इस वक्त पूरी दुनिया कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी का सामना कर रही है. इस मुश्किल समय में एक बड़ी आबादी के सामने आर्थिक चुनौतियां बढ़ गई है. हालांकि लॉकडाउन (Lockdown) में ढील मिलने के बाद से उद्योग धंधे शुरू तो हुए है, लेकिन छोटे व्यवसायी कारोबार चौपट होने से परेशान है. दरअसल महामारी का सबसे जादा बुरा प्रभाव छोटे व्यवसाय करने वालों पर पड़ा हैं. परिणामस्वरूप देश में अनगिनत दुकानों के शटर मार्च के बाद से खुले ही नहीं है. जबकि अभी भी कई लोग अपने व्यवसाय को दोबारा खड़ा करने की रणनीति तलाश रहे है. ऐसे ही कुछ सुझाव यहां दिए गए हैं जो छोटे उद्यमियों को अपने व्यवसाय में नई जान फूंकने में मदद कर सकते हैं-

आर्थिक नुकसान का आकलन:

प्रत्येक उद्यमी को कोविड-19 लॉकडाउन में व्यवसाय पर कितना बुरा असर पड़ा है, इसका विश्लेषण और गणना करने की आवश्यकता है. इसके लिए सबसे पहले उद्यमी को अपना वित्तीय विवरण यानि की हिसाब किताब अपडेट करना पड़ेगा. इसमें फायदा, नुकसान और कैश फ्लो जैसी अहम जानकारियां शामिल होंगी. नुकसान का सही अनुमान लगाने के लिए पिछले साल इसी अवधी में हुए बिजनेस से तुलना करनी होगी. इसके बाद ही बिजनेस को दोबारा खड़ा करने की रणनीति बनाई जा सकती है.

नया बिजनेस प्लान:

कंज्यूमर पर कोविड-19 के विपरीत प्रभाव के कारण बिजनेस प्लान को बदलना बेहद जरुरी है. क्योकि मार्च महीने का बिजनेस प्लान कोरोना काल में बेहतर परिणाम नहीं दे सकता है. लॉकडाउन के लगने के बाद से कंज्यूमर की खरीददारी करने का तरीका बदल चुका है. इसलिए व्यवसाय की रणनीति को फिर से तैयार करना और कुछ बढ़िया ट्यूनिंग करना बहुत महत्वपूर्ण है. बिजनेस प्रतियोगी के प्लान पर बारीकी से नजर रखना निश्चित रूप से आपके कारोबार को फिर जीवित कर सकता है.

कार्यशील पूंजी पर ध्यान केंद्रित करना

जब कोई उद्यमी व्यवसाय के पुनर्निर्माण के लिए पहल करता है, खासकर कोरोना काल में कार्यशील पूंजी की अहमियत बहुत बढ़ जाती है. बिना इस पर ध्यान केंद्रित किए कारोबार को फिर खड़ा करना मुश्किल है. इस अनिवार्यता के बिना, व्यवसाय मॉडल को फिर से खोलने की सभी योजनाएं असफल हो जाएंगी. ऐसे में एक स्थायी और उपयुक्त कर्ज देने वाले विकल्प की तलाश जरुर करनी चाहिए, जो मुश्किल समय में जरुरत पड़ने पर आपकी मदद कर सकता है.

बजट खाता में सुधार

सभी बिजनेस आईडिया में कुछ फायदे और नुकसान होते है. कोविड-19 महामारी से अपने व्यवसाय को बाहर निकालने के लिए आपको नई पूंजी लगनी पड़ सकती है, इसके बाद ही पैसा कमाया जा सकता है. हालांकि इस दौरान व्यवसाय में लगे गैरजरुरी पैसे- मौद्रिक अपशिष्ट की बारीकी से पहचान कर काम को आसान बनाया जा सकता है. अपने ऑपरेटिंग बजट को जितना संभव हो सके कम करें, इससे व्यवसाय को मजबूत करने के लिए आपके पास अधिक पैसे बचेंगे. साथ ही जरुरत के हिसाब से निवेश को बाध्य भी जा सकता है.

अगले संकट की तैयारी

हर बिजनेस प्लान में आकस्मिक योजना का होना बेहद जरुरी होता है. कोरोना काल शायद आखिरी बार हो, लेकिन हर बिजनेस का पुनर्निर्माण करने का यह सबसे प्रभावी तरीका माना जाता है. पिछली गलतियों से सीखें और अगले संकट के लिए आकस्मिक योजना पर काम करना शुरू करें. व्यर्थ के खर्चों में कटौती करके मुनाफा बचाने और अपने आप को व्यवसाय के नए तरीके के लिए अनुकूल बनाकर एक उद्यमी लंबे समय तक बाजार में मजबूती के साथ टिका रह सकता है. इसके अलावा सबसे खराब स्थिति की तैयारी के लिए आउट-ऑफ-द-बॉक्स सोचना भी अवश्य फलदायी साबित होगा.