किसी भी प्रकार का निवेश करने से पहले उसके हर पहलुओं का बारीकी से निरिक्षण करना बेहद आवश्यक होता है, ताकि निवेश से पहले यह निर्धारित हो जाएं कि आपका पैसा सुरक्षित है. साथ ही यह भी अंदाजा हो जाएगा की आपको उस निवेश से कितनी मुनाफा मिल सकता है. कोई भी निवेश तभी सफल होता है, जब उसे सही तरीके और सही नीतियों के साथ अपनाया जाए. यहां हम आपको निवेश करते समय ध्यान रखने वाले कुछ अहम पहलुओं पर ध्यानाकर्षित करेंगे.

निवेश की तैयारी-

आपको चाहिए कि आप अपनी शुरुआत की कमाई से ही लंबी अवधि के लिए निवेश करना शुरू कर दें. वित्तीय उत्पादों संदर्भित जैसे जमा, म्युचुअल फंड, शेयर अथवा बांड इत्यादि में करना चाहिए. लेकिन इनमें सफलतापूर्वक निवेश करने में सक्षम होने के लिए कुछ कदम उठाने की आवश्यकता होती है. निवेश की तैयारी के लिए निम्नलिखित वित्तीय गतिविधियों को अवश्य पूरा करें.

बैंक एकाउंट की जरुरत-

निवेश शुरू करने के लिए किसी स्थापित बैंक में खाता होना बहुत जरूरी है. इस बैंक खाते को निवेश रिकॉर्ड के साथ पंजीकृत करना चाहिए, जिसका उपयोग आप वित्तीय उत्पादों में निवेश के लिए योजना बना रहे हैं. उदाहरण के लिए अगर आप  व्यवस्थित निवेश योजना (SIP)में इन्वेस्ट करने जा रहे हैं तथा बैंक खातों में आटोमेटिकली डेबिट की सुविधा का उपयोग करना चाहते हैं. इससे निवेश को भुनाते समय बैंक जनादेश में बदलाव की जरूरत से बचने में मदद मिलती है. अगर परिस्थितिवश आप खाता बदलते हैं या स्विच करते हैं तो अपने सभी निवेशों को नये बैंक खाते में ट्रांसफर करना सुनिश्चित कर लें.

केवाईसी है बेहद जरुरी-

किसी भी निवेश के साथ आगे बढ़ने से पहले 'नो योर कस्टमर' एक अनिवार्य कदम है, वह चाहे म्यूचुअल फंड हो अथवा फिक्स्ड डिपॉजिट इत्यादि. निवेश और कागजी कार्रवाई के समय प्रतियां उपलब्ध कराने के लिए पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट और एड्रेस प्रूफ जैसे पहचान वाले दस्तावेज की जरूरत पड़ती है. इसकी व्यवस्था पहले से कर लें.

लाभार्थी का नामांकन-

आमतौर पर लोग निवेश के समय नामांकन/नामांकित विवरण  को दर्ज नहीं कराते. यद्यपि इस बात की द्दढ़ता से सिफारिश की जाती है, कुछ मामलों में तो इस तरह के विवरण दर्ज करना अनिवार्य रखा गया है. यदि किन्हीं वजह से प्रत्याशियों को बदलना आवश्यक होता है, तो आपको अपने प्रत्येक निवेश के लिए नया नामांकन दर्ज करना चाहिए, ताकि किसी तरह की दुर्घटना अथवा मृत्यु की स्थिति में आपके द्वारा नामांकित व्यक्ति को ही आपके निवेश का लाभ मिल सके.

होल्डिंग का तरीका- संयुक्त/एकल-

निवेश करते समय होल्डिंग्स का प्रबंधन भी एक महत्वपूर्ण पहलू है. सुचारु संचालन के लिए संयुक्त, अथवा उत्तरजीवी- संचालन की विधा का चयन करते समय आपको उचित विचार करने की आवश्यकता है. आप अपने धारक के क्रम को मत भूलें, चूंकि पहले धारक को प्रार्थमिक धारक माना जाता है इसीलिए पहले धारक को प्राथमिक धारक माना जाता है और सभी संचार और भुगतान आमतौर पर उसे किए जाते हैं.

इन बातों पर भी करें गौर-

एक बार जब आप निवेश शुरू करते हैं, तो निवेश की तारीख, निवेश खाता/फोलियो नंबर, धारक का नेचर, नामांकन, बैंक खाता नंबर जैसे संबंधित विवरणों के साथ अपने निवेश का रिकॉर्ड बनाएं. और एक ही अपडेट रखें. इसके अलावा, उन सभी लेनदेन, डेबिट जनादेश और बयानों पर भी नजर रखें जो आपको नियमित रूप से प्राप्त होते हैं, ताकि बाद में आपको किसी तरह का शॉक नहीं लगे.