अपने सपनों के पीछे भागने वाले ही अपने सपनों को पूरा करते हैं। इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण हैं भारतीय क्रिकेट के बापू कहे जाने वाले लेफ्ट आर्म स्पिनर अक्षर पटेल। अक्षर ने अपने घरवालों की इच्छा के विपरीत जाकर क्रिकेट को चुना और उसमें सफलता पाई।

क्रिकेटर अक्षर पटेल के पिता चाहते थे कि वे इंजीनियर बनें क्योंकि अक्षर शुरू से ही पढ़ाई में तेज थे लेकिन अक्षर क्रिकेट की पिच पर अपनी स्पिन का जादू बिखेरना चाहते थे। इसलिए उन्होंने परिवार के विरूद्ध जाकर क्रिकेट को चुना।

क्रिकेटर अक्षर पटेल के जीवन का बचपन से अब तक का सफर

अक्षर पटेल के लिए किक्रेट की दुनिया में खास पहचान बनाने का सफर आसान नहीं था। तो आइए जानते हैं उनके जीवन के प्रेरक सफर के बारे में।

बचपन से ही पढ़ाई में थे तेज

अहमदाबाद से 60 किलोमीटर दूर नादियाड़ में एक छोटे से बंगले 'राजकिरण' में एक सामान्य परिवार में जन्में अक्षर पटेल शुरू से ही पढ़ाई में तेज थे। उनके माता-पिता चाहते थे कि वो पढ़-लिख कर इंजीनियर बनें।

अक्षर जब 12 साल के थे तो उनके सामने खेल या पढ़ाई में से एक को चुनने का विकल्प था, उस समय उन्होंने खेल को चुना। साल 1996-2015 तक खेड़ा जिला क्रिकेट के सचिव और सहसचिव संजयभाई पटेल ने अक्षर के अंदर छिपी प्रतिभा को पहचाना और उनके पिता को मनाया कि वह उन्हें क्रिकेटर बनने दें।

14 साल की उम्र में शुरू की कोचिंग

संजयभाई पटेल ने अक्षर पटेल को 14 साल की उम्र से ही कोचिंग देना शुरू कर दिया था। 'शुरुआत में, जूनियर स्तर पर वह एक लेफ्ट आर्म तेज गेंदबाज थे। आमतौर पर जब उनकी टीम मैच जीतती थी, तो वह मजे लेने के लिए लेफ्ट आर्म स्पिन गेंदबाजी करते थे। वह दुबले थे, अपनी उम्र के लिहाज से लंबे थे। उनकी सटीकता के कारण उन्हें विकेट मिलने लगे।

अक्षर इंटर डिस्ट्रिक्ट टूर्नामेंट में मैन ऑफ द सीरीज रहे थे। उन्हें बेस्ट बैट्समैन और बेस्ट बाएं हाथ के तेज गेंदबाज का पुरस्कार मिला था। तभी अक्षर ने लेफ्ट आर्म स्पिन गेंदबाजी करना शुरू किया था।

ऐसे किया किक्रेट में आगाज़

अक्षर जब 17-18 साल के थे, तब उन्होंने बैंगलोर में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में 21-दिवसीय कैम्प में हिस्सा लिया था। अक्षर पटेल पहले व्यक्ति थे जो अपने राज्य से इस कैम्प में गए थे।

साल 2012 में रणजी ट्रॉफी में अक्षर पटेल ने गुजरात के लिए पदार्पण किया। यहां उन्होंने अपने स्पिन का जादू दिखाया।

जून 2014 में उन्होंने ढाका में भारत के लिए क्रिकेट में डेब्यू किया था। इसके बाद उन्होंने जुलाई 2015 में टी-20 में डेब्यू किया था। अक्षर पटेल डेब्यू टेस्ट मैच में ही पांच या उससे ज्यादा विकेट लेने वाले छठे भारतीय स्पिनर बन गए थे।

अक्षर पटेल अभी आईपीएल में दिल्ली की ओर से खेल रहे हैं और वे मौजूदा आईपीएल में उम्दा प्रदर्शन कर रहे हैं। अक्षर पटेल ने अपनी मेहनत और लगन से सफलता की कहानी लिखी है। आज वे लाखों युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं।