विभाग में बस कंडक्टर के तौर पर काम करते थे। लवजी की तनख्वाह बहुत कम थी। जिससे उनके घर-परिवार का खर्च चलाना भी मुश्किल हो रहा था। इसके बाद उन्होंने तय किया कि वे खुद का कोई काम शुरू करेंगे। इसी सोच को साकार करने के लिए उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और गांव लौट आए। यहां आकर लवजी ने पहले टेक्सटाइल बिजनेस शुरू किया। लेकिन टेक्सटाइल बिज़नेस में उन्हें सफलता नहीं मिली।

कुछ दिन तो उनका काम ठीक-ठाक चला, लेकिन इसी बीच उनके गांव में बाढ़ आ गई जिसके कारण वहां रखे कपड़े और मशीनें खराब हो गई। लवजी के लिए यह सबसे बड़ी चुनौती थी। इस नुकसान की वजह से उनकी आर्थिक स्थिति चौपट हो गई थी। वो बुरी तरह टूट गए थे। खाने के लिए भी उन्हें सड़कों पर इधर से उधर भटकना पड़ता था और कई कई दिनों तक तो वो मक्का यानी कॉर्न खाकर गुजारा करते थे। लेकिन लवजी ने हार नहीं मानी।

इन संघर्षों का सामना करते हुए उन्हें आइडिया आया कि जिस कॉर्न को खाकर वो गुजारा कर रहे हैं, अगर इसका बिज़नेस शुरू किया जाए तो क्यों ना अच्छी कमाई हो सकती है। बस फिर क्या था उन्होंने अपने खेत में मक्का उगाना शुरू कर दिया। लवजी के पास पहले से थोड़ी सी जमीन थी, लेकिन वो उस पर पारंपरिक खेती करते थे। इसलिए ज्यादा मुनाफा नहीं हो रहा था। मक्का खेती करने पर 3 सालों तक उन्हें कोई सफलता नहीं मिली। उन्होंने मक्के की कई तरह की वैराइटी की खेती की। लेकिन सभी में असफलता हाथ लगी।

लवजी ने इसके बाद अमेरिकन कॉर्न की खेती पर फोकस किया। उस समय गुजरात में अमेरिकन कॉर्न की खेती करने का चलन नहीं था। अधिकतर लोग इसके बारे में जानते भी नहीं थे। लेकिन इसके बाद भी उन्होंने इसे किया। लवजी खेत से अमेरिकन कॉर्न तोड़कर लाते थे और अपनी दुकान पर बेचा करते थे। इससे धीरे-धीरे उनके ग्राहकों की संख्या बढ़ने लगी। लोगों को खेत का ताजा कॉर्न पंसद आने लगा। जिसके बाद उन्होंने राजकोट में दो दुकानें खोली। वो यहां पर कई वैराइटी के कॉर्न बेचते हैं। साथ ही वो अमेरिकन कॉर्न का सूप भी बेचने लगे। इससे उनका बिज़नेस चल पड़ा। देखते ही देखते वो साल के 10 लाख से भी अधिक की कमाई करने लगे।

लवजी अमेरिकन कॉर्न की खेती के बारे में बताते हुए कहते हैं कि इसकी खेती के लिए किसी विशेष प्रकार की मिट्टी की जरूरत नहीं होती है। लगभग हर जमीन पर इसकी खेती की जा सकती है। भारत के इसकी खेती करने का समय अक्टूबर-नवंबर है। तीन महीने बाद ही मक्के की फसल तैयार हो जाती है। अमेरिकन कॉर्न में विटामिन A, B और E भरपूर मात्रा में पाया जाता है।

लवजी ने अपने संघर्ष और असफलता से हार मानने की बजाय इसे एक अवसर के रुप में देखा। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन के दम पर अपनी सफलता की कहानी (Success Story) लिखी है। उनकी यह कहानी लाखों लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत (Inspiration) है। कभी खाने के लिए भटकने वाले लवजी आज लाखों की कमाई कर सभी को प्रेरित (Motivate) कर रहे हैं।