उम्दा सोच रखने वाले व्यक्ति अक्सर कमाल करते हैं और देश या विश्व को नवीन विकास से रूबरू भी कराते हैं. देश और विदेश में वैसे तो कई व्यक्ति हैं, जो इस महामारी के दौर में नई-नई किस्मों के उपकरणों को ईजाद कर रहे हैं लेकिन पूणे स्थित इस स्टार्टअप की इस नवीन रचना के बारे में अगर जिक्र न किया जाए तो ऐसा करना इस स्टार्टअप के लोगों के साथ बेमानी करने जैसा होगा. दरअसल पूणे में एक स्टार्टअप फर्म है, जिसका नाम थिंकर टेक्नोलॉजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड है. इस फर्म ने देश को एक ऐसा मास्क विकसित करके दिया है, जो 3डी प्रिंटिड है और एंटीवायरल भी है. चलिए इस मास्क के बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं.

कैसा है यह मास्क और कैसे करता है बचाव

यह मास्क एंटी-वायरल एजेंटों से लेप किए हुए होता है, जिन्हें आमतौर पर “वायरुसाइड्स” के रूप में आम लोग जानते हैं. इस मास्क में कुछ लेयर्स हैं, जिनमें कुछ महत्वपूर्ण दवाओं का लेप और यह लेप इंसान को वायरस की चपेट में आने से भी बचाता है और वायरस को निष्क्रिय करने का भी काम करता है. मास्क पर कोटिंग के लिए जिस सामग्री का उपयोग किया गया है वह सोडियम ओलेफिन सल्फोनेट आधारित एक मिश्रण है. यह हाइड्रोफिलिक और हाइड्रोफोबिक गुणों वाला साबुन बनाने वाला एजेंट है. छाए हुए विषाणुओं के संपर्क में आने पर यह विषाणु की बाहरी झिल्ली को तोड़ने का काम करता है. इसमें उपयोग की जाने वाली सामग्री कमरे के तापमान पर स्थिर होती है और सौंदर्य प्रसाधनों में व्यापक रूप से उपयोग में लाई जाती है.

दरअसल जब 2020 में कोरोना भारत में अपने पैर पसार रह था तभी इस स्टार्टअप को कुछ नए किस्म के समाधानों की खोज करने के लिए प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड द्वारा वित्तीय मदद प्राप्त हुई थी, इसके बाद से ही थिंकर टेक्नोलॉजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड फर्म इस योजना पर काम कर रही थी और अब यह मास्क बन कर बाजार में आने के लिए तैयार हो चुका है. इसकी खासियतों की भी अगर बात की जाए तो इसे सामान्य N95 मास्क की तुलना में कोरोना के लिए बेहतर बताया जा रहा है.

विचार की उत्पत्ति कहाँ से हुई

थिंकर टेक्नोलॉजीज इंडिया नए फार्मास्युटिकल फॉर्मूलेशन और विभिन्न दवाओं के ड्रग-लोडेड फिलामेंट्स की खोज के लिए फ्यूज्ड डिपोजिशन मॉडलिंग (एफडीएम) के लिए 3डी-प्रिंटर के विकास पर काम करती है. फर्म के संस्थापक और निदेशक डॉ. शीतलकुमार जंबद के अनुसार, जब देश में कोविड की शुरुआत हुई थी तभी से उन्होंने इस बात को मान लिया था कि फेसमास्क महत्वपूर्ण उपकरणों के रूप में पूरे विश्व में उपयोग किया जाने वाला है. कुछ समय बाद हमने देखा कि ज्यादातर मास्क, जो तब उपलब्ध थे और आम लोगों की पहुंच में थे, वे घर के बने थे और अपेक्षाकृत कम गुणवत्ता वाले थे. हमें यहीं से विचार आया कि क्यों न अधिक कुशल विषाणुनाशक लेप (Antiviral) वाले मास्क को विकसित करने की योजना बनायी जाए और इस मास्क का निर्माण किया गया.

कब होंगे बाजार में उपलब्ध

थिंकर टेक्नोलॉजीज इंडिया प्रा. लिमिटेड ने 3डी प्रिंटिड है और एंटीवायरल मास्क के निर्माण कार्य को शुरू कर दिया है. अभी तक इन मास्कों को नासिक और बेंगलुरु के चार सरकारी अस्पतालों स्वास्थ्यकर्मियों के उपयोग के लिए और साथ ही बेंगलुरु में एक गर्ल्स स्कूल और कॉलेज में भी मास्क को पहुंचाने का काम किया है. जल्द ही बाजार में बिक्री के लिए भी यह मास्क मौजूद होंगे.