आपने कई संस्थानों में या फिर दूसरे माध्यमों के ज़रिए मोटिवेश्नल स्पीकर्स को जरूर सुना होगा. उनके द्वारा दी गई बड़ी सीख को अपनी जिंदगी का हिस्सा भी बनाया होगा. लेकिन ऐसे कुछ ही स्पीकर्स होंगे, जिनकी स्पीच ने आपको शुरू से आख़िरी तक अपनी सीट पर बैठे रहने के लिए मजबूर किया होगा.

दरअसल बेहतरीन कम्यूनिकेशन की कला तो बहुत से स्पीकर्स जानते हैं, लेकिन स्पीच के दौरान किन टॉप सीक्रेट्स का उपयोग किया जाना चाहिए, इस कला में कम ही स्पीकर्स को महारथ हासिल होती है. भारत में कई बेस्ट मोटिवेश्नल स्पीकर्स (Best Motivational Speaker in India) मौजूद हैं, जो अपनी बेहतरीन स्पीच को तालियों की गूंज में बदलना बखूबी जानते हैं. लेकिन क्या आप उन टॉप सीक्रेट्स को जानते हैं, जिनका उपयोग मोटिवेश्नल स्पीकर्स करते हैं?

चलिए आज हम आपको मोटिवेश्नल स्पीकर्स के द्वारा उपयोग किए जाने वाले उन टॉप सीक्रेट्स के बारे में बताते हैं, जिनके बारे में शायद ही आपको किसी ने बताया होगा.

1. सिक्कों के दोनों पहलूओं को तराशने का गुण (The Ability to Understand both sides of the Coin)

सामान्य व्यक्ति किसी भी परिस्थिति को एक ही नज़रिए से देखता है, लेकिन मोटिवेश्नल स्पीकर हमेशा सिक्के के दोनों पहलुओं को तराशने के बाद ही किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचता है. इसके साथ ही उन दोनों परिदृश्य को ऑडियंस को उदाहरणों के माध्यमों से विस्तारपूर्वक समझाता है. स्पीकर्स का यही गुण उन की बेहतरीन स्पीच का सबसे बड़ा सीक्रेट होता है. आपका किसी भी परिस्थिति को एक ही नज़रिए से देखने का तरीका आपको कंफ्यूजन में ड़ालता है, लेकिन मोटिवेश्नल स्पीकर अपनी दूरदर्शी नज़र का उपयोग कर उस कंफ्यूजन को दूर करता है.

2. असंभावना में संभावना की खोज़ (Discovery of Possibility in Impossibility)

किसी रूकावट को बहाना बनाकर काम को कल पर टालने की प्रवृत्ति एक अच्छे स्पीकर का गुण नहीं होती है. बल्कि उस रूकावट को ही अवसर बना लेना मोटिवेश्नल स्पीकर का सबसे बड़ा सीक्रेट होता है. भारत में प्रसिद्ध बिजनेस मोटिवेश्नल स्पीकर (Business Motivational Speaker in India) डॉ विवेक बिंद्रा इस बात का अच्छा उदाहरण हैं. कई अवसर पर उन्होंने बड़ी रूकावटों को भी बेहतरीन अवसर में बदलने और बड़ी सीख के तौर पर उदाहरण सेट करने का काम किया है. इस वीडियो के माध्यम से हम डॉ विवेक बिंद्रा के उन उदाहरणों को जान सकते हैं. किसी भी मोटिवेश्नल स्पीकर का यह दूसरा सीक्रेट होता है कि उसके किसी भी काम को रूकावटें नहीं रोक सकती हैं.

3. पैनी नज़र दिलाती है सबका अटेंशन (Grab Everyone’s Attention with the Sharp Glance) 

ऑडियंस में बैठे किसी व्यक्ति द्वारा बार-बार फोन का उपयोग किया जाना शायद स्पीकर नज़रअंदाज कर दें. आपके कानों में लगी ईयरफोन को भी स्पीकर की नज़र छोड़ सकती है, लेकिन जब ऑडियंस में बैठे किसी दूसरे व्यक्ति को आप अपना सहयोगी बनाने का प्रयास करते हैं तो स्पीकर की नज़र से आप मुश्किल ही बच पाते हैं. तब मोटिवेश्नल स्पीकर बड़े ही सकारात्मक अप्रोच के साथ अपनी पूरी स्पीच में आपको भी अपने आकर्षण का केंद्र बना लेता है. मोटिवेश्नल स्पीकर की पैनी नज़र में जब आप अपना स्थान बना लेते हैं, तो वह अपने हर उदाहरण में आपको शामिल कर लेता है. जिससे बाकी ऑडियंस भी अपना पूरा फोकस स्पीकर को सुनने में लगाती है. मोटिवेश्नल स्पीकर की पैनी नज़र ही उसका तीसरा और सबसे बड़ा सीक्रेट होती है.

बोलना हम सभी जानते हैं, शायद कुछ लोगों ने ज्ञानवर्धक भाषण भी कई बार दिया होगा. लेकिन कम्यूनिकेशन एक कला है और उसका सही उपयोग करने वाला व्यक्ति एक अच्छा कलाकार कहलाता है. मोटिवेश्नल स्पीकर इन दोनों ही खूबियों को बखूबी जानता भी है और समझता भी है. उसके द्वारा प्रयोग किए जाने वाले कुछ सीक्रेट्स इस कला को और निखार देते हैं. भारत में बहुत से मोटिवेश्नल स्पीकर्स (Motivational Speakers in India for Students) हैं, जो स्टूडेंट्स को इस कला को विस्तार पूर्वक समझाते हैं.

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