भारत में वर्तमान में स्टार्टअप्स की लहर चल रही है। आज युवा नए-नए आइडियाज़ के साथ अपने-अपने स्टार्टअप्स को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं। इन स्टार्टअप्स के द्वारा भारत भी लगातार विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है। हुरून रिसर्च इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट्स के अनुसार भारत यूनिकॉर्न के मामले में पूरे विश्व में तीसरे नंबर पर आ चुका है।
क्या होते हैं यूनिकॉर्न स्टार्टअप
एक छोटे से आइडिया के साथ शुरू हुआ स्टार्टअप जब 1 बिलियन डॉलर या उससे अधिक की वैल्यूएशन को पार कर लेता है, तो उसे यूनिकॉर्न स्टार्टअप कहते हैं।
आज भारत में ऐसे यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स की संख्या बढ़ती जा रही है। साल दर साल कई भारतीय स्टार्टअप्स हैं, जो यूनिकॉर्न की केटेगरी में अपना स्थान बना रहे हैं।
आज जानिये ऐसे ही 5 स्टार्टअप्स के बारे में जो 2022 में बने हैं यूनिकॉर्न –
फिजिक्सवाला

फिजिक्सवाला एक एडटेक स्टार्टअप है, जिसकी स्थापना अलख पांडे ने की थी। एक छोटे से कमरे से शुरू होने वाले इस स्टार्टअप की नेटवर्थ उस समय 1.1 बिलियन तक पहुँच गयी, जब वेस्टब्रिज और जीएसवी वेंचर्स ने इसमें 100 मिलियन डॉलर का निवेश किया।
फ्रैक्टल (Fractal)

इस स्टार्टअप की स्थापना 2000 में रामाकृष्ण रेड्डी, प्रदीप सूर्यनारायण, निर्मल पलापार्थी, प्रणय अग्रवाल और श्रीकान्त वेलामकानी ने मिलकर की थी। इसका उद्देश्य कम्पनियों को एडवांस अनलिटिक्स और एआई आधारित सॉल्यूशंस देना है। इस स्टार्टअप ने 5 राउंड में 685 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई है।
लिवस्पेस (Livspace)

2014 में अनुज श्रीवास्तव और रमाकांत शर्मा द्वारा शुरू की गयी लिवस्पेस इंटीरियर और रेनोवेशन के प्रीडिज़ाइन लुक चुनने में हेल्प करता है। इस कंपनी ने हाल ही में फंडिंग के द्वारा 450 मिलियन डॉलर जुटाए हैं, इसके साथ ही कंपनी की नेटवर्थ 1 अरब डॉलर के पार पहुँच गयी है।
पर्पल (Purplle)

2012 में मनीष तनेजा और राहुल दास ने पर्पल कंपनी शुरू की, जो कि कास्मेटिक और घरेलु उपकरणों के लिए एक ऑनलाइन मार्केट है। इस वर्ष पर्पल 33 मिलियन डॉलर की फंडिंग के साथ 1.1 बिलियन डॉलर की वैल्यूएशन को पार कर यूनिकॉर्न की लिस्ट में शामिल हो चुका है।
Xpressbees

2015 में अमिताभ साहा और सुपम माहेश्वरी द्वारा शुरू की गयी Xpressbees भी यूनिकॉर्न लिस्ट में शामिल हो चुका है। लोजिस्टिक्स सेवाएं प्रदान करने वाले Xpressbees ने 30 करोड़ डॉलर की फंडिंग जुटाई है। इस प्रकार यह कंपनी भी 40 करोड़ डॉलर की कुल वैल्यूएशन के साथ यूनिकॉर्न की सूची में शामिल हो गयी है।
भारत में चल रही स्टार्टअप्स की लहर में ऐसे कई स्टार्टअप हैं, जिनकी वैल्यूएशन 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा की हो गयी है और इन्होंने यूनिकॉर्न की सूची में अपना नाम शामिल किया है। इसके साथ ही ये स्टार्टअप्स देश की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
आपको हमारा यह लेख कैसा लगा, इसके बारे में अपने विचार हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं। इसके अलावा आप अगर एक व्यापारी हैं और अपने व्यापार में कठिन परेशानियों का सामना कर रहे हैं और चाहते हैं कि स्टार्टअप बिज़नेस को आगे बढ़ाने में आपको एक पर्सनल बिज़नेस कोच का अच्छा मार्गदर्शन मिले तो आपको Anybody Can Earn का चुनाव ज़रूर करना चाहिए जिससे आप अपने बिज़नेस में एक अच्छी हैंडहोल्डिंग पा सकते हैं और अपने बिज़नेस को चार गुना बढ़ा सकते हैं।