Mohd. Jafar: यूपी पुलिस के यह सिपाही कभी बनना चाहते थे IAS, लेकिन आज गरीब बच्चों के सपनों को दिला रहे हैं पहचान

मो. जाफर (Mohd. Jafar): This constable of UP Police once wanted to become an IAS, but today he is giving recognition to the dreams of poor children.

बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो अपने सपनों को छोड़ कर दूसरों के सपनों को पूरा करने में अपना पूरा जीवन लगा देते हैं। इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण हैं उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही के पद पर तैनात मोहम्मद जाफर। जो कभी IAS ऑफिसर बनना चाहते थे लेकिन परिस्थितियों के कारण वो अपना यह सपना पूरा नही कर पाए। लेकिन हार मानने की बजाय उन्होंने यूपी पुलिस में बतौर सिपाही नौकरी की और इसके साथ ही वो गरीब बच्चों को नि-शुल्क शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। ड्यूटी खत्म करने के बाद रोजाना एक घंटे गरीब बच्चों को निशुल्क पढ़ाते हैं।

अपने सपनों को छोड़ कर दूसरे के सपनों को सच करने में अपना जीवन लगाना मोहम्मद जाफर के लिए आसान नहीं था।

तो आइए जानते हैं मोहम्मद जाफर के जीवन के प्रेरक सफर के बारे में।

IAS बनना चाहते थे मो. जाफर

उत्तर प्रदेश के रहने वाले सिपाही मोहम्मद जाफर बचपन से ही सिविल सर्विस में जाने का सपना देखते थे। वो आईपीएस ऑफिसर बनना चाहते थे। लेकिन विपरीत परिस्थितियों के कारण बीएससी करने वाले मो. जाफर का सिविल सर्विसेज में जाने का सपना पूरी नहीं हो पाया। लेकिन हार मानने की बजाय उन्होंने समाज के लिए कुछ करने की ठानी।

गरीब बच्चों को देते हैं निःशुल्क शिक्षा

खुद एक आईपीएस अफसर बनने की चाह रखने वाले मो. जाफर का यह सपना तो पूरा ना हो सका। लेकिन बाद में मोहम्मद जाफर को उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही की नौकरी मिली। बड़े पद पर पहुंचकर सेवा करने का उनका खुद का सपना भले पूरा ना हो सका हो लेकिन सुविधाओं के अभाव में नई पीढ़ी के सामने भी यह समस्या आए, यह मोहम्मद जाफर नहीं चाहते हैं। बस इसी के चलते उन्होंने गोंडा जिले के अंतिम छोर पर स्थित चचरी में पुलिस चौकी के बगल में ही एक पेड़ के नीचे गांव के छात्रों के लिए फ्री ट्यूशन शुरू कर एक पहल की। जिसके चलते उन्होंने तो खूब शोहरत तो कमाई ही साथ ही यूपी पुलिस का नाम भी रोशन कर दिया। उन्होंने खुद महसूस किया है कि कैसे पैसों की कमी के कारण गरीब बच्चों को शिक्षा नहीं मिल पाती। वो नहीं चाहते थे कि उनकी तरह किसी और बच्चे का भी सपना अधूरा रह जाए इसलिए उन्होंने गरीब बच्चों को पढ़ाने का फैसला किया। जिसके लिए वो अपनी ड्यूटी खत्म करने के बाद घूमने-टहलने या टाइम पास करने की बजाय रोज गरीब बच्चों को पढ़ाने का काम करते हैं। इस क्लास की पहचान आज पुलिस सर की पाठशाला के नाम से हो गई है।

10 वीं तक के बच्चों को देते हैं शिक्षा

मोहम्मद जाफर चचरी पुलिस चौकी के बगल में जो पाठशाला चलाते है वहां वो किसी भी बच्चे से फीस नहीं लेते। मो. जाफर को प्यार से बच्चे पुलिस सर के नाम से पुकारते हैं। वो अपनी इस पाठशाला में कक्षा 1 से 10 तक के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते हैं। यहां एक घंटे में बच्चों को गणित, साइंस समेत लगभग सभी विषयों की क्लास करने को मिलती है। इतना ही नहीं इसी पाठशाला में नवोदय स्कूल में एडमिशन लेने की तैयारी करने वाले बच्चे भी ट्यूशन पढ़ते है। उनके पढ़ाने के अलग तरीके के कारण ही बच्चे उनकी ओर आकर्षित होते है और लगातार क्लास में आते हैं।

भले ही मो. जाफर का आईपीएस बनने का सपना नहीं पूरा हो पाया लेकिन वह चाहते हैं कि उनके पढ़ाए इन बच्चों में से कोई ये सपना पूरा करे। उनका कहना है कि उनके इस प्रयास से अगर कोई भी बच्चा कामयाब हो गया तो वह समझेंगे कि उनकी ख्वाहिश पूरी हो गई। मो. जाफर आज अपने इस काम से लाखों लोगों को प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने अपनी मेहनत से सफलता की नई कहानी लिखी है।

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